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शिवराज कैबिनेट की वर्चुअल बैठक आज, कई प्रस्तावों को मिल सकती है हरी झंडी

सीएम शिवराज की अध्यक्षता में आज 3 बजे कैबिनेट की वर्चुअल बैठक होगी. बैठक में कोरोना योद्धा योजना अवधि 30 सितंबर तक बढ़ाई जा सकती है, इसके साथ ही कई अन्य प्रस्तावों पर भी कैबिनेट की मुहर लग सकती है.

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Published : Sep 22, 2020, 7:31 AM IST

Updated : Sep 22, 2020, 10:01 AM IST

Shivraj Singh Chauhan, Chief Minister
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज दोपहर 3 बजे कैबिनेट की वर्चुअल बैठक आयोजित की जाएगी. इस बैठक में ज्यादातर मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से ही जुड़ेंगे. इस संबंध में सभी कैबिनेट मंत्रियों को देर रात ही जानकारी दे दी गई है. इसके अलावा जिन प्रस्तावों को लेकर आज कैबिनेट की बैठक में चर्चा की जाएगी. उन सभी विभागों के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि, वे पूरी तैयारी के साथ आएं.
बढ़ाई जा सकती है 'कोरोना योद्धा' योजना की अवधि

आज होने वाली कैबिनेट बैठक में कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लगे अधिकारियों- कर्मचारियों के लिए लागू कोरोना योद्धा योजना की अवधि 30 सितंबर तक बढ़ाई जा सकती है, क्योंकि ये योजना 30 जून तक के लिए ही लागू की गई थी, लेकिन जिस तरह की परिस्थितियां वर्तमान में प्रदेश के कई जिलों में बनी हुई हैं, उसे देखते हुए अब इसे और आगे बढ़ाने का निर्णय सरकार के द्वारा लिया गया है.

कैबिनेट बैठक में इन प्रस्तावों पर होगी चर्चा

कोरोना योद्धा योजना के तहत कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लगे सभी शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जा रही है. जिसके तहत अगर किसी कोरोना योद्धा की संक्रमण के चलते या ड्यूटी के दौरान मौत हो जाती है, तो उसे सरकार की ओर से 50 लाख रुपए की राशि दी जाती है. राज्य सरकार ने इस योजना को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिसका प्रस्ताव आज कैबिनेट में लाया जाएगा. इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के पट्टे और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई ग्वालियर और रीवा के लिए सहायक पुलिस महानिरीक्षक के स्वीकृत अस्थाई पदों को निरंतर रखे जाने सहित अन्य प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा.

सहायता समूह को सरकार का 'बूस्टर डोज'

कोरोना काल के दौरान महिलाओं को आर्थिक मदद देने के लिए शिवराज सरकार के द्वारा अहम निर्णय लिया गया है. राज्य सरकार की ओर से स्व-सहायता समूह को एक नया बूस्टर डोज दिया गया है. जिसके तहत अब तक मिलने वाली सहायता राशि को कई गुना बढ़ा दिया गया है. कुल आबादी का 75 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है. जिन का प्रमुख आधार केवल खेती से ही जुड़ा हुआ है. प्रारंभ से ही ग्रामीण महिलाएं खेती कार्य में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करती रही हैं. ग्रामीण अंचलों में महिलाओं द्वारा छोटी-छोटी बचत और घर पर बनाई गई वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है.

Self help group women
स्व सहायता समूह की महिलाएं

सहायता सीमा 300 करोड़ से बढ़ाकर की गई 1400 करोड़

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार की है. इस कार्य योजना के रुप में राज्य शासन द्वारा महिला स्व-सहायता समूह को बैंकों के माध्यम से दी जाने वाली सहायता सीमा 300 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1400 करोड़ रुपए कर दी गई है. इसके अलावा सरकार के द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि, बैंक ब्याज दर 4 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगी. इसके ऊपर का ब्याज राज्य सरकार के द्वारा दिया जाएगा. संपूर्ण प्रदेश के महिला स्व-सहायता समूहों की 33 लाख महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में बढ़ावा देने के लिए की गई इस नवीन व्यवस्था से प्रदेश की महिलाएं सशक्त होंगी. इन सभी महिलाओं को आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर करने और स्व-सहायता समूह की गतिविधियों और विपणन के लिए स्व-सहायता पोर्टल भी तैयार किया गया है.


