भोपाल। उपचुनाव की तारीख भले ही ना आई हो, लेकिन दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और बीजेपी ने माइंड गेम खेलना शुरू कर दिया है. 2018 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साले संजय सिंह मसानी को कांग्रेस में शामिल कर विधानसभा चुनाव का टिकट देने वाले कमलनाथ ने उपचुनाव में फिर वही दांव खेला है. अब उन्होंने शिवराज सिंह के साले संजय सिंह मसानी को मध्य प्रदेश कांग्रेस में प्रदेश उपाध्यक्ष का पद दिया है. साथ ही उपचुनाव के लिए उन्हें प्रचार प्रसार का प्रदेश समन्वयक और प्रभारी बनाया है. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने उनकी नियुक्ति का आदेश भी जारी कर दिया है.
कमलनाथ की पहल को भाजपा का मनोबल तोड़ने और शिवराज सिंह को चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. लिहाजा अब मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सरकार और उनके दल भाजपा के खिलाफ उन्हीं के साले आरोप-प्रत्यारोप लगाते हुए नजर आएंगे. विधानसभा चुनाव के ठीक पहले कमलनाथ ने मसानी को भाजपा से कांग्रेस में शामिल कराया था और उन्हें टिकट दिया था. हालांकि वो त्रिकोणीय संघर्ष में चुनाव हार गए थे, लेकिन वो कांग्रेस में ही बने रहे. अब उपचुनाव के पहले कमलनाथ ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देकर फिर एक बार चौकाने का काम किया है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि, संजय सिंह मसानी योग्य, कर्मठ और जमीनी व्यक्ति हैं. विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा की रीति नीति छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे. उनके शामिल होने से कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में लाभ हुआ था. आगामी उपचुनाव में संगठन द्वारा उन्हें बड़ी जवाबदारी दी गई है. पार्टी को इलका लाभ सभी सीटों पर मिलेगा.