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शिक्षकों की कमी दूर करने होगी 22 हजार शिक्षकों की भर्ती, अतिथि शिक्षकों को भी दिया जा रहा मौका-स्कूल शिक्षा मंत्री

भोपाल के सिंधु भवन में शिक्षा विभाग के महर्षि पतंजलि संस्था की ओर से तीन दिवसीय संस्कृत शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी.

School Education Minister Prabhuram Chaudhary
कार्यक्रम में मौजूद प्रभुराम चौधरी
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Published : Jan 4, 2020, 4:05 AM IST

Updated : Jan 4, 2020, 4:29 AM IST

भोपाल। सिंधु भवन में शिक्षा विभाग के महर्षि पतंजलि संस्था की ओर से तीन दिवसीय संस्कृत शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें शामिल होने स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी पहुंचे. इस दौरान मंत्री प्रभु राम चौधरी ने मेधावी विद्यार्थियों और शिक्षकों को सम्मानित किया. 3 दिनों तक चलने वाले इस शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए आए हुए वक्ताओं के द्वारा अपने-अपने विचार रखे जा रहे हैं.


स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि महर्षि पतंजलि संस्थान पूरे प्रदेश में संस्कृत स्कूल संचालित कर रही है. 200 से ज्यादा संस्कृत विद्यालय इस समय संचालित हो रहे हैं. संस्कृत और विज्ञान का कितना तालमेल है, इसे पुरातत्व की दृष्टि से समझा जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्राचीन भाषाओं में संस्कृत भाषा में वेद और पुराण का स्थान रहा है. आज के युवाओं को इन सभी भाषाओं का ज्ञान होना बेहद जरूरी है. संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं.

शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहुंचे प्रभुराम चौधरी


संस्कृति संस्कृति का अभिन्न अंग
जिस भी बच्चे को संस्कृत में रुचि होती है तो उसे इस विद्यालय के जरिए प्रोत्साहित किया जाता है. इस तरह के विद्यालयों के माध्यम से यह भी जरूरी है कि आने वाली पीढ़ी को हमारी पुरानी संस्कृत भाषा और संस्कृति के बारे में जानकारी मिल सके . क्योंकि संस्कृत हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है. संस्कृत प्राचीन भाषा है जो हमारी संस्कृति को परिभाषित करती है. अभी मध्यप्रदेश में कई जगह पर यह स्कूल संचालित किए जा रहे हैं. अभी इसमें कक्षा 6 से कक्षा बारहवीं तक के बच्चे पढ़ाई कर रहे थे. लेकिन अब इसे एलकेजी से शुरू किया जा रहा है. जिससे बच्चे भी संस्कृत की भाषा को अच्छे से समझ सके.


इंटरनेट और गैजेट्स की पढ़ाई पर मंत्री ने जताई चिंता
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बढ़ते इंटरनेट और गैजेट्स की पढ़ाई पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि स्कूलों में जो शिक्षा दी जाती है. वह सही तरीके से बच्चों तक पहुंचना चाहिए. अब नई पीढ़ी आ रही है तो यह भी निश्चित है कि वह कुछ अलग ढंग से आगे बढ़ती है और यह चीज सभी को समझने की भी जरूरत है. लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हमारे प्राचीन काल की सभ्यता और संस्कृति को हम भूल जाएं. उन्हें हमेशा स्मरण में रखना जरूरी है.


22 हजार शिक्षकों की जाएगी भर्ती
वहीं प्रदेश में शिक्षकों की कमी को दूर करने को लेकर कहा कि निश्चित रूप से यह बात सही है कि प्रदेश में शिक्षकों की कमी है. इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने कुछ नए नियम बनाए हैं. नए शिक्षकों की भर्ती के लिए 30 दिसंबर को विज्ञप्ति भी जारी कर दी है. इसके लिए 10 जनवरी से ऑनलाइन पोर्टल पर शिक्षक आवेदन कर सकेंगे. इसके तहत प्रदेश में करीब 22 हजार शिक्षक की भर्ती की जाएगी. ऐसा करने से निश्चित रूप से हम प्रदेश में शिक्षकों की कमी को दूर करने में कामयाब हो जाएंगे.


