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सरकार और संगठन पर संघ का दखल, 10 महीने में 4 बड़े फैसले - government and organization

मध्यप्रदेश बीजेपी में संघ का दखल पूरी तरह से रहेगा. राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश की नियुक्ति ने यह साफ कर दिया है कि अब मध्य प्रदेश में सरकार और संगठन में संघ का पूरी तरह से दखल रहेगा. पढ़ें पूरी खबर.

CM Shivraj and VD Sharma
सीएम शिवराज और वीडी शर्मा
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Published : Jan 2, 2021, 7:53 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में लगातार संघ पृष्ठभूमि के नेताओं की नियुक्तियों ने संगठन में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं. हाल ही में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश की नियुक्ति ने यह साफ कर दिया है कि अब मध्य प्रदेश में सरकार और संगठन में संघ का पूरी तरह से दखल रहेगा. बीजेपी राष्ट्रीय नेतृत्व पिछले 10 महीने में चार बड़े फैसले मध्य प्रदेश को लेकर कर चुकी है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब मध्यप्रदेश में संघ का दखल सबसे ज्यादा रहेगा.

सरकार और संगठन में पर संघ का दखल

10 महीने में 4 बड़े फैसले

पार्टी ने पिछले 10 महीने में चार बड़े फैसले लिए हैं. इन सभी फैसलों में संघ से आए लोगों को मध्यप्रदेश में प्रमुख भूमिका में मैदान में उतारा है.

  1. इसी साल फरवरी महीने में प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के स्थान पर संघ प्रचारक वीडी शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर नियुक्ति की गई थी.
  2. पार्टी ने प्रदेश में 4 महामंत्री बनाए, जिसमें भगवानदास सबनानी, कविता पाटीदार, सरतेंदू तिवारी और रणवीर सिंह रावत के नियुक्ति का आदेश भी दिल्ली से जारी किया गया था.
  3. लंबे समय से मध्य प्रदेश का प्रभार संभाल रहे प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे के स्थान पर संघ पृष्ठभूमि के मुरलीधर राव को प्रदेश प्रभारी बनाकर मध्य प्रदेश भेजा गया.
  4. हाल ही में राष्ट्रीय नेतृत्व ने राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश को मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी दी.

शिवकुमार का बेस कैंप रहेगा भोपाल

राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र ,आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल का प्रभार भी सौंपा गया है. सबसे खास बात यह है कि शिव प्रकाश का बेस कैंप भोपाल रहेगा. बीजेपी के नए सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश की भूमिका आरएसएस और बीजेपी के बीच समन्वय की रहेगी. उन्हें छह राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि वह अभी तक केवल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की संगठनात्मक जिम्मेदारी निभा रहे थे. अब केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड से हटाकर मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के अलावा दक्षिण के राज्यों का प्रभार दिया है. शिव प्रकाश को मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी देना कहीं ना कहीं राज्य में बड़े बदलाव के संकेत हैं. इसके पहले पूर्व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल यह जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. अब साल 2020 के आखिरी वक्त में संगठन में इन नियुक्तियों ने साफ कर दिया है कि अब सरकार और संगठन में संघ का भरपूर दखल रहेगा.

प्रदेश में बन रहे अलग-अलग पावर सेंटर के कारण हुई हैं नियुक्तियां-राजनैतिक विश्लेषक

मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद जिस तरीके से अलग-अलग पावर सेंटर बन रहे हैं. शायद यही वजह है कि संघ ने अपने पंच प्यारे मध्य प्रदेश भेजे हैं. यह कहना है राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुराग पटेरिया का. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से सत्ता परिवर्तन के बाद मध्य प्रदेश में अलग-अलग पावर सेंटर बने थे. वहीं वर्तमान में कहीं ना कहीं इन पावर सेंटरों में समन्वय की कमी है. यही वजह है कि संगठन में इन पंच प्यारों की नियुक्तियां की गई हैं.


बीजेपी में हुई नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस का आरोप है कि पार्टी में अब गुटबाजी खुलकर सामने आने लगी है. यही वजह है कि पार्टी ने इन नेताओं की नियुक्ति की है. ताकि पार्टी में सामजस्य बना रहे क्योंकि सिंधिया के कारण सरकार बनी है तो सिंधिया का दबाव अलग है. वह अपने लोगों को मंत्रिमंडल और संगठन में जगह दिलाने का दबाव बना रहे हैं. यही वजह है कि लंबे समय से पार्टी अपना संगठन विस्तार नहीं कर पा रही है.


बीजेपी में इन नियुक्तियों के बाद यह स्पष्ट दिखाई देने लगा है कि पार्टी में सरकार और संगठन में समन्वय नहीं बन पा रहा है. यही वजह है कि पिछले लंबे समय से कार्यकारिणी को लेकर चल रहे विचार-मंथन के बावजूद भी कार्यकारिणी घोषित नहीं हो पाई है. शिवराज अपने मंत्रिमंडल का विस्तार भी नहीं कर पाए हैं. जबकि उपचुनाव के नतीजों के बाद छह मंत्री पद अभी भी खाली हैं.

भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में लगातार संघ पृष्ठभूमि के नेताओं की नियुक्तियों ने संगठन में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं. हाल ही में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश की नियुक्ति ने यह साफ कर दिया है कि अब मध्य प्रदेश में सरकार और संगठन में संघ का पूरी तरह से दखल रहेगा. बीजेपी राष्ट्रीय नेतृत्व पिछले 10 महीने में चार बड़े फैसले मध्य प्रदेश को लेकर कर चुकी है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब मध्यप्रदेश में संघ का दखल सबसे ज्यादा रहेगा.

सरकार और संगठन में पर संघ का दखल

10 महीने में 4 बड़े फैसले

पार्टी ने पिछले 10 महीने में चार बड़े फैसले लिए हैं. इन सभी फैसलों में संघ से आए लोगों को मध्यप्रदेश में प्रमुख भूमिका में मैदान में उतारा है.

  1. इसी साल फरवरी महीने में प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के स्थान पर संघ प्रचारक वीडी शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर नियुक्ति की गई थी.
  2. पार्टी ने प्रदेश में 4 महामंत्री बनाए, जिसमें भगवानदास सबनानी, कविता पाटीदार, सरतेंदू तिवारी और रणवीर सिंह रावत के नियुक्ति का आदेश भी दिल्ली से जारी किया गया था.
  3. लंबे समय से मध्य प्रदेश का प्रभार संभाल रहे प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे के स्थान पर संघ पृष्ठभूमि के मुरलीधर राव को प्रदेश प्रभारी बनाकर मध्य प्रदेश भेजा गया.
  4. हाल ही में राष्ट्रीय नेतृत्व ने राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश को मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी दी.

शिवकुमार का बेस कैंप रहेगा भोपाल

राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा महाराष्ट्र ,आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल का प्रभार भी सौंपा गया है. सबसे खास बात यह है कि शिव प्रकाश का बेस कैंप भोपाल रहेगा. बीजेपी के नए सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश की भूमिका आरएसएस और बीजेपी के बीच समन्वय की रहेगी. उन्हें छह राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि वह अभी तक केवल उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की संगठनात्मक जिम्मेदारी निभा रहे थे. अब केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड से हटाकर मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के अलावा दक्षिण के राज्यों का प्रभार दिया है. शिव प्रकाश को मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी देना कहीं ना कहीं राज्य में बड़े बदलाव के संकेत हैं. इसके पहले पूर्व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल यह जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. अब साल 2020 के आखिरी वक्त में संगठन में इन नियुक्तियों ने साफ कर दिया है कि अब सरकार और संगठन में संघ का भरपूर दखल रहेगा.

प्रदेश में बन रहे अलग-अलग पावर सेंटर के कारण हुई हैं नियुक्तियां-राजनैतिक विश्लेषक

मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद जिस तरीके से अलग-अलग पावर सेंटर बन रहे हैं. शायद यही वजह है कि संघ ने अपने पंच प्यारे मध्य प्रदेश भेजे हैं. यह कहना है राजनीतिक विश्लेषक शिव अनुराग पटेरिया का. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से सत्ता परिवर्तन के बाद मध्य प्रदेश में अलग-अलग पावर सेंटर बने थे. वहीं वर्तमान में कहीं ना कहीं इन पावर सेंटरों में समन्वय की कमी है. यही वजह है कि संगठन में इन पंच प्यारों की नियुक्तियां की गई हैं.


बीजेपी में हुई नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस का आरोप है कि पार्टी में अब गुटबाजी खुलकर सामने आने लगी है. यही वजह है कि पार्टी ने इन नेताओं की नियुक्ति की है. ताकि पार्टी में सामजस्य बना रहे क्योंकि सिंधिया के कारण सरकार बनी है तो सिंधिया का दबाव अलग है. वह अपने लोगों को मंत्रिमंडल और संगठन में जगह दिलाने का दबाव बना रहे हैं. यही वजह है कि लंबे समय से पार्टी अपना संगठन विस्तार नहीं कर पा रही है.


बीजेपी में इन नियुक्तियों के बाद यह स्पष्ट दिखाई देने लगा है कि पार्टी में सरकार और संगठन में समन्वय नहीं बन पा रहा है. यही वजह है कि पिछले लंबे समय से कार्यकारिणी को लेकर चल रहे विचार-मंथन के बावजूद भी कार्यकारिणी घोषित नहीं हो पाई है. शिवराज अपने मंत्रिमंडल का विस्तार भी नहीं कर पाए हैं. जबकि उपचुनाव के नतीजों के बाद छह मंत्री पद अभी भी खाली हैं.

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