भोपाल। 28 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है. बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए सतीश सिकरवार को ग्वालियर ईस्ट और पारुल साहू को सुरखी से चुनाव मैदान में उतारा है. दूसरी सूची में 9 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है.
MP उपचुनाव के लिए कांग्रेस की दूसरी लिस्ट जारी
कांग्रेस ने किसे बनाया उम्मीदवार-
- जौरा विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार पंकज उपाध्याय होंगे
- सुमावली विधानसभा से अजब कुशवाहा
- ग्वालियर ईस्ट से सतीश सिकरवार
- पोहरी से हरि बल्लभ शुक्ला
- मुंगावली से कन्हैया राम लोधी
- सुरखी से पारुल साहू
- मांधाता से उत्तम राज नारायण सिंह
- बदनावर से अभिषेक सिंह टिंकू
- सुवासरा से राकेश पाटीदार को चुनाव मैदान में उतारा गया है.
दलबदल कर आए नेताओं को बनाया उम्मीदवार
कांग्रेस ने दल बदल कर आए नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है. सुमावली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारे गए अजब सिंह कुशवाहा ने 3 महीने पहले ही कांग्रेस का दामन थामा था. बसपा छोड़कर अजब सिंह कुशवाहा पहले बीजेपी में और फिर कांग्रेस में आए हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में कुशवाहा ने बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर सुमावली सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार एंदल सिंह कंसाना से वो चुनाव हार गए थे.
सतीश सिकरवार भी बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने ग्वालियर पूर्व से बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार मुन्नालाल गोयल से हार गए थे.
पोहरी से उम्मीदवार बनाए गए हरिबल्लभ शुक्ला सिंधिया के धुर विरोधी माने जाते रहे हैं. 2018 के चुनाव में पोहरी से उन्हें टिकट नहीं मिल सका था. शिवपुरी जिले में पहले हरिबल्लभ शुक्ला सिंधिया विरोधी राजनीति का केंद्र रहे हैं. हालांकि बाद में वो सिंधिया खेमे में चले गए थे, लेकिन जब सिंधिया बीजेपी में गए तो उन्होंने उनके साथ जाने से इनकार कर दिया था.
सुरखी से कांग्रेसी उम्मीदवार बनाई गयी पारुल साहू 2013 में बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंची थीं. 2018 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया था, पारुल लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं, इसलिए समझौता हुआ था, लेकिन बाद में उन्हें लोकसभा का भी टिकट नहीं दिया गया था. सुरखी की विधानसभा सीट से बीजेपी की तरफ से गोविंद सिंह राजपूत को संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है. ऐसे में पारुल साहू के चुनाव मैदान में उतरने से मुकाबला कड़ा हो सकता है.