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भोपाल के हाॅस्पिटल में नो रूम, पड़ताल में खुली अव्यवस्थाओं की पोल

शहर के सभी दस कोरोना हाॅस्पिटल का जायजा लिया, जो भयाभय तस्वीर सामने आई है, उससे ‘डर’ भी डर गया है. हालात ऐसे कि आधे से ज्यादा हाॅस्पिटल के तो फोन ही अटेंड नहीं हुए.

Bhopal News
भोपाल के हाॅस्पिटल में नो रूम
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Published : Apr 11, 2021, 10:33 PM IST

Updated : Apr 28, 2021, 4:11 PM IST

भोपाल। जाएं तो जाएं कहां. समझेगा कौन यहां दर्द भरे कोरोना मरीजों की जुबां. यह लाइनें राजधानी के बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर फिट बैठ रही हैं. अभी दो दिन पहले ही ईटीवी भारत ने इस बार को प्रमुखता से बताया था कि पांच घंटे की मशक्कत के बाद एक कोरोना मरीज को हाॅस्पिटल में इलाज मिल पाया था, तब सरकार का ध्यानार्षण किया था. सोचा था शायद व्यवस्था में बदलाव आएगा। पर वही ढाक के तीन पात, मतलब व्यवस्था न-न, अव्यवस्था वैसी की वैसी. शहर के सभी दस कोरोन हाॅस्पिटल का जायजा लिया, जो भयाभय तस्वीर सामने आई है, उससे ‘डर’ भी डर गया है. हालात ऐसे कि आधे से ज्यादा हाॅस्पिटल के तो फोन ही अटेंड नहीं हुए. बाकी ने कहा हाॅस्पिटल में जगह नहीं, कहीं और देखें. कोरोना मरीजों के लिए शुरू की गई हेल्पलाइन ही बदहाल मिली. हेल्पलाइन से टका-सा जवाब मिला. नंबर लेकर खुद पता कर लें. हमीदिया हाॅस्पिटल का जो नंबर दिया, वह भी गलत निकला. ईटीवी भारत की पड़ताल में सरकार के बेहतर इलाज के तमाम दावों की पोल खुल गई. ईटीवी के पास इन सभी की ऑडियो रिकाॅर्डिंग मौजूद है.

भोपाल के हाॅस्पिटल में नो रूम
सात हाॅस्पिटल के नंबर ही नहीं लगे, कुछ ने उठाए नहींकोरोना मरीजों के इलाज के लिए भोपाल के हाॅस्पिटल में बेड की उपलब्धता के सरकारी दावों की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत ने 10 हाॅस्पिटल में एक-एक करके काॅल किया. इनमें भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम्स, हमीदिया हाॅस्पिटल, जय प्रकाश जिला हाॅस्पिटल, कस्तूरबा हाॅस्पिटल के अलावा अनुबंधित एलएन मेडिकल काॅलेज, पीपुल्स हाॅस्पिटल और 5 कोविड हाॅस्पिटल शामिल थे. इनमें से 7 हाॅस्पिटल में तो बार-बार काॅल करने के बाद भी काॅल अटेंड ही नहीं हुआ.

चिरायु हाॅस्पिटल - चिरायु हाॅस्पिटल के अलग-अलग छह नंबरों पर काॅल किया गया, लेकिन किसी भी नंबर पर काॅल नहीं नहीं हो सका.

बंसल हाॅस्पिटल - बंसल हाॅस्पिटल के मोबाइल नंबर पर करीब आधे घंटे तक कई बार काॅल किया गया, लेकिन काॅल हमेशा बिजी मिली.

पीपुल्स हाॅस्पिटल - पीपुल्स हाॅस्पिटल के नंबर 4005200 पर कई बार काॅल किया, लेकिन हर बार नंबर बिली मिला. पीपुल्स के पर भी कई बार काॅल किए गए, लेकिन नंबर नहीं उठाया गया.

एम्स हाॅस्पिटल - शहर के सबसे बड़े हाॅस्पिटल के हाल भी बेहाल हैं। हाॅस्पिटल के मोबाइल नंबर पर कई बार काॅल किए गए, लेकिन काॅल अटेंड नहीं हो सका.

