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आंखों देखी: नोबल अस्पताल में कोरोना रिपोर्ट लेकर जाएं तभी मिलेगा इलाज - कोरोना रिपोर्ट

मिसरोद के नोबेल अस्पताल से मरीजों के लौटाया जा रहा है. अस्पताल प्रबंधन द्वारा कहा जा रहा है कि कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लाने के बाद ही अस्पताल में भर्ती किया जायेगा.

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नोबेल अस्पताल
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Published : Apr 24, 2021, 9:21 AM IST

Updated : Apr 24, 2021, 9:27 AM IST

भोपाल। कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों के हाल बेहाल हैं. अस्पताल पहुंचने वाले हर व्यक्ति से पहले नेगेटिव रिपोर्ट मांगी जा रही है. उसके बाद ही अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया जा रहा है. मिसरोद के नोबेल अस्पताल में भी कुछ यही हालात हैं.

रात 9 बजे
एक कार में मरीज को लेकर परिवार वाले नोबेल अस्पताल पहुंचे. हालांकि उन्हें अस्पताल परिसर में एंट्री नहीं मिली. गार्ड के कहने पर परिवार के दो लोग रिसेप्शन पर पहुंचे, जहां उन्होंने मरीज की हालत बताई, लेकिन अस्पताल की तरफ से उन्हें कोरोना रिपोर्ट लाने के बाद ही भर्ती करने को कहा गया.

दरअसल यह परिवार करीब 100 किलोमीटर दूर बरेली से अपने मरीज को लेकर नोबेल अस्पताल पहुंचा था. मरीज की स्थिति नाजुक थी. ऑक्सीजन लेवल 84 था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना रिपोर्ट के बिना भर्ती करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद वह अपने मरीज को लेकर दूसरे अस्पताल की तरफ रवाना हो गए.

नेगेटिव रिपोर्ट लाने के बाद ही मरीजों का होगा इलाज

कोरोना महामारी के बीच भुखमरी की कगार पर मटका व्यापारी



समय 10 बजे
समय बढ़ने के साथ अस्पताल में आने-जाने वाले लोगों की संख्या कम होती गई. सिर्फ वहीं लोग जिनके परिजनों का इलाज अस्पताल में चल रहा है, उनका आने-जाने का सिलसिला जारी रहा.

रात 11 बजे
जैसे-जैसे रात बढ़ती गई, अस्पताल में भी आने-जाने वालों का सिलसिला कम होता गया. सिर्फ अस्पताल स्टाफ के लोग ही बाहर निकले लगे. इस दौरान कुछ परिजन भी बाहर घूमते नजर आए.

रात 12 बजे
रात 12 बजे भी सिर्फ अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजन आते-जाते नजर आए. इस दौरान अस्पताल के बाहर ही बनाए रिसेप्शन से भी अस्पताल प्रबंधन की टीम नदारद रही.

भोपाल। कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों के हाल बेहाल हैं. अस्पताल पहुंचने वाले हर व्यक्ति से पहले नेगेटिव रिपोर्ट मांगी जा रही है. उसके बाद ही अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया जा रहा है. मिसरोद के नोबेल अस्पताल में भी कुछ यही हालात हैं.

रात 9 बजे
एक कार में मरीज को लेकर परिवार वाले नोबेल अस्पताल पहुंचे. हालांकि उन्हें अस्पताल परिसर में एंट्री नहीं मिली. गार्ड के कहने पर परिवार के दो लोग रिसेप्शन पर पहुंचे, जहां उन्होंने मरीज की हालत बताई, लेकिन अस्पताल की तरफ से उन्हें कोरोना रिपोर्ट लाने के बाद ही भर्ती करने को कहा गया.

दरअसल यह परिवार करीब 100 किलोमीटर दूर बरेली से अपने मरीज को लेकर नोबेल अस्पताल पहुंचा था. मरीज की स्थिति नाजुक थी. ऑक्सीजन लेवल 84 था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने कोरोना रिपोर्ट के बिना भर्ती करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद वह अपने मरीज को लेकर दूसरे अस्पताल की तरफ रवाना हो गए.

नेगेटिव रिपोर्ट लाने के बाद ही मरीजों का होगा इलाज

कोरोना महामारी के बीच भुखमरी की कगार पर मटका व्यापारी



समय 10 बजे
समय बढ़ने के साथ अस्पताल में आने-जाने वाले लोगों की संख्या कम होती गई. सिर्फ वहीं लोग जिनके परिजनों का इलाज अस्पताल में चल रहा है, उनका आने-जाने का सिलसिला जारी रहा.

रात 11 बजे
जैसे-जैसे रात बढ़ती गई, अस्पताल में भी आने-जाने वालों का सिलसिला कम होता गया. सिर्फ अस्पताल स्टाफ के लोग ही बाहर निकले लगे. इस दौरान कुछ परिजन भी बाहर घूमते नजर आए.

रात 12 बजे
रात 12 बजे भी सिर्फ अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजन आते-जाते नजर आए. इस दौरान अस्पताल के बाहर ही बनाए रिसेप्शन से भी अस्पताल प्रबंधन की टीम नदारद रही.

Last Updated : Apr 24, 2021, 9:27 AM IST
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