अतिथि शिक्षकों के लिए 25 प्रतिशत सीट आरक्षित
वही अतिथि शिक्षकों द्वारा लगातार राजधानी में धरना प्रदर्शन पर कहा कि अतिथि शिक्षकों के लिए भी इस भर्ती प्रक्रिया में 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई है. जिससे उन्हें भी इसका लाभ मिल सके. हम उन्हें लगातार अवसर दे रहे हैं. इसको लेकर एक कमेटी भी मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई है. वहीं बच्चों को लैपटॉप और स्कूटी देने का वादा करने के बाद भी लैपटॉप-स्कूटी ना मिलने पर मंत्री ने कहा कि अभी उस पर विचार चल रहा है.

भोपाल। सिंधु भवन में शिक्षा विभाग के महर्षि पतंजलि संस्था की ओर से तीन दिवसीय संस्कृत शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें शामिल होने स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी पहुंचे. इस दौरान मंत्री प्रभु राम चौधरी ने मेधावी विद्यार्थियों और शिक्षकों को सम्मानित किया. 3 दिनों तक चलने वाले इस शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए आए हुए वक्ताओं के द्वारा अपने-अपने विचार रखे जा रहे हैं.


स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि महर्षि पतंजलि संस्थान पूरे प्रदेश में संस्कृत स्कूल संचालित कर रही है. 200 से ज्यादा संस्कृत विद्यालय इस समय संचालित हो रहे हैं. संस्कृत और विज्ञान का कितना तालमेल है, इसे पुरातत्व की दृष्टि से समझा जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्राचीन भाषाओं में संस्कृत भाषा में वेद और पुराण का स्थान रहा है. आज के युवाओं को इन सभी भाषाओं का ज्ञान होना बेहद जरूरी है. संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं.

शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहुंचे प्रभुराम चौधरी


संस्कृति संस्कृति का अभिन्न अंग
जिस भी बच्चे को संस्कृत में रुचि होती है तो उसे इस विद्यालय के जरिए प्रोत्साहित किया जाता है. इस तरह के विद्यालयों के माध्यम से यह भी जरूरी है कि आने वाली पीढ़ी को हमारी पुरानी संस्कृत भाषा और संस्कृति के बारे में जानकारी मिल सके . क्योंकि संस्कृत हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है. संस्कृत प्राचीन भाषा है जो हमारी संस्कृति को परिभाषित करती है. अभी मध्यप्रदेश में कई जगह पर यह स्कूल संचालित किए जा रहे हैं. अभी इसमें कक्षा 6 से कक्षा बारहवीं तक के बच्चे पढ़ाई कर रहे थे. लेकिन अब इसे एलकेजी से शुरू किया जा रहा है. जिससे बच्चे भी संस्कृत की भाषा को अच्छे से समझ सके.


इंटरनेट और गैजेट्स की पढ़ाई पर मंत्री ने जताई चिंता
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बढ़ते इंटरनेट और गैजेट्स की पढ़ाई पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि स्कूलों में जो शिक्षा दी जाती है. वह सही तरीके से बच्चों तक पहुंचना चाहिए. अब नई पीढ़ी आ रही है तो यह भी निश्चित है कि वह कुछ अलग ढंग से आगे बढ़ती है और यह चीज सभी को समझने की भी जरूरत है. लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हमारे प्राचीन काल की सभ्यता और संस्कृति को हम भूल जाएं. उन्हें हमेशा स्मरण में रखना जरूरी है.


22 हजार शिक्षकों की जाएगी भर्ती
वहीं प्रदेश में शिक्षकों की कमी को दूर करने को लेकर कहा कि निश्चित रूप से यह बात सही है कि प्रदेश में शिक्षकों की कमी है. इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने कुछ नए नियम बनाए हैं. नए शिक्षकों की भर्ती के लिए 30 दिसंबर को विज्ञप्ति भी जारी कर दी है. इसके लिए 10 जनवरी से ऑनलाइन पोर्टल पर शिक्षक आवेदन कर सकेंगे. इसके तहत प्रदेश में करीब 22 हजार शिक्षक की भर्ती की जाएगी. ऐसा करने से निश्चित रूप से हम प्रदेश में शिक्षकों की कमी को दूर करने में कामयाब हो जाएंगे.


अतिथि शिक्षकों के लिए 25 प्रतिशत सीट आरक्षित
वही अतिथि शिक्षकों द्वारा लगातार राजधानी में धरना प्रदर्शन पर कहा कि अतिथि शिक्षकों के लिए भी इस भर्ती प्रक्रिया में 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई है. जिससे उन्हें भी इसका लाभ मिल सके. हम उन्हें लगातार अवसर दे रहे हैं. इसको लेकर एक कमेटी भी मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई है. वहीं बच्चों को लैपटॉप और स्कूटी देने का वादा करने के बाद भी लैपटॉप-स्कूटी ना मिलने पर मंत्री ने कहा कि अभी उस पर विचार चल रहा है.

Intro:(रेडी टू अपलोड)

शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश में 22 हजार शिक्षकों की होगी भर्ती, अतिथि शिक्षकों को भी दिया जा रहा है मौका - स्कूल शिक्षा मंत्री


भोपाल | शहर के सिंधु भवन में शिक्षा विभाग के महर्षि पतंजलि संस्था की ओर से आयोजित तीन दिवसीय संस्कृत शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के सम्मान समारोह में पहुंचे स्कूल शिक्षा मंत्री के द्वारा मेधावी विद्यार्थियों और शिक्षकों को सम्मानित किया गया 3 दिनों तक चलने वाले इस शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए आए हुए वक्ताओं के द्वारा अपने-अपने विचार रखे जा रहे हैं .

Body:इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि महर्षि पतंजलि संस्थान पूरे प्रदेश में संस्कृत स्कूल संचालित कर रही है और 200 से अधिक संस्कृत विद्यालय संचालित इस समय हो रहे हैं संस्कृत और विज्ञान का कितना तालमेल है इसे पुरातत्व की दृष्टि से समझा जा सकता है प्राचीन भाषाओं में संस्कृत भाषा में वेद और पुराण का स्थान रहा है आज के युवाओं को इन सभी भाषाओं का ज्ञान होना बेहद जरूरी है संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं जिस भी बच्चे को संस्कृत में रुचि होती है तो उसे इस विद्यालय के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाता है इस तरह के विद्यालयों के माध्यम से यह भी जरूरी है कि आने वाली पीढ़ी को हमारी पुरानी संस्कृत भाषा और संस्कृति के बारे में जानकारी मिल सके . क्योंकि संस्कृत हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है संस्कृत प्राचीन भाषा है जो हमारी संस्कृति को परिभाषित करती है .

स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभु राम चौधरी ने कहा किमहर्षि पतंजलि संस्थान की ओर से संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम किया जा रहा है अभी मध्यप्रदेश में कई जगह पर यह स्कूल संचालित किए जा रहे हैं अभी इसमें कक्षा 6 से कक्षा बारहवीं तक के बच्चे पढ़ाई कर रहे थे लेकिन अब इसे एलकेजी से शुरू किया जा रहा है जिससे बच्चे भी संस्कृत की भाषा को अच्छे से समझ सके क्योंकि यह हमारे प्राचीन काल की संस्कृति है जिसे आज के युवा पीढ़ी से अवगत कराना बेहद जरूरी है इसके माध्यम से बच्चों को संस्कृत को जानने पहचानने का एक अच्छा मौका भी मिलेगा एक ऐसी चीज है जिसे जितना ज्ञान प्राप्त किया जाए कम ही पड़ता है

