भोपाल। पूर्व सीएम कमलनाथ के द्वारा कैबिनेट मंत्री इमरती देवी को आपत्तिजनक शब्द 'आइटम' बोले जाने को लेकर चुनाव आयोग ने फटकार लगाई है, साथ ही इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए दोबारा गलती नहीं करने की नसीहत दी है. इसके साथ ही पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के द्वारा कैलाश विजयवर्गीय पर की गई टिप्पणी को लेकर भी नोटिस जारी किया गया है.
सज्जन सिंह वर्मा के बयान पर मामला दर्ज
15 अक्टूबर को सांवेर में हुई एक सभा के दौरान पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कैलाश विजयवर्गीय पर जमकर निशाना साधा था, उनके द्वारा दिया गया वक्तव्य अब मुसीबत बन गया है, बीजेपी ने उनके दिए गए वक्तव्य की शिकायत चुनाव आयोग में कर दी है. इसे लेकर चुनाव आयोग के द्वारा उन्हें एक नोटिस जारी करते हुए, जवाब- तलब किया गया है. चुनाव आयोग ने उनके द्वारा की गई टिप्पणी को आचार संहिता का उल्लंघन माना है.
सज्जन सिंह वर्मा के द्वारा कहा गया था कि, 'सुन ले रे भैया कैलासिया, कि तेरी औकात कितनी है, तू भूल गया, नाक पकौड़े जैसी हो गई, दशहरा जैसे-जैसे पास में आता है, उसका चेहरा रावण जैसा हो जाता है, मेरा कहना है कि, कितनी बार जला चुके हैं, अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, वहीं इस रावण को जलाएं', बीजेपी कार्यक्रताओं ने इस बयान की निंदा की थी और कई जगह सज्जन सिंह वर्मा का पुतला भी फूंका था.
चुनाव आयोग के द्वारा कहा गया कि, कमलनाथ के द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी की एक महिला प्रत्याशी के खिलाफ अशोभनीय शब्द का इस्तेमाल कर आचार संहिता का उल्लंघन किया है. चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के लागू होने के दौरान एसे शब्दों का प्रयोग नहीं करने की कमलनाथ को सलाह दी है. हालांकि इस मामले में कमलनाथ को क्या सजा दी जाएगी, इसका उल्लेख नहीं किया गया है.
जाने क्या है मामला-डबरा में पूर्व सीएम कमलनाथ की फिसली जुबान, मंत्री इमरती देवी पर की अभद्र टिप्पणी
ग्वालियर की डबरा विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सभा करने पहुंचे थे. जहां उन्होंने मध्यप्रदेश शासन की मंत्री इमरती देवी को 'आइटम' कह दिया. पूर्व सीएम कमलनाथ ने मंच से बीजेपी प्रत्याशी इमरती देवी पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'मैं उसका नाम क्यों लूं, क्योंकि आप मुझसे ज्यादा जानते हैं. जनता को मुझे तो पहले ही सावधान कर देना चाहिए था कि, वो क्या 'आइटम' है.'
कमलनाथ के इस बयान के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई. सीएम शिवराज सिंह ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कमलनाथ को पार्टी से हटाने की मांग की थी. इस मामले में ना केवल बीजेपी के द्वारा चुनाव आयोग में शिकायत की गई, बल्कि प्रदेशभर में कमलनाथ के इस बयान के खिलाफ मौन व्रत करते हुए प्रदर्शन भी किया गया.