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'फीस के चलते किसी भी छात्र को परीक्षा देने से नहीं रोक सकते स्कूल' - मंत्री इंदर सिंह परमार

फीस नहीं भर पाने के चलते निजी स्कूल अब बच्चों को परीक्षा से वंचित नहीं रख पाएंगे. मंत्री इंदर सिंह परमार ने सदन में कहा कि सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है, कि किसी भी छात्र को परीक्षा से वंचित नहीं रखा जाएगा.

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विधानसभा भवन
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Published : Mar 1, 2021, 9:24 PM IST

भोपाल। विधानसभा में कोरोना काल में फीस नहीं भर पाने के चलते निजी स्कूलों द्वारा बच्चों को परीक्षा से वंचित रखने को लेकर सवाल किया गया. जिसके जवाब में मंत्री इंदर सिंह परमार ने सदन में जवाब देते हुए कहा कि सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है, कि किसी भी छात्र को परीक्षा से वंचित नहीं रखा जाएगा.

  • परीक्षा से वंचित नहीं रख सकेंगे स्कूल

दरअसल पूरे प्रदेश में कोरोनावायरस फीस जमा नहीं कर पाने के कारण स्कूली बच्चों को परीक्षा से वंचित रखने का मामला सामने आया है. इस पर कांग्रेस विधायक तरुण भनोट के अलावा कई विधायकों ने इस मामले को सदन में उठाया साथ ही निजी स्कूलों द्वारा जबरदस्ती पलकों से फीस जमा करने पर दबाव बनाने की बात कही. बीजेपी विधायक संजय शाह ने भी इस बात का समर्थन करते हुए बड़े स्कूलों पर पैसा वसूलने का आरोप लगाया. जिस पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने शिक्षा मंत्री इंद्र सिंह परमार से निर्णय लेने को कहा जिस पर मंत्री इंदर सिंह परमार ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि सभी जिला कलेक्टरों को आदेश दिए गए हैं, कि किसी भी स्कूल में फीस के चलते किसी भी छात्र को परीक्षा देने से वंचित नहीं रखा जाएगा.

MP बजट सत्र: विधानसभा में पेश धर्म स्वातंत्र्य कानून-2020

  • अधिकारियों पर हो कार्रवाई

वहीं उज्जैन के विधायक बहादुर सिंह परमार ने पेट्रोल पंप के बगल में स्कूल निर्माण की परमिशन देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर सवाल किया, विधायक का आरोप है कि अधिकारियों ने आखिर सरकार को गलत रिपोर्ट क्यों सौंपी, जबकि स्कूल के बगल में ही पेट्रोल पंप है. ऐसे में कहीं ना कहीं बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होना चाहिए.

  • वन क्षेत्र निजी हाथों में देने का कोई प्रस्ताव नहीं

इसके साथ ही कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने वन मंत्री से सवाल करते हुए वन क्षेत्र का कुछ प्रतिशत पीपीपी मॉडल पर निजी क्षेत्र में सौंपने को लेकर सवाल किया था. जिस पर वन मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि वन क्षेत्र निजी हाथों में देने को लेकर कोई भी प्रस्ताव नहीं है.

भोपाल। विधानसभा में कोरोना काल में फीस नहीं भर पाने के चलते निजी स्कूलों द्वारा बच्चों को परीक्षा से वंचित रखने को लेकर सवाल किया गया. जिसके जवाब में मंत्री इंदर सिंह परमार ने सदन में जवाब देते हुए कहा कि सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है, कि किसी भी छात्र को परीक्षा से वंचित नहीं रखा जाएगा.

  • परीक्षा से वंचित नहीं रख सकेंगे स्कूल

दरअसल पूरे प्रदेश में कोरोनावायरस फीस जमा नहीं कर पाने के कारण स्कूली बच्चों को परीक्षा से वंचित रखने का मामला सामने आया है. इस पर कांग्रेस विधायक तरुण भनोट के अलावा कई विधायकों ने इस मामले को सदन में उठाया साथ ही निजी स्कूलों द्वारा जबरदस्ती पलकों से फीस जमा करने पर दबाव बनाने की बात कही. बीजेपी विधायक संजय शाह ने भी इस बात का समर्थन करते हुए बड़े स्कूलों पर पैसा वसूलने का आरोप लगाया. जिस पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने शिक्षा मंत्री इंद्र सिंह परमार से निर्णय लेने को कहा जिस पर मंत्री इंदर सिंह परमार ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि सभी जिला कलेक्टरों को आदेश दिए गए हैं, कि किसी भी स्कूल में फीस के चलते किसी भी छात्र को परीक्षा देने से वंचित नहीं रखा जाएगा.

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  • अधिकारियों पर हो कार्रवाई

वहीं उज्जैन के विधायक बहादुर सिंह परमार ने पेट्रोल पंप के बगल में स्कूल निर्माण की परमिशन देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर सवाल किया, विधायक का आरोप है कि अधिकारियों ने आखिर सरकार को गलत रिपोर्ट क्यों सौंपी, जबकि स्कूल के बगल में ही पेट्रोल पंप है. ऐसे में कहीं ना कहीं बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होना चाहिए.

  • वन क्षेत्र निजी हाथों में देने का कोई प्रस्ताव नहीं

इसके साथ ही कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने वन मंत्री से सवाल करते हुए वन क्षेत्र का कुछ प्रतिशत पीपीपी मॉडल पर निजी क्षेत्र में सौंपने को लेकर सवाल किया था. जिस पर वन मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि वन क्षेत्र निजी हाथों में देने को लेकर कोई भी प्रस्ताव नहीं है.

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