भोपाल। कांग्रेस में एक के बाद एक युवा नेता पार्टी का दामन छोड़ रहे हैं. एमपी कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद यूपी में कांग्रेस के एक और युवा नेता जितिन प्रसाद ने बीजेपी का हाथ थाम लिया है. बताया जाता है कि जितिन प्रसाद को पार्टी में लाने में उनके पुराने साथी और बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ज्योतिरादित्य ने उनके बीजेपी में शामिल होने पर खुशी जताते हुए कहा है कि मैं उनके लिए खुश हूं. उनके साथ मेरा बहुत पुराना रिश्ता है, उन्होंने बीजेपी में आकर अच्छा किया.
- ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी में किया स्वागत
बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जतिन प्रसाद के बीजेपी में शामिल होने पर उनका स्वागत किया है. भोपाल पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया से जब जतिन प्रसाद के बीजेपी में शामिल होने का सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि वे बीजेपी में आ रहे हैं. वे मेरे पुराने करीबी रहे हैं, जितिन प्रसाद मुख्यधारा में आएंगे तो अच्छा होगा. हालांकि उन्हें बीजेपी में लाने में उनकी भूमिका पर सिंधिया ने कहा कि वे उनके संपर्क में नहीं थे. हालांकि सिंधिया समर्थकों से चर्चा में इस बात के संकेत मिले हैं कि जितिन प्रसाद को बीजेपी में लाने में सिंधिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
- सिंधिया और जितिन प्रसाद दोनों कांग्रेस में हुए उपेक्षा के शिकार
देखा जाए तो ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद दोनों ही नेता सिंधिया परिवार और खासतौर से राहुल गांधी के करीबी रहे हैं. दोनों नेताओं का अपने-अपने राज्यों में अच्छा जनाधार रहा है, लेकिन दोनों ही नेता पार्टी में उपेक्षा के शिकार हुए और पिछले साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़ दी. उधर 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद राज बब्बर ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद जितिन प्रसाद के प्रदेश अध्यक्ष बनाने की चर्चाएं जोरों पर थी, लेकिन प्रियंका गांधी ने अजय लल्लू को पार्टी अध्यक्ष बना दिया गया. जितिन को साइडलाइन किए जाने के बाद उनके समर्थकों को भी साइडलाइन कर दिया गया. इसके बाद जितिन प्रसाद के बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं जोरों पर चली थी, बाद में राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस पर सफाई पेश की थी.