सरकार देगी आर्थिक मदद
कोरोना काल के दौरान स्व-सहायता समूह में काम कर रही महिलाओं ने काफी बेहतर करके दिखाया है. इस दौरान उनके द्वारा लाखों मास्क और पीपीई किट भी तैयार की गई है. इस दौरान तैयार की गई सामग्री का प्रदेश भर के कई जिलों में उपयोग हुआ है, सभी ने इस कार्य की सराहना भी की है. गांव के इस हुनर को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार प्रोत्साहन के साथ-साथ उन्हें आर्थिक मदद भी उपलब्ध करवा रही हैं. राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया हैं कि, अब सरकारी खरीदी में स्व-सहायता समूह के उत्पादों को प्राथमिकता दी जाएगी. प्रदेश में अब महिला स्व-सहायता समूहों को आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित होने वाले ready-to-eat पोषण आहार और शाला स्तर पर गणवेश निर्माण का कार्य भी दिया जा रहा है. इन कार्यों में स्व-सहायता समूहों को पूर्ण स्वतंत्रता रहेगी, इससे प्रदेश में 'लोकल को वोकल ' बनाने का सिद्धांत भी सार्थक हो सकेगा.

स्व-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल

स्व-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्पादन, पैकेजिंग, मार्केटिंग में विशेषज्ञों द्वारा लगातार प्रशिक्षित भी किया जा रहा है. प्रशिक्षण को व्यवस्थित करने के लिए राज्य स्तर पर संस्थान भी बनाया जाएगा. इन समूहों के उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग के लिए 'ऑनलाइन ट्रेडिंग और ई-प्लेटफार्म उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी सरकार के माध्यम से की जा रही है. मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रदेश में 43 हजार से अधिक ग्रामों में तीन लाख से अधिक स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया है. इन समूहों से 33 लाख 96 हजार परिवार जुड़ चुके हैं. समूहों को रोजगार की विभिन्न गतिविधियों का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा हैं. प्रदेश में 11 लाख 54 हजार से अधिक परिवारों को कृषि एवं पशुपालन गतिविधियों से भी जोड़ा गया है. इसके अलावा तीन लाख 69 हजार से अधिक परिवारों को सूक्ष्म गतिविधियों से जोड़ा गया है. निर्धन परिवारों को योजनाओं का लाभ लेने में कठिनाई ना हो, इसके लिए भी राज्य सरकार द्वारा हितग्राही मूलक योजनाओं को अधिक व्यावहारिक, सरल एवं पारदर्शी बनाया जा रहा है.

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज दोपहर 3 बजे कैबिनेट की वर्चुअल बैठक आयोजित की जाएगी. इस बैठक में ज्यादातर मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से ही जुड़ेंगे. इस संबंध में सभी कैबिनेट मंत्रियों को देर रात ही जानकारी दे दी गई है. इसके अलावा जिन प्रस्तावों को लेकर आज कैबिनेट की बैठक में चर्चा की जाएगी. उन सभी विभागों के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि, वे पूरी तैयारी के साथ आएं.
बढ़ाई जा सकती है 'कोरोना योद्धा' योजना की अवधि

आज होने वाली कैबिनेट बैठक में कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लगे अधिकारियों- कर्मचारियों के लिए लागू कोरोना योद्धा योजना की अवधि 30 सितंबर तक बढ़ाई जा सकती है, क्योंकि ये योजना 30 जून तक के लिए ही लागू की गई थी, लेकिन जिस तरह की परिस्थितियां वर्तमान में प्रदेश के कई जिलों में बनी हुई हैं, उसे देखते हुए अब इसे और आगे बढ़ाने का निर्णय सरकार के द्वारा लिया गया है.

कैबिनेट बैठक में इन प्रस्तावों पर होगी चर्चा

कोरोना योद्धा योजना के तहत कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लगे सभी शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जा रही है. जिसके तहत अगर किसी कोरोना योद्धा की संक्रमण के चलते या ड्यूटी के दौरान मौत हो जाती है, तो उसे सरकार की ओर से 50 लाख रुपए की राशि दी जाती है. राज्य सरकार ने इस योजना को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिसका प्रस्ताव आज कैबिनेट में लाया जाएगा. इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के पट्टे और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई ग्वालियर और रीवा के लिए सहायक पुलिस महानिरीक्षक के स्वीकृत अस्थाई पदों को निरंतर रखे जाने सहित अन्य प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा.

