भोपाल। प्रदेश में कोरोना संकटकाल के बीच मिलावट का खेल भी बदस्तूर जारी है, ऐसी विषम परिस्थितियों के बीच भी मिलावट करने वाले लगातार सक्रिय बने हुए हैं. पिछले कई दिनों से लगातार दूध में मिलावट की शिकायत प्रशासन के पास पहुंच रही हैं, यही वजह है कि एक बार फिर मिलावटखोरों के खिलाफ प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है और सभी जिलों में दूध की जांच की जा रही है.
बता दें कि कमलनाथ सरकार के दौरान भी मिलावट के खिलाफ अभियान चलाया गया था, जिसे काफी अच्छा रिस्पांस मिला था और कई मिलावटखोरों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई भी की गई थी, लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद इस अभियान पर विराम लग गया था, जिसके बाद एक बार फिर से मिलावटखोरों के हौसले बुलंद होने लगे थे और मिलावट का काम फिर से बदस्तूर शुरू कर दिया गया था. प्रशासन के पास पहुंच रही शिकायतों को पूरी गंभीरता से लेते हुए संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत ने दूध की जांच के लिए 3 दिवसीय विशेष अभियान चलाने के निर्देश खाद्य सुरक्षा विभाग को दिए हैं.
बुधवार को जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने शहर के विभिन्न स्थान करोंद, इंद्रपुरी, कोलार, लालघाटी, हलालपुरा और संजीव नगर से खुले दूध के 7 नमूने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अंतर्गत लिए गए हैं. खाद्य सुरक्षा अधिकारी दूध डेयरियों सहित दूध सप्लाई वालों के दूध की भी जांच की गई है. शहर में कई दूध डेयरी संचालित है, जिनमें दूध आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आता है, खाद्य सुरक्षा विभाग की 3 टीमों ने भोपाल शहर और ग्रामीण क्षेत्र स्थित 7 डेयरियों से 7 सैंपल जांच के हेतु लिये गए हैं, जिन्हें जांच के लिए राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया है.
संभागायुक्त ने संभाग के सभी जिलों में दूध की जांच के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को दिए हैं. ताकि दूध में की जा रही मिलावट को रोका जा सके और ऐसे लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए.