भोपाल। कमलनाथ से 15 माह बाद सत्ता वापस हासिल करने के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपनी टीम बनाना मुश्किल नजर आ रहा है, क्योंकि हाल ही में जिस तरीके से सत्ता परिवर्तन में सिंधिया समर्थक विधायकों ने भूमिका निभाई है, ऐसे में मंत्रिमंडल में उन्हें शामिल कर पार्टी के नेताओं और अन्य सहयोगियों को संतुष्ट करना कहीं ना कहीं शिवराज सिंह चौहान के लिए मुश्किल नजर आ रहा है. शायद यही वजह है कि, पिछले 2 दिन में 4 से 5 बार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अलग-अलग बैठक कर चुके हैं. माना जा रहा है गुरुवार को मुख्यमंत्री दिल्ली जाएंगे और आलाकमान से चर्चा कर मंत्रियों के चेहरों पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी.
शिवराज कैबिनेट का विस्तार पहली बार में पांच मंत्रियों के साथ हुआ था, जानकारों की मानें तो अब शिवराज का दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार मे लगभग 22 से 24 मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है. विधायकों के आंकड़ों के हिसाब से मुख्यमंत्री 35 मंत्री बना सकते हैं, लेकिन जिस तरीके के हालात हैं, उससे माना रहा है कि शिवराज सिंह चौहान 22- 24 मंत्री बनाएंगे, बाकी मंत्रिमंडल विस्तार विधानसभा के उपचुनाव के बाद किया जा सकता है.
कहां से किसकी दावेदारी मजबूत, कौन मजबूरी
माना जा रहा है कि, मंत्रिमंडल मे सिंधिया के समर्थकों को शामिल किया जाएगा, कमलनाथ सरकार में सिंधिया समर्थक 6 मंत्री थे. बीजेपी में शामिल होने के बाद सिंधिया समर्थकों में सुर्खी से विधायक गोविंद सिंह राजपूत और इंदौर से विधायक तुलसी सिलावट को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, कई और विधायक मंत्री पद की दौड़ में है, जिनमें ग्वालियर से प्रदुम्न सिंह तोमर, डबरा से इमरती देवी, सांची से प्रभु राम चौधरी , बम्होरी से महेंद्र सिंह सिसोदिया, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव शामिल हैं, तो वहीं सरकार गिराने में सबसे पहली ईट गिराने वाले सुवासरा से पूर्व विधायक हरदीप सिंह डंग, गोंड जनजाति के सबसे बड़े नेता बिसाहू लाल और एदल सिंह कंसाना शामिल हैं, जो सबसे पहले सरकार गिराने की पहल करते हुए कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए थे. ऐसे में इन तीनों का भी मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है. यह वो तीनों नेता हैं, जो सीधे तौर पर गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संपर्क में थे और सबसे पहले इस्तीफा देकर विश्वासपात्र भी बने.
विंध्य क्षेत्र
विन्ध क्षेत्र से पिछली सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र शुक्ला और संजय पाठक प्रबल दावेदारों में हैं, इनमें से राजेंद्र शुक्ला सीएम शिवराज के विश्वसनीय और करीबी माने जाते हैं, तो वहीं संजय पाठक सरकार के करीबी हैं. संजय पाठक कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए थे और शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लघु सूक्ष्म उद्योग मंत्री बनाया था, इनके साथ ही केदार शुक्ला और गिरीश गौतम भी दावेदार माने जा रहे हैं, तो ही पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह को हराने वाले शरदेन्दु तिवारी भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं
बुंदेलखंड
बुंदेलखंड यानी सागर की बात करें तो, फिलहाल सिंधिया समर्थकों की सूची से पूर्व विधायक गोविंद सिंह राजपूत शिवराज सरकार में मंत्री हैं, इनके अलावा सागर के सबसे कद्दावर और बड़े नेताओं में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह शामिल हैं. खासतौर से भूपेंद्र सिंह सीएम शिवराज के काफी करीबी माने जाते हैं, तो वहीं गोपाल भार्गव ब्राम्हण वर्ग का सबसे बड़ा चेहरा हैं और कमलनाथ सरकार के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाते नजर आए थे, इनके साथ ही प्रदीप लारिया भी मंत्रिमंडल की दौड़ में शामिल है.
रायसेन भी अहम
राजधानी भोपाल से सटे जिले रायसेन की बात करें, तो जिले से सबसे बड़ा चेहरा रामपाल सिंह का है, जो शिवराज के काफी करीबी माने जाते हैं और इस क्षेत्र से लगातार विधायक रहे हैं. रामपाल सिंह शिवराज सरकार में कई अलग-अलग विभागों के मंत्री रहे हैं, फिलहाल रायसेन से सिंधिया समर्थक प्रभु राम चौधरी भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं.
मालवा क्षेत्र
मालवा क्षेत्र की बात करें तो, इंदौर से सबसे पहला नाम रमेश मेंदोला का आता है, जो बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के सबसे खास समर्थक हैं. इनके साथ ही उषा ठाकुर महिलाओं को प्रेरित करते हुए पड़ा चेहरा मंत्रिमंडल में नजर आ सकती हैं. फिलहाल सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट शिवराज सरकार में मंत्री हैं, तो वहीं अनिल जैन निमाड़ी और मोहन यादव भी इस बार मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नेताओं की दौड़ में हैं. खंडवा की बात करें तो, आदिवासियों का सबसे बड़ा चेहरा विजय शाह का आता है, जो शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं और राज परिवार से भी आते हैं. हालांकि इस क्षेत्र से कमल पटेल शिवराज सरकार में मंत्री हैं.
राजधानी भोपाल
भोपाल में मौजूदा समय में बीजेपी के 4 विधायक हैं, जिनमें से पूर्व मंत्री रहे विश्वास सारंग प्रबल दावेदारों की गिनती में शामिल हैं, सारंग बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश सारंग के बेटे हैं, इनके अलावा भोपाल से दूसरा नाम हिंदूवादी नेता रामेश्वर शर्मा का आता है जो मुख्यमंत्री और उनके परिवार के करीबी माने जाते हैं.
इन सभी नेताओं से साथ ही बीजेपी के दिग्गज नेताओं के समर्थक भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं. इन नेताओं में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के छोटे भाई जालम सिंह पटेल, पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, करण सिंह वर्मा, प्रेम शंकर वर्मा, ओमप्रकाश सकलेचा, चेतन कश्यप, जगदीश देवड़ा और सत्ता परिवर्तन में अहम भूमिका निभाने वाले अटेर के विधायक अरविंद भदौरिया जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भी करीबी माने जाते हैं. जैसे ने भी दावेदारी रखते हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन नेताओं में किसे अपनी टीम में शामिल करते हैं, ये तो मंत्रिमंडल विस्तार के बाद ही पता चलेगा. हालांकि इस मंत्रिमंडल विस्तार में संगठन और सरकार के बीच संतुलन बनाना बहुत आवश्यक होगा, आने वाले समय में प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है और ये मंत्रिमंडल विस्तार भी इसी नजरिए से किया जाएगा.