भोपाल| प्रदेश में जारी लॉक डाउन की वजह से स्कूल शिक्षा विभाग के कामकाज पर सीधा असर पड़ा है. हालांकि प्रदेश के ज्यादातर शासकीय कार्यालय पूरी तरह से बंद पड़े हुए हैं, जिसकी वजह से नवीनीकरण के कार्यों में भी लगातार बाधा उत्पन्न हो रही है.
लॉक डाउन के कारण स्कूल शिक्षा विभाग ने हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों की मान्यता 1 वर्ष के लिए नवीनीकृत कर दी हैं, वहीं पहली से आठवीं कक्षा के स्कूलों की मान्यता के संबंध में विभाग अब तक कोई निर्णय नहीं ले पाया है.
लॉक डाउन की वजह से कई काम लगातार लंबित होते जा रहे हैं. यही वजह है कि प्रदेश के हजारों निजी स्कूलों की मान्यता को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, प्राइमरी और मिडिल स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण नहीं होने से शिक्षा के अधिकार अधिनियम(आरटीई) के तहत होने वाले एडमिशन प्रक्रिया पर भी असर पड़ेगा. वहीं कई स्कूलों ने अब तक अल्पसंख्यक का प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया है और विभाग ने आरटीआई में प्रवेश देने वाले स्कूलों की सूची भी जारी कर दी है.
26 हजार निजी स्कूलों में करीब 4 लाख सीटों पर एडमिशन होते हैं
आरटीई के तहत प्रदेश के 26 हजार निजी स्कूलों में करीब 4 लाख सीटों पर एडमिशन होते हैं, विभाग द्वारा जारी इस सूची में प्रत्येक जिले में करीब 1 दर्जन ऐसे स्कूल हैं, जिनकी मान्यता इसी वर्ष तक की है. ऐसे में इन स्कूलों का नवीनीकरण बेहद जरूरी हो जाता है, लेकिन जिस तरह की परिस्थितियां इस समय प्रदेश में चल रही हैं, उससे असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि इन स्कूलों की मान्यता का नवीनीकृत किया जाएगा या नहीं. इस पर निर्णय नहीं होने से यह स्कूल आरटीई की एडमिशन प्रक्रिया में शामिल होंगे या नहीं इस पर भी असमंजस बना हुआ है.
सरकार जल्द करेगी फैसला
हालांकि बताया जा रहा है कि जल्द ही प्राइमरी और मिडिल स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण पर विचार किया जाएगा, क्योंकि इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों से प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने चर्चा की है. माना जा रहा है कि जल्द ही नवीनीकरण को लेकर सरकार फैसला करेगी.