ETV Bharat / state

कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े छिपा रही शिवराज सरकारः माकपा

ग्वालियर में रविवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव ने कोरोना संक्रमण से हुई मौतों को छिपाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में शिवराज सरकार लोगों को बचाने में असफल रही.

Marxist Communist Party
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी
author img

By

Published : Jun 20, 2021, 5:37 PM IST

ग्वालियर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदेश सरकार पर कोरोना संक्रमण के कारण हुई मौतों पर पर्दा डालने की कोशिश का आरोप लगाया है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि कोरोना से प्रदेश के लोगों को बचाने में असफल रही शिवराज सिंह चौहान की सरकार अब इसके कारण हुई मौतों का आंकड़ा छिपाने में लगी है. पहले सरकार ने घोषणा की थी कि एक अप्रैल 2021 के बाद कोरोना संक्रमण के कारण हुई मौतों के पीड़ित परिवारों को एक लाख रुपये का मुआवजा प्रदेश सरकार देगी. वहीं इस संक्रमण काल में जिन बच्चों के माता-पिता का साया उनके सर से उठ गया है. उन्हें प्रदेश सरकार गोद लेगी. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि सरकार का यह फैसला अजीबो-गरीब है, क्योंकि जिन बच्चों के माता-पिता 31 मार्च को इसी संक्रमण की वजह से खत्म हुए हैं. उन्हें यह सरकार गोद नहीं लेगी न ही पीड़ित परिवारों को कोई मुआवजा दिया जाएगा.

जानकारी देते मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह.

शिवराज सरकार के तुगलकी फरमान को वापस लेने की मांग
माकपा का कहना है कि शिवराज सरकार को इस तुगलकी आदेश को तुरंत वापस लेना चाहिए. हैरानी की बात यह है कि प्रदेश सरकार के आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय के आयुक्त के हस्ताक्षर से एक जून को प्रदेशभर के जिला रजिस्ट्रार को पत्र लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि वह मृत्यु प्रमाण पत्र के संबंध में कोई भी कारण का उल्लेख नहीं करें. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह का कहना है कि यह सीधे-सीधे जनता के जले पर नमक छिड़कने जैसा कदम है. एक ओर सरकार पीड़ित लोगों की मदद का भरोसा दे रही है, वहीं दूसरी तरफ मृत्यु प्रमाण पत्र के जारी होने में बीमारी का उल्लेख नहीं करने का भी निर्देश अफसरों को दे रही है. सरकार को एक आदेश को वापस लेने की जरूरत है.

MP उपचुनाव: आचार संहिता की उड़ी धज्जियां, माकपा राज्य सचिव बोले- ''चुनाव आयोग की खामोशी आश्चर्यजनक''

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने यह भी कहा कि सरकार ने मृतकों के परिवारों को जो एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की है. वह बेहद कम है. इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ प्रदेश भर में कोरोना से 9000 मौतें होना बता रही है, बल्कि हकीकत यह है कि 2020 से लेकर अभी तक 1,22,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. माकपा का यह भी कहना है कि प्रदेश सरकार कोरोना की दूसरी लहर में अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए झूठे आंकड़े पेश कर रही है, जबकि ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन प्लाज्मा तक की कालाबाजारी में बीजेपी से जुड़े ही लोगों के नाम सामने आए हैं.

ग्वालियर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदेश सरकार पर कोरोना संक्रमण के कारण हुई मौतों पर पर्दा डालने की कोशिश का आरोप लगाया है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि कोरोना से प्रदेश के लोगों को बचाने में असफल रही शिवराज सिंह चौहान की सरकार अब इसके कारण हुई मौतों का आंकड़ा छिपाने में लगी है. पहले सरकार ने घोषणा की थी कि एक अप्रैल 2021 के बाद कोरोना संक्रमण के कारण हुई मौतों के पीड़ित परिवारों को एक लाख रुपये का मुआवजा प्रदेश सरकार देगी. वहीं इस संक्रमण काल में जिन बच्चों के माता-पिता का साया उनके सर से उठ गया है. उन्हें प्रदेश सरकार गोद लेगी. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि सरकार का यह फैसला अजीबो-गरीब है, क्योंकि जिन बच्चों के माता-पिता 31 मार्च को इसी संक्रमण की वजह से खत्म हुए हैं. उन्हें यह सरकार गोद नहीं लेगी न ही पीड़ित परिवारों को कोई मुआवजा दिया जाएगा.

जानकारी देते मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह.

शिवराज सरकार के तुगलकी फरमान को वापस लेने की मांग
माकपा का कहना है कि शिवराज सरकार को इस तुगलकी आदेश को तुरंत वापस लेना चाहिए. हैरानी की बात यह है कि प्रदेश सरकार के आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय के आयुक्त के हस्ताक्षर से एक जून को प्रदेशभर के जिला रजिस्ट्रार को पत्र लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि वह मृत्यु प्रमाण पत्र के संबंध में कोई भी कारण का उल्लेख नहीं करें. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह का कहना है कि यह सीधे-सीधे जनता के जले पर नमक छिड़कने जैसा कदम है. एक ओर सरकार पीड़ित लोगों की मदद का भरोसा दे रही है, वहीं दूसरी तरफ मृत्यु प्रमाण पत्र के जारी होने में बीमारी का उल्लेख नहीं करने का भी निर्देश अफसरों को दे रही है. सरकार को एक आदेश को वापस लेने की जरूरत है.

MP उपचुनाव: आचार संहिता की उड़ी धज्जियां, माकपा राज्य सचिव बोले- ''चुनाव आयोग की खामोशी आश्चर्यजनक''

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने यह भी कहा कि सरकार ने मृतकों के परिवारों को जो एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की है. वह बेहद कम है. इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ प्रदेश भर में कोरोना से 9000 मौतें होना बता रही है, बल्कि हकीकत यह है कि 2020 से लेकर अभी तक 1,22,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. माकपा का यह भी कहना है कि प्रदेश सरकार कोरोना की दूसरी लहर में अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए झूठे आंकड़े पेश कर रही है, जबकि ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन प्लाज्मा तक की कालाबाजारी में बीजेपी से जुड़े ही लोगों के नाम सामने आए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.