भोपाल| रविंद्र भवन में चल रहे इफ्तेखार स्मृति नाट्य एवं सम्मान समारोह में हर दिन कलाकारों के द्वारा एक नए नाट्क की प्रस्तुति दी जाती है. 29 सालों से भोपाल में आयोजित हो रहा इफ्तेखार स्मृति नाट्य एवं सम्मान समारोह कला प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. शुक्रवार को इस नाट्य समारोह में 'रुदाली' नाटक का मंचन किया गया.
इस नाटक के माध्यम से बताया गया कि जो औरतें रुदाली का काम करती हैं, उनकी खुद की जिंदगी कितनी कष्टदायक और परेशानियों से भरी होती है. वे किस तरह अपनी मजबूरियों के चलते रुदाली बनने के लिए मजबूर हो जाती हैं. नाटक का केंद्रीय चरित्र 'शनिचरी' है, जिसे शनिवार के दिन पैदा होने के कारण यह नाम मिला है. समाज मानता है कि वह अपशगुनी है, इसीलिए उसके परिवार में कोई जिंदा नहीं बच पाया.
रुदाली नाटक को महाश्वेता देवी ने लिखा है. इस नाटक का नाट्य रूपांतरण ऊषा गांगुली ने किया है और इसका निर्देशन केजी त्रिवेदी ने किया है. इस नाट्य प्रस्तुति में 50 कलाकारों ने भागीदारी की.