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दिल्ली की पूर्व CM शीला दीक्षित की श्रद्धांजलि को लेकर MP विधानसभा में हंगामा, सरकार ने रखा अपना पक्ष

देर रात तक चली विधानसभा की कार्यवाही में विपक्ष ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देने का मुद्दा उठाया. इस पर काफी हंगामा हुआ, हालांकि इस मुद्दे पर सरकार ने अपना पक्ष रखकर अपनी बात कही.

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Published : Jul 22, 2019, 8:57 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में पहली बार रविवार के दिन भी विधानसभा की कार्यवाही चली. देर रात तक चले इस सत्र के दौरान गिलोटिन के जरिए विनियोग विधेयक और 11 विभागों का बजट भी पारित किया गया. कुटीर, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान विपक्ष के विधायक नरोत्तम मिश्रा ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देने का मुद्दा उठाया.

शीला दीक्षित की श्रद्धांजलि को लेकर MP विधानसभा में हंगामा


मुख्यमंत्री कमलनाथ कुछ ही देर पहले शीला दीक्षित की अंत्येष्टि में शामिल होकर सदन में पहुंचे थे, जिसके बाद विपक्ष ने इस मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया. जैसे ही दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू की गई, तो विपक्ष ने एक बार फिर श्रद्धांजलि देने का मुद्दा उठाया. विपक्ष की नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि देश में मध्यप्रदेश एकमात्र राज्य है, जहां रविवार होने के बावजूद विधानसभा की कार्यवाही चल रही है, इसलिए 5 मिनट के लिए श्रद्धांजलि भी दी जा सकती है.

श्रद्धांजलि विधिवत शोक प्रस्ताव लाकर दी जाएगी
हालांकि स्पीकर ने सदन में बताया कि इस मुद्दे को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से सुबह ही चर्चा हो चुकी है, इसलिए दिवंगत शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि विधिवत शोक प्रस्ताव लाकर दी जाएगी और यह सोमवार को होगा. विपक्ष ने स्पीकर की एक भी बात नहीं सुनी और सदन की चलती कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया.

विनियोग विधेयक पारित किया गया
विधानसभा में 11 विभागों की अनुदान मांगों को एक साथ और विनियोग विधेयक 2019 को वित्त मंत्री तरुण भनोट के जरिए प्रस्तुत किया और 15 मिनट में बजट पारित (गिलोटिन) करा दिया गया. इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. सत्ता पक्ष का कहना है कि पांचवीं बार सरकार ने अपना बहुमत साबित किया.

जीतू पटवारी का विपक्ष पर हमला
प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कार्यमंत्रणा की मीटिंग में श्रद्धांजलि का प्रस्ताव रखा था, तब नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि श्रद्धांजलि उनकी अंत्येष्टि हो जाने के बाद होगी, लेकिन रात 9:30 बजे इन लोगों के द्वारा श्रद्धांजलि को लेकर अचानक हंगामा मचाया गया. मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि क्या आज तक कभी भी इतनी रात को किसी को श्रद्धांजलि दी गई है, क्या कभी सूर्य अस्त हो जाने के बाद श्रद्धांजलि दी जाती है, लेकिन यह केवल बीजेपी के बहाने हैं. उन्होंने कहा कि जब-जब भी बहुमत सिद्ध करने की बात आती है, तो विपक्ष भाग खड़ा होता है.

'बजट के दौरान वोटिंग होती तो बीजेपी के 5 विधायक कम होते'
जीतू पटवारी ने कहा कि जब बजट पर वोटिंग का समय आया, तो विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर लिया. विपक्ष के नेता जब बाहर जाते हैं, तो कहते हैं कि सरकार के पास बहुमत नहीं है. बीजेपी के लोग इस प्रकार के हल्के और छोटे बयान देने का काम करते हैं. आज की घटना से यह बात साबित हो गई है कि यह लोग केवल झूठ बोलना जानते हैं. मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि बीजेपी समाज में केवल भ्रम फैलाने का काम करती है, बजट को लेकर चर्चा हो रही थी, विपक्ष के नेता सदन में मौजूद होते तो पता चल जाता कि किसके पास कितने विधायक हैं. उन्होंने कहा कि अगर सचमुच में ऐसा हो जाता, तो बीजेपी के विधायकों में 5 विधायकों की गिनती कम ही मिलती, इसलिए वे सदन से भाग गए.

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में पहली बार रविवार के दिन भी विधानसभा की कार्यवाही चली. देर रात तक चले इस सत्र के दौरान गिलोटिन के जरिए विनियोग विधेयक और 11 विभागों का बजट भी पारित किया गया. कुटीर, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान विपक्ष के विधायक नरोत्तम मिश्रा ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देने का मुद्दा उठाया.

