भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लगातार पेंच फंसता ही जा रहा है, कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर आरोप (Conflict between ruling party and opposition on OBC reservation in mp) लगा रही हैं, लेकिन विधानसभा में 27% ओबीसी आरक्षण को लेकर कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव के बाद अब लगने लगा है कि पंचायत चुनाव की तारीख सरकार (government will soon decide on stopping MP Panchayat elections 2021) आगे बढ़ा सकती है.
ओबीसी आरक्षण के साथ ही होंगे पंचायत चुनाव!
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में बार-बार इस बात पर जोर दिया कि ओबीसी को आरक्षण दिए बिना चुनाव नहीं होंगे तो वहीं नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सभी पहलुओं पर विचार हो रहा है और सरकार की कोशिश है कि ओबीसी को पंचायत चुनाव में 27% आरक्षण मिले और बगैर आरक्षण के चुनाव नहीं होंगे. इसका सीधा सा मतलब ये है कि फिलहाल पंचायत चुनाव असमंजस में है और हो सकता है कि चुनाव की तारीख आगे बढ़ जाए.
7 साल पुराने रोटेशन पर अध्यादेश क्यों लाई सरकार?
कांग्रेस लगातार कह रही है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी को 27% आरक्षण दिए जाने पर रोक लगाई तो राज्य सरकार के वकील सोते रहे, पूर्व विधि मंत्री पीसी शर्मा ने भी सवाल उठाए कि 2019 से लेकर अभी तक बीजेपी कोर्ट क्यों नहीं गई, सरकार को 7 साल पुराने रोटेशन पर अध्यादेश लाने की क्यों जरूरत पड़ी, उन्होंने सवाल किया कि यदि हमने परिसीमन पंचायतों का किया तो उस वक्त बीजेपी कोर्ट क्यों नहीं गई, यानी मंशा साफ है कि बीजेपी पंचायत चुनाव नहीं कराना चाहती है.
ओबीसी आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार
अब सरकार के लिए ओबीसी आरक्षण गले की फांस बन गई है, एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को साफ कह दिया है कि चुनाव संविधान के दायरे में ही कराएं, नहीं तो चुनाव निरस्त भी हो जाएंगे. जो संविधान में आरक्षण का प्रावधान 50% है, वही रहे, हो सकता है अब शिवराज सरकार 52 फीसदी ओबीसी को खुश करने के लिए फिलहाल चुनाव टाल दे या रोक लगा दे. शिवराज सरकार ओबीसी आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट (Shivraj government will go to Supreme Court for OBC reservation) का दरवाजा खटखटाने जाएगी.