भोपाल। अगले साल उत्तर प्रदेश में और साल 2023 में मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव है. इस लिहाज से चित्रकूट में हो रही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की बैठक को अहम माना जा रहा है. खबर है कि इस बैठक में संघ कोरोना काल में स्वयं सेवकों द्वारा किए गए कामों का फीडबैक भी लेने जा रहा है. इस बैठक में उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य भारत प्रांत के स्वयं सेवकों के काम का ब्यौरा दिया जाना है.
बैठक में उठा धर्मांतरण का मुद्दा
चित्रकूट में जारी संघ की बैठक में धर्मांतरण का मुद्दा भी शामिल है. इसको लेकर मध्य भारत प्रांत ने भी एक रिपोर्ट तैयार की है. खबर है कि इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना काल में स्वयं सेवकों ने धर्म परिवर्तन ना हो इसके लिए अभियान चलाया था. सियासी गलियारों में यह भी माना जाता है कि हाल ही में मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ लाया गया कानून भी संघ के दबाव में लाया गया था. यही रिपोर्ट संघ के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी मोहन भागवत के सामने रखने वाले हैं.
कोरोना से जान गंवाने वालों का अंतिम संस्कार
कोरोना काल में संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कामों को भी इस रिपोर्ट में शामिल किया गया है. इन कामों में लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करना. कोरोना से जान गंवाने वाले उन लोगों के शवों का अंतिम संस्कार करना जिनके परिजन खुद कोरोना से पीड़ित थे. इस दौरान संघ पदाधिकारियों ने हजारों लोगों की अस्थियों का विसर्जन भी किया. कोरोना काल में गरीब और असहाय लोगों तक भोजन पहुंचाने के लिए भी संघ के कार्यकर्ताओं ने काम किया.
कोविड केयर सेंटर बनाकर की सेवा
कोरोना काल में भोपाल और आसपास के इलाकों में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने कोविड केयर सेंटर बनाकर भी लोगों की मदद की थी. प्रदेश में 1300 बिस्तर का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया था, इसके अलावा 275 बेड का कोविड केयर सेंटर, जिसमें ऑक्सीजन सुविधा वाले 75 बेड बनाए गए थे. कोरोना काल के दौरान संघ ने 300 स्थानों पर भोजन के पैकेट बांटने का काम भी किया था.
कोविड के चलते मार्च 2020 से जून 2020 तक संघ की शाखाएं नही लगीं. इस समय में संघ के ऑनलाइन कार्यक्रम और बौद्धिक आयोजन हुए. इस आयोजनों के माध्यम से संघ के कार्यकर्ताओं को जरूरतमंदों तक राशन, दवा और अन्य सामग्री पहुंचाने का काम सौंपा गया था. इस दौरान स्वयं सेवकों ने रक्तदान और प्लाज्मा दान भी किया. बताया जा रहा है कि कोरोना के दौरान स्वयं सेवकों ने 60 हजार से ज्यादा यूनिट रक्त पूरे देश में दान किया.
जुलाई 2020 में दोबारा शुरू हुई शाखाएं
मार्च 2020 से जून 2020 तक लॉकडाउन के दौरान संघ की शाखाएं बंद रही. जुलाई 2020 के बाद 38 हजार 913 स्थानों पर 62 हजार से ज्यादा शाखाएं साथ ही 29 हजार साप्ताहिक मिलन किए गए. सेवा भारती के जरिए 93 हजार स्थानों पर संघ के 5 लाख 60 हजार कार्यकर्ता सक्रिय रहे. कोरोना की पहली लहर में 92,656 स्थानों पर 5 लाख कार्यकर्ताओं ने 73 लाख 81 हजार परिवारों को राशन के किट बांटे.
साढ़े 4 करोड़ से ज्यादा भोजन के पैकेट बांटे
2020 में लॉकडाउन के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने कुल 4 करोड़ 66 लाख 34 हजार भोजन के पैकेट जरूरतमंदों तक पहुंचाए, इसके अलावा 89 लाख 13 हजार मास्क लोगों को वितरित किए गए. संघ के मध्य भारत प्रांत ने 59 लाख 91 हजार 570 आयुर्वेदिक काढ़े के पैकेट भी लोगो को बांटे. मध्य भारत प्रांत में 2,044 स्थानों पर 15 हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने ‘बालगोकुलम’ चलाया. इसमें बच्चो की शिक्षा के लिए काम किया गया.
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घुमंतु जाति के परिवारों तक पहुंचाया राशन
2020 में ही घुमन्तु जाति के 2 लाख 67 हजार 675 लोगों के लिए जन सहायता के कार्यक्रम चलाए गए. इसके साथ ही प्रवासी मजदूरों को मार्ग में 1,778 स्थानों पर 44,86,558 भोजन के पैकेट भी उपलब्ध करवाए. संघ के मध्य भारत प्रांत ने 483 स्थानों पर मेडिकल सहायता केंद्र लगाकर 1,45,159 लोगों तक सहायता पहुंचाई और 9,18,358 लोगों को वाहन आदि की सहायता दी.
राम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान
कोरोना काल खत्म होने के बाद संघ ने राम मंदिर निर्माण के लिए संपर्क अभियान और निधि समर्पण अभियान चलाया. इस अभियान के तहत संघ के कार्यकर्ता मध्य प्रांत में 5 लाख 45 हजार 737 स्थानों पर पहुंचे और 12 करोड़ 47 लाख 21 हजार परिवारों से संपर्क किया गया. देश में 20 लाख से अधिक कार्यकर्ता अभियान में लगे. मध्यभारत प्रांत में 97 प्रतिशत नगरों के मोहल्ले और गांव में 88 प्रतिशत से अधिक परिवारों तक कार्यकर्ताओं ने संपर्क किया. इस संपर्क अभियान में मध्य भारत प्रांत के 2,193 महिला और 28,348 पुरुष कार्यकर्ताओं के साथ 590 साधु-संत भी शामिल हुए.