इंदौर। पातालपानी रेलवे स्टेशन (Tantya Mama Statue inauguration in patalpani) अपनी नैसर्गिक सुंदरता और आदिवासियों के रॉबिनहुड कहे जाने वाले महान क्रांतिकारी की कर्मभूमि के नाम से तो प्रसिद्ध है ही, लेकिन यह एकमात्र ऐसा स्टेशन है, जहां अपने रॉबिनहुड की आस्था में ट्रेन कुछ क्षणों के लिए ठहर जाती है, अब राज्य सरकार इस इलाके का नाम भी टंट्या मामा के नाम पर करने जा रही है. आज टंट्या मामा का बलिदान दिवस (sacrifice day of tribals Robinhood Tantya Mama Bhil) है, शिवराज सरकार इस अवसर पर इंदौर में मेगा इवेंट का आयोजन कर रही है, जोकि पहले पातालपानी में ही प्रस्तावित था, लेकिन पानी भर जाने की वजह से इंदौर शिफ्ट कर दिया गया है. जहां आयोजित मेगा इवेंट में सीएम शिवराज के अलावा कई मंत्री और दिग्गज मौजूद रहेंगे.
कौन हैं आदिवासियों के रॉबिनहुड? जिनके नाम पर होगा पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम
टंट्या मामा के सम्मान के बहाने बीजेपी आदिवासियों के दिल में अपनी जगह बनाने की तैयारी कर रही है. राज्यपाल मंगुभाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह जनजातीय गौरव टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर उनकी कर्मस्थली पातालपानी में टंट्या मामा की प्रतिमा (Tantya Mama Statue inauguration in patalpani) का अनावरण कर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. इसके बाद नेहरू स्टेडियम इंदौर में टंट्या मामा की पुण्य-तिथि समारोह में शामिल होंगे.
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ब्रिटिश सरकार और उसके चाटुकारों का धन लूटकर गरीबों में बांट देने वाले महान जनजातीय नायक मामा टंट्या भील ने जीवन की अंतिम सांस तक असहायों और असमर्थों की सहायता की।
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अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लड़ी। वे अपने क्रांतिकारी विचारों और प्रयासों के लिए सदैव याद किये जायेंगे।
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अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लड़ी। वे अपने क्रांतिकारी विचारों और प्रयासों के लिए सदैव याद किये जायेंगे।ब्रिटिश सरकार और उसके चाटुकारों का धन लूटकर गरीबों में बांट देने वाले महान जनजातीय नायक मामा टंट्या भील ने जीवन की अंतिम सांस तक असहायों और असमर्थों की सहायता की।
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अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लड़ी। वे अपने क्रांतिकारी विचारों और प्रयासों के लिए सदैव याद किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ऑफिस ने ट्विटर पर लिखा है- मातृभूमि के पैरों से परतंत्रता की बेड़ियां काटने की खातिर जननायक टंट्या मामा खुशी-खुशी शहीद हो गए, अंग्रेज सैनिक उनसे थर्राते थे. निर्धनों की मदद के लिए सक्रिय रहने वाले टंट्या मामा ने देश के स्वाभिमान व स्वतंत्रता के मूल्य से लोगों को अवगत करवाने व्यक्तिगत स्तर पर अनेक जतन किए.
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अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध शंखनाद कर ब्रिटिश सरकार को नाकों चने चबवाने वाले जनजातीय नायक, मामा टंट्या भील मध्यप्रदेश ही नहीं, सम्पूर्ण भारत का गौरव हैं।
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) December 4, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
प्रदेश सरकार और नागरिक आज उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं। pic.twitter.com/K1IfEHX2cu
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प्रदेश सरकार और नागरिक आज उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं। pic.twitter.com/K1IfEHX2cuअत्याचार और अन्याय के विरुद्ध शंखनाद कर ब्रिटिश सरकार को नाकों चने चबवाने वाले जनजातीय नायक, मामा टंट्या भील मध्यप्रदेश ही नहीं, सम्पूर्ण भारत का गौरव हैं।
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प्रदेश सरकार और नागरिक आज उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं। pic.twitter.com/K1IfEHX2cu
वहीं एक और ट्वीट में वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा- अत्याचार और अन्याय के विरुद्ध शंखनाद कर ब्रिटिश सरकार को नाकों चने चबवाने वाले जनजातीय नायक, मामा टंट्या भील मध्यप्रदेश ही नहीं, सम्पूर्ण भारत का गौरव हैं. प्रदेश सरकार और नागरिक आज उनके बलिदान दिवस पर श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं.