भोपाल। सिंधु भवन में शिक्षा विभाग के महर्षि पतंजलि संस्था की ओर से तीन दिवसीय संस्कृत शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें शामिल होने स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी पहुंचे. इस दौरान मंत्री प्रभु राम चौधरी ने मेधावी विद्यार्थियों और शिक्षकों को सम्मानित किया. 3 दिनों तक चलने वाले इस शैक्षणिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए आए हुए वक्ताओं के द्वारा अपने-अपने विचार रखे जा रहे हैं.
स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि महर्षि पतंजलि संस्थान पूरे प्रदेश में संस्कृत स्कूल संचालित कर रही है. 200 से ज्यादा संस्कृत विद्यालय इस समय संचालित हो रहे हैं. संस्कृत और विज्ञान का कितना तालमेल है, इसे पुरातत्व की दृष्टि से समझा जा सकता है. उन्होंने कहा कि प्राचीन भाषाओं में संस्कृत भाषा में वेद और पुराण का स्थान रहा है. आज के युवाओं को इन सभी भाषाओं का ज्ञान होना बेहद जरूरी है. संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृत विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं.
संस्कृति संस्कृति का अभिन्न अंग
जिस भी बच्चे को संस्कृत में रुचि होती है तो उसे इस विद्यालय के जरिए प्रोत्साहित किया जाता है. इस तरह के विद्यालयों के माध्यम से यह भी जरूरी है कि आने वाली पीढ़ी को हमारी पुरानी संस्कृत भाषा और संस्कृति के बारे में जानकारी मिल सके . क्योंकि संस्कृत हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है. संस्कृत प्राचीन भाषा है जो हमारी संस्कृति को परिभाषित करती है. अभी मध्यप्रदेश में कई जगह पर यह स्कूल संचालित किए जा रहे हैं. अभी इसमें कक्षा 6 से कक्षा बारहवीं तक के बच्चे पढ़ाई कर रहे थे. लेकिन अब इसे एलकेजी से शुरू किया जा रहा है. जिससे बच्चे भी संस्कृत की भाषा को अच्छे से समझ सके.
इंटरनेट और गैजेट्स की पढ़ाई पर मंत्री ने जताई चिंता
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बढ़ते इंटरनेट और गैजेट्स की पढ़ाई पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि स्कूलों में जो शिक्षा दी जाती है. वह सही तरीके से बच्चों तक पहुंचना चाहिए. अब नई पीढ़ी आ रही है तो यह भी निश्चित है कि वह कुछ अलग ढंग से आगे बढ़ती है और यह चीज सभी को समझने की भी जरूरत है. लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हमारे प्राचीन काल की सभ्यता और संस्कृति को हम भूल जाएं. उन्हें हमेशा स्मरण में रखना जरूरी है.
22 हजार शिक्षकों की जाएगी भर्ती
वहीं प्रदेश में शिक्षकों की कमी को दूर करने को लेकर कहा कि निश्चित रूप से यह बात सही है कि प्रदेश में शिक्षकों की कमी है. इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने कुछ नए नियम बनाए हैं. नए शिक्षकों की भर्ती के लिए 30 दिसंबर को विज्ञप्ति भी जारी कर दी है. इसके लिए 10 जनवरी से ऑनलाइन पोर्टल पर शिक्षक आवेदन कर सकेंगे. इसके तहत प्रदेश में करीब 22 हजार शिक्षक की भर्ती की जाएगी. ऐसा करने से निश्चित रूप से हम प्रदेश में शिक्षकों की कमी को दूर करने में कामयाब हो जाएंगे.
अतिथि शिक्षकों के लिए 25 प्रतिशत सीट आरक्षित
वही अतिथि शिक्षकों द्वारा लगातार राजधानी में धरना प्रदर्शन पर कहा कि अतिथि शिक्षकों के लिए भी इस भर्ती प्रक्रिया में 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई है. जिससे उन्हें भी इसका लाभ मिल सके. हम उन्हें लगातार अवसर दे रहे हैं. इसको लेकर एक कमेटी भी मुख्यमंत्री द्वारा बनाई गई है. वहीं बच्चों को लैपटॉप और स्कूटी देने का वादा करने के बाद भी लैपटॉप-स्कूटी ना मिलने पर मंत्री ने कहा कि अभी उस पर विचार चल रहा है.