शीला दीक्षित की श्रद्धांजलि को लेकर MP विधानसभा में हंगामा


मुख्यमंत्री कमलनाथ कुछ ही देर पहले शीला दीक्षित की अंत्येष्टि में शामिल होकर सदन में पहुंचे थे, जिसके बाद विपक्ष ने इस मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया. जैसे ही दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू की गई, तो विपक्ष ने एक बार फिर श्रद्धांजलि देने का मुद्दा उठाया. विपक्ष की नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि देश में मध्यप्रदेश एकमात्र राज्य है, जहां रविवार होने के बावजूद विधानसभा की कार्यवाही चल रही है, इसलिए 5 मिनट के लिए श्रद्धांजलि भी दी जा सकती है.

श्रद्धांजलि विधिवत शोक प्रस्ताव लाकर दी जाएगी
हालांकि स्पीकर ने सदन में बताया कि इस मुद्दे को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से सुबह ही चर्चा हो चुकी है, इसलिए दिवंगत शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि विधिवत शोक प्रस्ताव लाकर दी जाएगी और यह सोमवार को होगा. विपक्ष ने स्पीकर की एक भी बात नहीं सुनी और सदन की चलती कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया.

विनियोग विधेयक पारित किया गया
विधानसभा में 11 विभागों की अनुदान मांगों को एक साथ और विनियोग विधेयक 2019 को वित्त मंत्री तरुण भनोट के जरिए प्रस्तुत किया और 15 मिनट में बजट पारित (गिलोटिन) करा दिया गया. इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. सत्ता पक्ष का कहना है कि पांचवीं बार सरकार ने अपना बहुमत साबित किया.

जीतू पटवारी का विपक्ष पर हमला
प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कार्यमंत्रणा की मीटिंग में श्रद्धांजलि का प्रस्ताव रखा था, तब नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि श्रद्धांजलि उनकी अंत्येष्टि हो जाने के बाद होगी, लेकिन रात 9:30 बजे इन लोगों के द्वारा श्रद्धांजलि को लेकर अचानक हंगामा मचाया गया. मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि क्या आज तक कभी भी इतनी रात को किसी को श्रद्धांजलि दी गई है, क्या कभी सूर्य अस्त हो जाने के बाद श्रद्धांजलि दी जाती है, लेकिन यह केवल बीजेपी के बहाने हैं. उन्होंने कहा कि जब-जब भी बहुमत सिद्ध करने की बात आती है, तो विपक्ष भाग खड़ा होता है.

'बजट के दौरान वोटिंग होती तो बीजेपी के 5 विधायक कम होते'
जीतू पटवारी ने कहा कि जब बजट पर वोटिंग का समय आया, तो विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर लिया. विपक्ष के नेता जब बाहर जाते हैं, तो कहते हैं कि सरकार के पास बहुमत नहीं है. बीजेपी के लोग इस प्रकार के हल्के और छोटे बयान देने का काम करते हैं. आज की घटना से यह बात साबित हो गई है कि यह लोग केवल झूठ बोलना जानते हैं. मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि बीजेपी समाज में केवल भ्रम फैलाने का काम करती है, बजट को लेकर चर्चा हो रही थी, विपक्ष के नेता सदन में मौजूद होते तो पता चल जाता कि किसके पास कितने विधायक हैं. उन्होंने कहा कि अगर सचमुच में ऐसा हो जाता, तो बीजेपी के विधायकों में 5 विधायकों की गिनती कम ही मिलती, इसलिए वे सदन से भाग गए.

Intro:कांग्रेस ने लगाया बीजेपी पर भागने का आरोप , गिलोटिन के माध्यम से विनियोग विधेयक एवं 11 विभागों का बजट हुआ पारित


