भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में पहली बार रविवार के दिन भी विधानसभा की कार्यवाही चली. देर रात तक चले इस सत्र के दौरान गिलोटिन के जरिए विनियोग विधेयक और 11 विभागों का बजट भी पारित किया गया. कुटीर, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान विपक्ष के विधायक नरोत्तम मिश्रा ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि देने का मुद्दा उठाया.
मुख्यमंत्री कमलनाथ कुछ ही देर पहले शीला दीक्षित की अंत्येष्टि में शामिल होकर सदन में पहुंचे थे, जिसके बाद विपक्ष ने इस मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया. जैसे ही दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू की गई, तो विपक्ष ने एक बार फिर श्रद्धांजलि देने का मुद्दा उठाया. विपक्ष की नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि देश में मध्यप्रदेश एकमात्र राज्य है, जहां रविवार होने के बावजूद विधानसभा की कार्यवाही चल रही है, इसलिए 5 मिनट के लिए श्रद्धांजलि भी दी जा सकती है.
श्रद्धांजलि विधिवत शोक प्रस्ताव लाकर दी जाएगी
हालांकि स्पीकर ने सदन में बताया कि इस मुद्दे को लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से सुबह ही चर्चा हो चुकी है, इसलिए दिवंगत शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि विधिवत शोक प्रस्ताव लाकर दी जाएगी और यह सोमवार को होगा. विपक्ष ने स्पीकर की एक भी बात नहीं सुनी और सदन की चलती कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया.
विनियोग विधेयक पारित किया गया
विधानसभा में 11 विभागों की अनुदान मांगों को एक साथ और विनियोग विधेयक 2019 को वित्त मंत्री तरुण भनोट के जरिए प्रस्तुत किया और 15 मिनट में बजट पारित (गिलोटिन) करा दिया गया. इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. सत्ता पक्ष का कहना है कि पांचवीं बार सरकार ने अपना बहुमत साबित किया.
जीतू पटवारी का विपक्ष पर हमला
प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कार्यमंत्रणा की मीटिंग में श्रद्धांजलि का प्रस्ताव रखा था, तब नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि श्रद्धांजलि उनकी अंत्येष्टि हो जाने के बाद होगी, लेकिन रात 9:30 बजे इन लोगों के द्वारा श्रद्धांजलि को लेकर अचानक हंगामा मचाया गया. मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि क्या आज तक कभी भी इतनी रात को किसी को श्रद्धांजलि दी गई है, क्या कभी सूर्य अस्त हो जाने के बाद श्रद्धांजलि दी जाती है, लेकिन यह केवल बीजेपी के बहाने हैं. उन्होंने कहा कि जब-जब भी बहुमत सिद्ध करने की बात आती है, तो विपक्ष भाग खड़ा होता है.
'बजट के दौरान वोटिंग होती तो बीजेपी के 5 विधायक कम होते'
जीतू पटवारी ने कहा कि जब बजट पर वोटिंग का समय आया, तो विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर लिया. विपक्ष के नेता जब बाहर जाते हैं, तो कहते हैं कि सरकार के पास बहुमत नहीं है. बीजेपी के लोग इस प्रकार के हल्के और छोटे बयान देने का काम करते हैं. आज की घटना से यह बात साबित हो गई है कि यह लोग केवल झूठ बोलना जानते हैं. मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि बीजेपी समाज में केवल भ्रम फैलाने का काम करती है, बजट को लेकर चर्चा हो रही थी, विपक्ष के नेता सदन में मौजूद होते तो पता चल जाता कि किसके पास कितने विधायक हैं. उन्होंने कहा कि अगर सचमुच में ऐसा हो जाता, तो बीजेपी के विधायकों में 5 विधायकों की गिनती कम ही मिलती, इसलिए वे सदन से भाग गए.