भोपाल। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि इस सत्र से पांचवीं और आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं ली जाएंगी. इसकी व्यापक तैयारियां की जा चुकी हैं. मंत्री परमार ने शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन के लिए भाषा की महत्ता पर जोर देते हुए मातृभाषा में अध्ययन और अध्यापन की बात भी रखी. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 53 विश्व-स्तरीय स्कूल बनाए जा रहे हैं. शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार के लिए 350 सीएम राइज स्कूल की स्थापना की जा रही है. प्रयास यह है कि विद्यार्थी इनमें देश के अन्य राज्यों की भाषा का ज्ञान भी ले सकें.
भोपाल में कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में 'बोर्ड रिफॉर्म्स एंड असेसमेंट' विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री परमार ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि विभाग के कुछ लोगों के साथ बैठकर चर्चा कर नीति बना सकते थे, लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर चिंतन-मनन कर आम लोगों, विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं सामाजिक लोगों की सहभागिता और सुझाव लेना इस राष्ट्रीय सेमिनार का उद्देश्य है.
5वीं और 8वीं बोर्ड पैटर्न पर परीक्षाएं केवल सरकारी स्कूलों में होंगी
मंत्री परमार ने कहा कि राष्ट्र पुनर्निर्माण का लक्ष्य सामाजिक सुझाव और सहभागिता से ही स्थापित किया जा सकता है. शिक्षक राष्ट्र पुनर्निर्माण के लिए अहम अंग है और उसका कोई विकल्प नहीं है. शिक्षक ही व्यक्तित्व निर्माण कर सकता है. उन्होंने कहा कि मंथन प्रक्रिया बच्चों के स्वाभाविक आंकलन के लिए महत्वपूर्ण है.
रोजगार उन्मुखी हो शिक्षा
पतंजलि संस्कृत संस्थान भोपाल के अध्यक्ष भरत बैरागी ने कहा कि शिक्षा रोजगार उन्मुखी हो, इस दिशा में काम किया जाना होगा. साथ ही हमें प्रतिभा पहचानने की भी आवश्यकता है. इसके लिए शिक्षक और अभिभावक की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है.
स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने कहा कि सेमिनार में विभिन्न राज्यों के लोगों ने सहभागिता की. कार्यशाला के विषय पर एकरूपता लाने के लिए दिए गए सुझाव से नीति निर्धारण करने में सहायता मिलेगी. विभाग के तीनों घटकों ने संयुक्त रूप से कार्यशाला में जो भूमिका अदा की है, वह सराहनीय है.
प्रदेश में फिर से होगी 5वीं और 8वीं बोर्ड की परीक्षाएं, जारी हुआ नोटिफिकेशन