भोपाल | मध्यप्रदेश विधानसभा में पहली बार रविवार के दिन विधानसभा का सत्र आयोजित किया गया . देर रात तक चले इस सत्र के दौरान गिलोटिन के जरिए विनियोग विधेयक एवं 11 विभागों का बजट भी पारित किया गया . कुटीर एवं ग्रामोद्योग नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान विपक्ष के विधायक नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देने का मुद्दा उठाया . मुख्यमंत्री कमलनाथ कुछ ही देर पहले शीला दीक्षित की अंत्येष्टि में शामिल होकर सदन में पहुंचे थे . उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मौजूद है इसलिए अभी शीला दीक्षित को सदन में श्रद्धांजलि दी जाए . कुछ ही देर में विपक्ष के नेताओं के द्वारा इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया . हंगामे को बढ़ता देख सदन की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया . लेकिन जैसे ही दोबारा सदन की कार्यवाही आहूत की गई . विपक्ष ने एक बार फिर श्रद्धांजलि का मुद्दा उठाया . इसके बाद बीजेपी नेताओं ने जमकर शोरगुल भी किया . विपक्ष की नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि देश में मध्यप्रदेश एक मात्र राज्य है . जहां रविवार के बावजूद विधानसभा की कार्यवाही चल रही है . इसलिए 5 मिनट के लिए श्रद्धांजलि भी दी जा सकती है . हालांकि स्पीकर के द्वारा उन्हें बताया गया कि इस मुद्दे को लेकर नेता प्रतिपक्ष से सुबह ही चर्चा हो चुकी है . इसलिए शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि विधिवत शोक प्रस्ताव लाकर दी जाएगी और यह सोमवार को होगा . लेकिन विपक्ष ने स्पीकर की एक भी बात नहीं सुनी और सदन की चलती कार्यवाही से वॉकआउट कर लिया . Body:विपक्ष के चले जाने के बाद मुख्यमंत्री ने सदन को इस मुद्दे पर सफाई देते हुए बताया कि रविवार को सुबह ही तय हो गया था कि 22 जुलाई को शोक प्रस्ताव लाया जाएगा . अब इस मुद्दे को अचानक उठाने का आशय समझ में नहीं आ रहा है . मुझे आश्चर्य है कि जब इस संबंध में सुबह चर्चा हो चुकी थी तो इस विषय को बजट चर्चा के दौरान उठाने के पीछे नेता प्रतिपक्ष का क्या मंतव्य है . मुख्यमंत्री ने सदन में बताया कि वह कुछ ही देर पहले स्वर्गीय शीला दीक्षित के अंतिम संस्कार में शामिल होकर भोपाल आए हैं . दिल्ली जाने की से पूर्व मैंने विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष से चर्चा की थी . उस समय मेरी इच्छा शोक प्रस्ताव लाने की थी . पर यह विचार हुआ कि अंतिम संस्कार होने के बाद ही विधिवत प्रस्ताव लाया जा सकता है . उसके बाद में दिल्ली के लिए रवाना हो गया . इसके बाद इस विषय को विभागों की बजट चर्चा के दौरान उठाने का आशय समझ से परे है कि आखिर नेता प्रतिपक्ष की इच्छा क्या है .
इसके बाद स्पीकर ने शेष 11 विभागों की अनुदान मांगों को एक साथ और विनियोग विधेयक 2019 को वित्त मंत्री तरुण भनोट के जरिए प्रस्तुत किया और 15 मिनट में बजट पारित ( गिलोटिन) करा दिया गया . इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई . सत्ता पक्ष का कहना है कि पांचवी बार सरकार ने अपना बहुमत साबित किया भाजपा ने वही कर मन इसलिए किया क्योंकि उसके पास संख्या बल नहीं था .
Conclusion:प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि सुबह मुख्यमंत्री ने कार्य मंत्रणा की मीटिंग में इस प्रस्ताव को रखा था तो नेता प्रतिपक्ष ने हीं कहा था कि श्रद्धांजलि उनकी अंत्येष्टि हो जाने के बाद होगी . लेकिन रात को 9:30 बजे इन लोगों के द्वारा श्रद्धांजलि को लेकर अचानक हंगामा मचाया गया . क्या आज तक कभी भी इतनी रात को किसी को श्रद्धांजलि दी गई है . क्या कभी सूर्य अस्त हो जाने के बाद श्रद्धांजलि दी जाती है . लेकिन यह केवल बीजेपी के बहाने हैं .
उन्होंने कहा कि जब- जब भी बहुमत सिद्ध करने की बात आती है तो यह लोग भाग खड़े होते हैं . जब विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हो रहा था तब भी यह लोग भाग खड़े हुए थे . जब विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ तब भी इन लोगों ने वॉकआउट कर लिया था . लेकिन आज भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया है . जब बजट पर वोटिंग का समय आया तो उन्होंने सदन से वाक आउट कर लिया और बाहर जब जाते हैं तो कहते हैं कि सरकार के पास बहुमत नहीं है . कांग्रेस की सरकार अल्पमत की सरकार है . बीजेपी के लोग इस प्रकार के हल्के और छोटे बयान देने का काम करते हैं . आज की इस की गई घटना से यह बात साबित हो गई है कि यह लोग केवल झूठ बोलना जानते हैं और यह लोग समाज में केवल भ्रम फैलाने का काम करते हैं . आज बजट को लेकर चर्चा हो रही थी यदि वे सदन में मौजूद होते तो पता चल जाता कि किसके पास कितने विधायक हैं . उन्होंने कहा कि यदि सचमुच में ऐसा हो जाता तो भारतीय जनता पार्टी के विधायकों में 5 विधायकों की गिनती कम ही मिलती, इसीलिए सदन से भाग गए .
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