भोपाल। कोविड-19 के खतरे को देखते हुए मध्य प्रदेश के पांच शहरों में रात्रि कालीन कर्फ्यू लगाया गया है. लेकिन जब राजधानी भोपाल में कर्फ्यू के दूसरे दिन ईटीवी भारत ने ग्राउंड में जाकर रियलिटी को चेक किया तो पता चला कि भोपाल में नाइट कर्फ्यू का असर बेअसर साबित हो रहा है. रात 10:45 से 11:45 तक पुराने भोपाल के प्रमुख चौराहों पर आवागमन पूरी तरह सुचारु रुप से चलता रहा. इस दौरान किसी भी चौराहें पर पुलिस का जवान गश्त करता हुए नजर नहीं आया.
नाइट कर्फ्यू के पालन के लिए नहीं दिखे पुलिसकर्मी
सर्दी के दिनों में वैसे ही 10:00 बजे के लगभग शहर की दुकाने बंद हो जाती हैं और आवागमन भी सीमित हो जाती है. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए राजधानी भोपाल सहित प्रदेश में पांच शहरों रात 10 बजे से सुबह 6:00 बजे तक नाइट कर्फ्यू का आदेश दिया है लेकिन इस आदेश को लागू करवाने के लिए जिला प्रशासन और पुलिसकर्मी नदारद रहे. हालांकि व्यापारिक प्रतिष्ठान तो लगभग बंद थे लेकिन यातायात सुचारु रुप से चालू था.
हवा में फुर्र हुए राज्य सरकार के आर्देश
लोग रोजाना की तरह ही अपने घरों के लिए रास्तों से गुजर रहे थे. वहीं भोपाल के मशहूर पटियों पर पटियाबाज मौजूद दिखाई दिए. मोहल्लों के अंदर की दुकानें खुली हुई पाई गई. जबकि राजधानी भोपाल का सबसे भीड़ भाड़ वाले चौराहा बस स्टैंड, अल्पना टॉकीज चौराहा, भारत टॉकीज चौराहा और लेडी हॉस्पिटल चौराहा पर कर्फ्यू के दौरान काफी सख्ती दिखाई दी थी लेकिन कर्फ्यू के दूसरे दिन ही राज्य सरकार के आर्देश फुर्र हो गए.