भोपाल। दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर राजधानी भोपाल में भी संजीवनी क्लीनिक की शुरुआत की गई है. इसमें पैथोलॉजी लैब, दवा वितरण केंद्र जैसी आधारभूत सुविधाएं मरीजों के लिए उपलब्ध हैं. अब सरकार इसकी सुविधाओं में विस्तार करने की तैयारी में है. संजीवनी क्लीनिक में फिलहाल एक ही डॉक्टर की सुविधा है. स्वास्थ्य विभाग क्लीनिक पर विशेषज्ञ डॉक्टरों के बैठने की सुविधा पर विचार कर रहा है. इसके साथ ही संजीवनी क्लीनिक के मामलों में जरूरत पड़ने पर जिला अस्पताल से भी सेकेंड ओपिनियन लिया जाएगा.
स्वास्थ्य विभाग की योजना के अनुसार शहरी क्षेत्रों में 50 हजार की जनसंख्या में इसे खोलने की योजना है, जिसमें कम से कम 20 हज़ार झुग्गी-झोपड़ी की जनसंख्या होनी चाहिए. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर पंकज शुक्ला ने बताया कि एक सर्वे के मुताबिक झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग झोलाछाप डॉक्टरों से दवाई लेते हैं. केंद्र सरकार की जन औषधि केंद्र से उन्हें दवाई नहीं मिलती है. संजीवनी क्लीनिक में डब्ल्यूएचओ-जीएमपी सहित नॉन कम्यूनिकेबल बीमारियों जैसे कि डायबिटीज, ब्लड प्रेशर के मरीजों को भी दवाईयां मिलेंगी.
बताया जा रहा है कि संजीवनी क्लीनिक में सप्ताह में दो दिन मेडिकल विशेषज्ञ, दो दिन महिला रोग विशेषज्ञ, 2 दिन शिशु रोग विशेषज्ञ आकर मरीजों का चेकअप करेंगे. इन्हें निजी अस्पतालों से 2 हजार प्रतिदिन पर हायर किया जाएगा.