भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते मार्च से बंद किए गए सभी शासकीय एवं प्राइवेट स्कूल एक बार फिर से खुलने जा रहे हैं, लेकिन स्कूल केवल कक्षा नवी से कक्षा बारहवीं तक के ही खोलने की अनुमति दी गई है. 21 सितंबर से प्रदेश के सभी शासकीय एवं निजी हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल खुल जाएंगे इसे लेकर केंद्र सरकार के द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन भी कराया जाएगा. स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस संबंध में शुक्रवार को एक बैठक कर देर शाम आदेश जारी कर दिए हैं. समस्त स्कूलों में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर पूरी तैयारी की जा रही है. हालांकि कंटेनमेंट जोन में आ रहे स्कूल इस दौरान नहीं खोले जाएंगे. जो स्कूल 21 सितंबर से खोले जा रहे हैं उसमें प्रार्थना सभा और खेलकूद की गतिविधियां नहीं होंगी. विद्यार्थी अभिभावक की अनुमति से स्कूल आएंगे और शपथ पत्र भी उन्हें स्कूल में जमा करना होगा.
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नवी से कक्षा बारहवीं तक खुलेंगे स्कूल
बताया जा रहा है कि इस सत्र में देरी से स्कूल खोलने की वजह से स्कूल शिक्षा विभाग कक्षा नवी से कक्षा बारहवीं तक 30 फीसदी पाठ्यक्रम कम करेगा लेकिन अब तक माध्यमिक शिक्षा मंडल के विद्यालयों के लिए पाठ्यक्रम का निर्धारण नहीं हो पाया है. वहीं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल सीबीएससी के विद्यालयों में जुलाई माह से ही 30 फीसदी पाठ्यक्रम कम कर ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है. स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव प्रमोद सिंह के द्वारा जारी किए गए आदेश समस्त जिला कलेक्टर, समस्त जिला शिक्षा अधिकारी एवं समस्त सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग को जारी किए गए हैं. जिसमें बताया गया है कि गृह मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा 29 अगस्त 2020 को जारी आदेश में बताया गया था कि कक्षा नवी से कक्षा बारहवीं तक के स्कूल 21 सितंबर 2020 से आंशिक रूप से खोले जा सकेंगे. इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 8 सितंबर 2020 को आदेश जारी किए गए हैं. शासकीय विद्यालयों के लिए इसके अतिरिक्त दिशा निर्देश आगामी समय में जारी किए जाएंगे.
सैनिटाइजेशन का होगा रखना होगा खास खयाल
स्कूल के प्रवेश द्वार पर आने वाले सभी छात्रों शिक्षकों एवं विद्यालय के समस्त कर्मचारियों को हाथ सैनिटाइज करने होंगे. इसके अलावा सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. स्कूल छोड़ते समय और अपने खाली समय में विद्यार्थी एकत्रित ना हो इसके लिए स्कूल में जागरूकता लाने का काम भी किया जाएगा. यदि कोई छात्र शिक्षक या कर्मचारी बीमार है तो उसे स्कूल नहीं आना चाहिए और इस संबंध में आवश्यक प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए. इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि चिंता और अवसाद जैसे मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों वाले विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए नियमित परामर्श की व्यवस्था स्कूल में की जाए. विद्यार्थियों की भावनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शिक्षक स्कूल काउंसलर और स्कूल स्वास्थ्य कार्यकर्ता एकजुट होकर काम करेंगे. बीमारी के लक्षण वाले व्यक्ति को अलग कमरे या क्षेत्र में रखा जाएगा. जहां वह दूसरों के संपर्क में ना आए, इस संबंध में माता-पिता अभिभावकों को तत्काल सूचित करना होगा. ऐसे रोगी को मास्क फेस कवर पहनकर अलग रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी और तत्काल निकटतम चिकित्सा सुविधा अस्पताल को सूचित करना होगा या फिर राज्य जिला हेल्पलाइन पर भी कॉल कर हेल्प ली जा सकती है.
6 फीट की फिजिकल डिस्टेंस का करे पालन
स्कूल में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का सख्ती के साथ पालन करना होगा, स्कूलों में विद्यार्थियों के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा, इसके अलावा समस्त स्कूलों में हाथ धोने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी यदि संभव होता है तो अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का भी उपयोग किया जा सकता है. यदि विद्यालय द्वारा परिवहन सुविधा का प्रबंधन किया जा रहा है तो बसों अन्य परिवहन वाहनों में समुचित भौतिक दूरी सुनिश्चित करना होगी और बसों अन्य परिवहन वाहनों का समय-समय पर सैनिटाइज करना अनिवार्य होगा. स्कूल के फर्श की दैनिक सफाई शौचालय में सफाई एवं हैंड वॉश करने के लिए साबुन एवं अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों में सैनिटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी.
माता-पिता की अनुमति अनिवार्य
कक्षा नवी से कक्षा बारहवीं के विद्यार्थियों को स्वैच्छिक आधार पर उनके शिक्षकों से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए अपने विद्यालय जाने की अनुमति होगी. ऐसा उनके माता-पिता अभिभावक की लिखित सहमति के आधार पर हो सकेगा इस तरह से विद्यार्थी का विद्यालय आना तथा उनके और शिक्षकों के बीच परस्पर संवाद छोटे-छोटे समूह में पर्याप्त समय के अंतराल में आयोजित किया जा सकेगा केवल कंटेनमेंट जोन के बाहर की विद्यालय खोलने की अनुमति होगी इसके अलावा कंटेनमेंट जोन में निवासरत विद्यार्थियों शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को स्कूल आने की अनुमति नहीं होगी. विद्यार्थियों शिक्षकों और कर्मचारियों को सलाह दी गई है कि वह कंटेनमेंट जोन क्षेत्र में ना जाए, इससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है .