सहायता समूह को सरकार का 'बूस्टर डोज'

कोरोना काल के दौरान महिलाओं को आर्थिक मदद देने के लिए शिवराज सरकार के द्वारा अहम निर्णय लिया गया है. राज्य सरकार की ओर से स्व-सहायता समूह को एक नया बूस्टर डोज दिया गया है. जिसके तहत अब तक मिलने वाली सहायता राशि को कई गुना बढ़ा दिया गया है. कुल आबादी का 75 प्रतिशत हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है. जिन का प्रमुख आधार केवल खेती से ही जुड़ा हुआ है. प्रारंभ से ही ग्रामीण महिलाएं खेती कार्य में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करती रही हैं. ग्रामीण अंचलों में महिलाओं द्वारा छोटी-छोटी बचत और घर पर बनाई गई वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा निर्णय प्रदेश सरकार ने लिया है.

Self help group women
स्व सहायता समूह की महिलाएं

सहायता सीमा 300 करोड़ से बढ़ाकर की गई 1400 करोड़

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार की है. इस कार्य योजना के रुप में राज्य शासन द्वारा महिला स्व-सहायता समूह को बैंकों के माध्यम से दी जाने वाली सहायता सीमा 300 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 1400 करोड़ रुपए कर दी गई है. इसके अलावा सरकार के द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि, बैंक ब्याज दर 4 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगी. इसके ऊपर का ब्याज राज्य सरकार के द्वारा दिया जाएगा. संपूर्ण प्रदेश के महिला स्व-सहायता समूहों की 33 लाख महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में बढ़ावा देने के लिए की गई इस नवीन व्यवस्था से प्रदेश की महिलाएं सशक्त होंगी. इन सभी महिलाओं को आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर करने और स्व-सहायता समूह की गतिविधियों और विपणन के लिए स्व-सहायता पोर्टल भी तैयार किया गया है.


सरकार देगी आर्थिक मदद
कोरोना काल के दौरान स्व-सहायता समूह में काम कर रही महिलाओं ने काफी बेहतर करके दिखाया है. इस दौरान उनके द्वारा लाखों मास्क और पीपीई किट भी तैयार की गई है. इस दौरान तैयार की गई सामग्री का प्रदेश भर के कई जिलों में उपयोग हुआ है, सभी ने इस कार्य की सराहना भी की है. गांव के इस हुनर को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार प्रोत्साहन के साथ-साथ उन्हें आर्थिक मदद भी उपलब्ध करवा रही हैं. राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया हैं कि, अब सरकारी खरीदी में स्व-सहायता समूह के उत्पादों को प्राथमिकता दी जाएगी. प्रदेश में अब महिला स्व-सहायता समूहों को आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित होने वाले ready-to-eat पोषण आहार और शाला स्तर पर गणवेश निर्माण का कार्य भी दिया जा रहा है. इन कार्यों में स्व-सहायता समूहों को पूर्ण स्वतंत्रता रहेगी, इससे प्रदेश में 'लोकल को वोकल ' बनाने का सिद्धांत भी सार्थक हो सकेगा.

स्व-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल

स्व-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्पादन, पैकेजिंग, मार्केटिंग में विशेषज्ञों द्वारा लगातार प्रशिक्षित भी किया जा रहा है. प्रशिक्षण को व्यवस्थित करने के लिए राज्य स्तर पर संस्थान भी बनाया जाएगा. इन समूहों के उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग के लिए 'ऑनलाइन ट्रेडिंग और ई-प्लेटफार्म उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी सरकार के माध्यम से की जा रही है. मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रदेश में 43 हजार से अधिक ग्रामों में तीन लाख से अधिक स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया है. इन समूहों से 33 लाख 96 हजार परिवार जुड़ चुके हैं. समूहों को रोजगार की विभिन्न गतिविधियों का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा हैं. प्रदेश में 11 लाख 54 हजार से अधिक परिवारों को कृषि एवं पशुपालन गतिविधियों से भी जोड़ा गया है. इसके अलावा तीन लाख 69 हजार से अधिक परिवारों को सूक्ष्म गतिविधियों से जोड़ा गया है. निर्धन परिवारों को योजनाओं का लाभ लेने में कठिनाई ना हो, इसके लिए भी राज्य सरकार द्वारा हितग्राही मूलक योजनाओं को अधिक व्यावहारिक, सरल एवं पारदर्शी बनाया जा रहा है.

Last Updated : Sep 22, 2020, 10:01 AM IST
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