भोपाल। रीवा नगर निगम कमिश्नर सभाजीत यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को चिट्ठी लिखकर प्रदेश की सियासत में हड़कंप मचा दिया है. इस मामले में उन्होंने कहा है कि 'पूर्व मुख्यमंत्री के ज्ञापन में एएचपी की कीमत को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा था', जिस पर नई सरकार के निर्णय का स्पष्टीकरण जरूरी था. उन्होंने कहा कि उनकी पत्नि के बारे मे भ्रम फैलाने की कोशिश की गई, इसलिए बताना जरूरी था की, डंफर खड़ा करने और रास्ता साफ कराने के लिए उनके पास भी लोग आए थे, लेकिन उन्होंने उस समय कुछ नहीं कहा था.
कांग्रेस ने दी ये नसीहत
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता कहा है कि, पूर्व मुख्यमंत्रियों को अधिकारियों से सीधे टकराने और उन पर निजी हमले करने से बचना चाहिए, इससे वो खुद को छोटा साबित करते हैं और छबी खराब होती है. निगम आयुक्त के उठाए गए सवाल जांच के योग्य हैं और विचारणीय हैं. उन्होंने कहा कि 'मैं भी आग्रह करूंगा कि इन विषयों की जांच होना चाहिए'. पूर्व मुख्यमंत्री को इस अधिकारी और उसके परिवार की निजता पर हमला करने लगे. यह उचित नहीं है.
क्या है चिठ्ठी में
बता दें रीवा नगर निगम कमिश्नर सभाजीत यादव ने शिवराज सिंह को पत्र लिख कर उन पर हुए निजी हमले का जवाब दिया है. साथ ही उन्होंने निगम कमिश्नर को दिए शिवराज के ज्ञापन का भी जवाब दिया है, इसके अलावा इसारों-इसारों में शिवराज के कार्यकाल में हुई गड़बड़ियों पर ध्यान आकर्षित कराया गया है. नगर निगम कमिश्नर के पत्र में ऐसी चर्चा का भी उल्लेख किया गया है, जिससे बहुचर्चित डंपर कांड फिर सुर्खियों में आ गया है.
क्यों लिखी चिठ्ठी ?
कमिश्नर ने पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल पर ईडब्ल्यूएस मकान के आवंटन में रिकवरी निकाली थी, जिसके बाद रीवा के दौरे पर आए शिवराज सिंह ने कार्रवाई पर सवाल उठाए थे, उन्होंने कमिश्नर की पत्नी पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की बात कही थी, जिसके बाद निगम कमिश्नर सभाजीत यादव शिवराज सिंह को पत्र लिख कर आरोपों पर जवाब दिया है.