जेपी हाॅस्पिटल - शहर के जय प्रकाश जिला हाॅस्पिटल के नंबर पर काॅल किया, तो मोबाइल बंद मिला.

एनएन मेडिकल काॅलेज - एलएन मेडिकल काॅलेज के लैंडलाइन नंबर पर भी कई बार काॅल किए गए, लेकिन किसी ने काॅल अटेंड नहीं किया.

तीन हाॅस्पिटल से बात हुई बोले ‘नो रूम’, दूसरे हाॅस्पिटल ले जाएं

ईटीवी भारत ने जेके हाॅस्पिटल, कस्तूरबा और स्मार्ट सिटी में काॅल किया, तो जवाब मिला ऑक्सीजन बैड ही उपलब्ध नहीं हैं.

कस्तूरबा हाॅस्पिटल - हाॅस्पिटल के लैंडलाइन नंबर 2505336 पर काॅल किया तो जवाब मिला कि भेल के मरीज होंगे तभी हाॅस्पिटल में एडमिट किया जाएगा। आप मरीज को दूसरे हाॅस्पिटल ले जाएं। बाहर के मरीज नहीं लिए जाएंगे.

जेके हाॅस्पिटल - जेके हाॅस्पिटल के लैंडलाइन नंबर 0755-408719 पर काॅल किया, तो जवाब मिला कि ऑक्सीजन बैड उपलब्ध नहीं है। पूछा, कहां ले जाएं. जवाब मिला- चिरायु, एम्स, हमीदिया ले जा सकते हैं.

स्मार्ट सिटी - हाॅस्पिटल के लैंडलाइन नंबर पर काॅल किया, तो बताया गया कि एक भी बेड उपलब्ध नहीं है.

हेल्पलाइन पर जवाब मिला नंबर लेकर खुद पता कर लें

राजधानी भोपाल में कोरोना मरीजों के लिए बेड्स की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 2704225 और 2704201 जारी किए हैं. इन नंबर पर काॅल कर मरीज के लिए ऑक्सीजन बेड के बारे में पूछा तो जवाब मिला नंबर लेकर खुद पता कर लें. बेड की उपलब्धता जानने हमीदिया का मोबाइल नंबर दिया गया, यह नंबर ही गलत मिला. नंबर किसी विनोद ने उठाया और रॉन्ग नंबर बोलकर रख दिया.

भोपाल। जाएं तो जाएं कहां. समझेगा कौन यहां दर्द भरे कोरोना मरीजों की जुबां. यह लाइनें राजधानी के बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर फिट बैठ रही हैं. अभी दो दिन पहले ही ईटीवी भारत ने इस बार को प्रमुखता से बताया था कि पांच घंटे की मशक्कत के बाद एक कोरोना मरीज को हाॅस्पिटल में इलाज मिल पाया था, तब सरकार का ध्यानार्षण किया था. सोचा था शायद व्यवस्था में बदलाव आएगा। पर वही ढाक के तीन पात, मतलब व्यवस्था न-न, अव्यवस्था वैसी की वैसी. शहर के सभी दस कोरोन हाॅस्पिटल का जायजा लिया, जो भयाभय तस्वीर सामने आई है, उससे ‘डर’ भी डर गया है. हालात ऐसे कि आधे से ज्यादा हाॅस्पिटल के तो फोन ही अटेंड नहीं हुए. बाकी ने कहा हाॅस्पिटल में जगह नहीं, कहीं और देखें. कोरोना मरीजों के लिए शुरू की गई हेल्पलाइन ही बदहाल मिली. हेल्पलाइन से टका-सा जवाब मिला. नंबर लेकर खुद पता कर लें. हमीदिया हाॅस्पिटल का जो नंबर दिया, वह भी गलत निकला. ईटीवी भारत की पड़ताल में सरकार के बेहतर इलाज के तमाम दावों की पोल खुल गई. ईटीवी के पास इन सभी की ऑडियो रिकाॅर्डिंग मौजूद है.