स्कूल शिक्षा मंत्री ने बढ़ते इंटरनेट और गैजेट्स की पढ़ाई पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि स्कूलों में जो शिक्षा दी जाती है वह सही तरीके से बच्चों तक पहुंचने चाहिए अब जो नया जमाना है क्योंकि अब नई पीढ़ी आ रही है तो यह भी निश्चित है कि वह कुछ अलग ढंग से आगे बढ़ती है और यह चीज सभी को समझने की भी जरूरत है लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हमारे प्राचीन काल की सभ्यता और संस्कृति को हम भूल जाएं उन्हें हमेशा स्मरण में रखना जरूरी है हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए कि हम पुरानी चीजों को भी अपने साथ रखें और नई चीजों को भी ग्रहण करें क्योंकि जमाना बदल रहा है तो नई चीजों के साथ भी आगे बढ़ना होगा शिक्षा की दिशा में यह चीजें भी कारगर साबित हो सकती हैं


वहीं प्रदेश में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह बात सही है कि प्रदेश में शिक्षकों की कमी है इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने कुछ नए नियम बनाए हैं और नए शिक्षकों की भर्ती के लिए 30 दिसंबर को विज्ञप्ति भी जारी कर दी है इसके लिए 10 जनवरी से ऑनलाइन पोर्टल पर शिक्षक आवेदन कर सकेंगे इसके तहत प्रदेश में करीब 22 हजार शिक्षक की भर्ती की जाएगी ऐसा करने से निश्चित रूप से हम प्रदेश में शिक्षकों की कमी को दूर करने में कामयाब हो जाएंगे

वही अतिथि शिक्षकों के द्वारा लगातार राजधानी में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है इसे लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि अतिथि शिक्षकों के लिए भी इस भर्ती प्रक्रिया में 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई है ताकि उन्हें भी इसका लाभ मिल सके हम उन्हें लगातार अवसर दे रहे हैं इसको लेकर एक कमेटी भी मुख्यमंत्री के द्वारा बनाई गई है जो अतिथि शिक्षकों की मांगों का अध्ययन कर रही है उसका जो भी निर्णय होगा वह जल्द सभी को बताया जाएगा

Conclusion:उन्होंने कहा कि अतिथि शिक्षकों से पहले भी मेरी बातचीत हो चुकी है जुलाई माह में भी वे मुझसे मिलने के लिए आए थे उस समय भी मैंने उनसे कहा था कि अतिथि शिक्षक जो काम कर रहे हैं वह यथावत करते रहेंगे और इसीलिए 25 अंक का बोनस भी उन्हें इस वर्ष दिया गया था ताकि उनको किसी प्रकार की समस्या ना आए और वह भर्ती प्रक्रिया से बाहर ना हो जाए और यही वजह है कि अभी जो नई भर्ती की जा रही है उसमें भी 25 प्रतिशत सीटों का लाभ दिया जा रहा है हमने जो वचन दिया है वह 5 साल के लिए है ऐसा तो नहीं हो सकता है कि एकदम से परिवर्तन आ जाए इसलिए उन लोगों को थोड़ा संयम बरतना चाहिएजो अभी शिक्षकों की भर्ती हो रही है उसमें भी कई अतिथि शिक्षक शामिल हो जाएंगे तो उनकी समस्या का निदान भी हो जाएगा


वही बच्चों को लैपटॉप और स्कूटी देने का वादा सरकार के द्वारा किया गया था लेकिन अभी तक मेरिट में आए बच्चों को इसका लाभ सरकार के द्वारा नहीं दिया गया है ,इसे लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभु राम चौधरी ने मुस्कुराते हुए कहा कि अभी उस पर विचार चल रहा है हालांकि वे इस प्रश्न का कोई भी पुख्ता जवाब देने से बचते नजर आए .

बता दें कि पूर्व में बीजेपी सरकार के द्वारा कक्षा 12वीं में मेरिट लिस्ट में आने वाले बच्चों के लिए लैपटॉप देने की योजना शुरू की गई थी लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद कांग्रेस ने भी लैपटॉप और बच्चों को स्कूटी देने का वादा किया था लेकिन एक साल पूरा हो जाने के बाद भी वह वादा अभी भी पूरा नहीं हो पाया है .
Last Updated : Jan 4, 2020, 4:29 AM IST
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