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नकली रेमडेसिविर मामला,सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की पत्नी को हाई कोर्ट में मिली जमानत

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे जाने और मरीजों को लगाए जाने के मामले में जबलपुर के सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा मुख्य आरोपी हैं. इसी मामले में उनकी पत्नी पर साक्ष्य मिटाने को लेकर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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Published : Aug 17, 2021, 9:39 PM IST

सरबजीत सिंह मोखा की पत्नी को हाई कोर्ट में मिली जमानत
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जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले के मुख्य आरोपी सिटी सरबजीत सिंह मोखा की पत्नी को जमानत दे दी है. आपको बता दें कि सरबजीत सिंह मोखा जबलपुर के सिटी हॉस्पिटल का संचालक है. नकली रेमडेसिविर मामले में उसकी पत्नी जसमीत कौर मोखा को भी अरेस्ट किया गया था. जिन्हें कोर्ट ने मंगलवार को 1 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है. इसके साथ ही न्यायालय ने जेल से रिहाई होने पर कोविड-19 के नियमों का पालन करने के आदेश देते हुए उन्हें ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने को कहा है.

इस मामले में मंगलवार को जस्टिस अरुण कुमार शर्मा की एकलपीठ ने जसमीत कौर को बेल देते हुए उन्हें रिहा किए जाने के आदेश दिये है। आपको बता दें कि कोविड-19 महामारी के दौर में इंदौर से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन जबलपुर लाकर उन्हें मरीजों को लगाये जाने के मामले में ओमती पुलिस ने जबलपुर के सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा, अस्पताल कर्मी देवेश चौरसिया व सपन जैन सहित अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था.

इस मामले में मोखा की पत्नि जसमीत कौर मोखा पर भी साक्ष्य मिटाने के मामले में प्रकरण दर्ज किया गया था. जसमीत पर आरोप था कि उसने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशियां नष्ट की. मामले में आरोपी महिला ने कहा था कि आवेदिका एक ग्रहृणी है, जो कि न तो मेडीकल दुकान चलाती थी और न ही वह नकली इंजेक्शन लेकर आई थी, उस पर लगाये गये आरोप गलत हैं. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें 1 लाख के मुचलके पर उसे जेल से रिहा करने के निर्देश दिये हैं.

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले के मुख्य आरोपी सिटी सरबजीत सिंह मोखा की पत्नी को जमानत दे दी है. आपको बता दें कि सरबजीत सिंह मोखा जबलपुर के सिटी हॉस्पिटल का संचालक है. नकली रेमडेसिविर मामले में उसकी पत्नी जसमीत कौर मोखा को भी अरेस्ट किया गया था. जिन्हें कोर्ट ने मंगलवार को 1 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है. इसके साथ ही न्यायालय ने जेल से रिहाई होने पर कोविड-19 के नियमों का पालन करने के आदेश देते हुए उन्हें ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने को कहा है.

इस मामले में मंगलवार को जस्टिस अरुण कुमार शर्मा की एकलपीठ ने जसमीत कौर को बेल देते हुए उन्हें रिहा किए जाने के आदेश दिये है। आपको बता दें कि कोविड-19 महामारी के दौर में इंदौर से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन जबलपुर लाकर उन्हें मरीजों को लगाये जाने के मामले में ओमती पुलिस ने जबलपुर के सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा, अस्पताल कर्मी देवेश चौरसिया व सपन जैन सहित अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था.

इस मामले में मोखा की पत्नि जसमीत कौर मोखा पर भी साक्ष्य मिटाने के मामले में प्रकरण दर्ज किया गया था. जसमीत पर आरोप था कि उसने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की शीशियां नष्ट की. मामले में आरोपी महिला ने कहा था कि आवेदिका एक ग्रहृणी है, जो कि न तो मेडीकल दुकान चलाती थी और न ही वह नकली इंजेक्शन लेकर आई थी, उस पर लगाये गये आरोप गलत हैं. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें 1 लाख के मुचलके पर उसे जेल से रिहा करने के निर्देश दिये हैं.

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