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सिंचाई परियोजनाओं पर सियासत, सीएम ने कांग्रेस पर करोड़ों के अनियमित भुगतान का लगाया आरोप

करोड़ों रुपये की लागत से सिंचाई परियोजनाओं के लोकार्पण कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि, 'पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 2 हजार 150 करोड़ रुपये का अनियमित भुगतान किया था.'

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Published : Dec 14, 2020, 8:34 PM IST

Chief Minister Shivraj Singh Chauhan
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

भोपाल। सिंचाई परियोजनाओं के लोकार्पण को लेकर आरोपों का सिलसिला शुरू हो गया है. वहीं इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि, 'सिंचाई परियोजना के नाम पर पिछली सरकार ने दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का अनियमित भुगतान किया था.'

मिंटो हॉल में 392.17 करोड़ रुपये की लागत से सिंचाई परियोजनाओं के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, 'पूर्व सरकार में बिना कार्ययोजना, सर्वे और टैंक डिजाइन में अप्रूवल के ही 2 हजार 150 करोड़ रुपये का अनियमित भुगतान कर दिया.'

50 नई सिंचाई योजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअली 9 जिलों की 50 नई सिंचाई योजनाओं का लोकार्पण किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि नई योजनाओं से 16 हजार 336 हेक्टेयर अतिरिक्त कृषि भूमि की सिंचाई होगी.

सीएम ने क्या कहा ?

मुख्यमंत्री ने अपने वर्चुअल कार्यक्रम से प्रदेश की अलग-अलग जिलों में पूर्ण हो चुकी योजनाओं का लोकार्पण भी किया. सिंचाई परियोजना का लाभ मिलने वाले जिलों के किसानों से वर्चुअल बात की. इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, 'जब 15 साल पहले कांग्रेस की सरकार बनी थी, तब सिंचाई के नाम पर कुछ नहीं किया गया. हमने सिंचाई का बजट बढ़ाकर 10 हजार करोड़ रुपये तक कर दिया है.'

उन्होंने कहा कि, 'प्रदेश में सिंचाई के रकबे को 65 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया जाएगा. नर्मदा के जल का पूरा उपयोग करने के लिए प्रदेश में 27 बड़ी, 47 मध्यम और 287 लघु सिंचाई परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं. इनकी लागत 60 हजार करोड़ रुपये है. इन सभी की सिंचाई क्षमता 24 लाख हेक्टेयर होगी.' मुख्यमंत्री ने कहा कि, 'पाइप के जरिए भी खेतों तक पानी पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. इससे पानी की एक-एक बूंद का उपयोग हो सकेगा.'

उन्होंने कहा कि, 'कृषि कानून के तहत मंडी बंद नहीं होंगी. किसान मंडी के बाहर भी उत्पादन बेचा जा सकेगा. अगर व्यापारी को उत्पादन बेचने पर अधिक मुनाफा होता है, तो वह किसान का अधिकार होना ही चाहिए. इसमें किसी को आपत्ति क्या है ? नए कानून में प्रावधान किया गया है कि, किसान अपना उत्पाद निर्यात या निजी मंडी कहीं भी भेज सकता है. ये कानून किसानों के कल्याण के लिए है.'

कांग्रेस ने लगाया था आरोप

गौरतलब है कि, सिंचाई परियोजनाओं के लोकार्पण को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि, मुख्यमंत्री द्वारा जिन परियोजनाओं का लोकार्पण किया जा रहा है, वह कमलनाथ सरकार के दौरान शुरू हुई थी.

भोपाल। सिंचाई परियोजनाओं के लोकार्पण को लेकर आरोपों का सिलसिला शुरू हो गया है. वहीं इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि, 'सिंचाई परियोजना के नाम पर पिछली सरकार ने दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का अनियमित भुगतान किया था.'

मिंटो हॉल में 392.17 करोड़ रुपये की लागत से सिंचाई परियोजनाओं के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, 'पूर्व सरकार में बिना कार्ययोजना, सर्वे और टैंक डिजाइन में अप्रूवल के ही 2 हजार 150 करोड़ रुपये का अनियमित भुगतान कर दिया.'

50 नई सिंचाई योजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्चुअली 9 जिलों की 50 नई सिंचाई योजनाओं का लोकार्पण किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि नई योजनाओं से 16 हजार 336 हेक्टेयर अतिरिक्त कृषि भूमि की सिंचाई होगी.

सीएम ने क्या कहा ?

मुख्यमंत्री ने अपने वर्चुअल कार्यक्रम से प्रदेश की अलग-अलग जिलों में पूर्ण हो चुकी योजनाओं का लोकार्पण भी किया. सिंचाई परियोजना का लाभ मिलने वाले जिलों के किसानों से वर्चुअल बात की. इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, 'जब 15 साल पहले कांग्रेस की सरकार बनी थी, तब सिंचाई के नाम पर कुछ नहीं किया गया. हमने सिंचाई का बजट बढ़ाकर 10 हजार करोड़ रुपये तक कर दिया है.'

उन्होंने कहा कि, 'प्रदेश में सिंचाई के रकबे को 65 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया जाएगा. नर्मदा के जल का पूरा उपयोग करने के लिए प्रदेश में 27 बड़ी, 47 मध्यम और 287 लघु सिंचाई परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं. इनकी लागत 60 हजार करोड़ रुपये है. इन सभी की सिंचाई क्षमता 24 लाख हेक्टेयर होगी.' मुख्यमंत्री ने कहा कि, 'पाइप के जरिए भी खेतों तक पानी पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. इससे पानी की एक-एक बूंद का उपयोग हो सकेगा.'

उन्होंने कहा कि, 'कृषि कानून के तहत मंडी बंद नहीं होंगी. किसान मंडी के बाहर भी उत्पादन बेचा जा सकेगा. अगर व्यापारी को उत्पादन बेचने पर अधिक मुनाफा होता है, तो वह किसान का अधिकार होना ही चाहिए. इसमें किसी को आपत्ति क्या है ? नए कानून में प्रावधान किया गया है कि, किसान अपना उत्पाद निर्यात या निजी मंडी कहीं भी भेज सकता है. ये कानून किसानों के कल्याण के लिए है.'

कांग्रेस ने लगाया था आरोप

गौरतलब है कि, सिंचाई परियोजनाओं के लोकार्पण को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि, मुख्यमंत्री द्वारा जिन परियोजनाओं का लोकार्पण किया जा रहा है, वह कमलनाथ सरकार के दौरान शुरू हुई थी.

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