भोपाल के हाॅस्पिटल में नो रूम
सात हाॅस्पिटल के नंबर ही नहीं लगे, कुछ ने उठाए नहींकोरोना मरीजों के इलाज के लिए भोपाल के हाॅस्पिटल में बेड की उपलब्धता के सरकारी दावों की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत ने 10 हाॅस्पिटल में एक-एक करके काॅल किया. इनमें भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एम्स, हमीदिया हाॅस्पिटल, जय प्रकाश जिला हाॅस्पिटल, कस्तूरबा हाॅस्पिटल के अलावा अनुबंधित एलएन मेडिकल काॅलेज, पीपुल्स हाॅस्पिटल और 5 कोविड हाॅस्पिटल शामिल थे. इनमें से 7 हाॅस्पिटल में तो बार-बार काॅल करने के बाद भी काॅल अटेंड ही नहीं हुआ.

चिरायु हाॅस्पिटल - चिरायु हाॅस्पिटल के अलग-अलग छह नंबरों पर काॅल किया गया, लेकिन किसी भी नंबर पर काॅल नहीं नहीं हो सका.

बंसल हाॅस्पिटल - बंसल हाॅस्पिटल के मोबाइल नंबर पर करीब आधे घंटे तक कई बार काॅल किया गया, लेकिन काॅल हमेशा बिजी मिली.

पीपुल्स हाॅस्पिटल - पीपुल्स हाॅस्पिटल के नंबर 4005200 पर कई बार काॅल किया, लेकिन हर बार नंबर बिली मिला. पीपुल्स के पर भी कई बार काॅल किए गए, लेकिन नंबर नहीं उठाया गया.

एम्स हाॅस्पिटल - शहर के सबसे बड़े हाॅस्पिटल के हाल भी बेहाल हैं। हाॅस्पिटल के मोबाइल नंबर पर कई बार काॅल किए गए, लेकिन काॅल अटेंड नहीं हो सका.

जेपी हाॅस्पिटल - शहर के जय प्रकाश जिला हाॅस्पिटल के नंबर पर काॅल किया, तो मोबाइल बंद मिला.

एनएन मेडिकल काॅलेज - एलएन मेडिकल काॅलेज के लैंडलाइन नंबर पर भी कई बार काॅल किए गए, लेकिन किसी ने काॅल अटेंड नहीं किया.

तीन हाॅस्पिटल से बात हुई बोले ‘नो रूम’, दूसरे हाॅस्पिटल ले जाएं

ईटीवी भारत ने जेके हाॅस्पिटल, कस्तूरबा और स्मार्ट सिटी में काॅल किया, तो जवाब मिला ऑक्सीजन बैड ही उपलब्ध नहीं हैं.

कस्तूरबा हाॅस्पिटल - हाॅस्पिटल के लैंडलाइन नंबर 2505336 पर काॅल किया तो जवाब मिला कि भेल के मरीज होंगे तभी हाॅस्पिटल में एडमिट किया जाएगा। आप मरीज को दूसरे हाॅस्पिटल ले जाएं। बाहर के मरीज नहीं लिए जाएंगे.

जेके हाॅस्पिटल - जेके हाॅस्पिटल के लैंडलाइन नंबर 0755-408719 पर काॅल किया, तो जवाब मिला कि ऑक्सीजन बैड उपलब्ध नहीं है। पूछा, कहां ले जाएं. जवाब मिला- चिरायु, एम्स, हमीदिया ले जा सकते हैं.

स्मार्ट सिटी - हाॅस्पिटल के लैंडलाइन नंबर पर काॅल किया, तो बताया गया कि एक भी बेड उपलब्ध नहीं है.

हेल्पलाइन पर जवाब मिला नंबर लेकर खुद पता कर लें

राजधानी भोपाल में कोरोना मरीजों के लिए बेड्स की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 2704225 और 2704201 जारी किए हैं. इन नंबर पर काॅल कर मरीज के लिए ऑक्सीजन बेड के बारे में पूछा तो जवाब मिला नंबर लेकर खुद पता कर लें. बेड की उपलब्धता जानने हमीदिया का मोबाइल नंबर दिया गया, यह नंबर ही गलत मिला. नंबर किसी विनोद ने उठाया और रॉन्ग नंबर बोलकर रख दिया.

Last Updated : Apr 28, 2021, 4:11 PM IST
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