भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार और शराब व्यापारियों के बीच विवाद सुलझने के बजाए उलझता जा रहा है. हाईकोर्ट में इसको लेकर सुनवाई हुई. अदालत ने शराब ठेकेदारों को अंतिम राहत देते हुए कहा है कि अगली सुनवाई से पहले आबकारी विभाग शराब ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है.
सुनवाई के बारे में जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश लिकर एसोसिएशन के प्रवक्ता राहुल जायसवाल ने बताया कि हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि केवल राजस्व को ध्यान में रखते हुए ठेकेदारों के खिलाफ सरकार एकतरफा कार्रवाई नहीं कर सकती है.
राहुल जयसवाल ने बताया कि प्रदेश में शराब की जो दुकानें खुली हुई थीं, वो सरकार और ठेकेदारों के बीच हुई बातचीत के बाद मिले आश्वासन के बाद खोली गई थीं, ना कि सरकार की शर्तों को शराब ठेकेदारों ने माना था. पूरे मामले पर अगली सुनवाई 2 जून को होगी. सुनवाई में कोर्ट ने 6 मई से पहले और बाद में जितने भी शराब संबंधी प्रकरण थे, उन्हें एक साथ सुना है.
ये है पूरा विवाद
सरकार ने शराब पर 25 फीसदी जमा शुल्क बढ़ा दिया है लेकिन शराब व्यापारी इस फैसले को मानने को तैयार नहीं है. व्यापारियों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण पूरा व्यपार बंद पड़ा है, बावजूद इसके 25 फीसदी जमा शुल्क बढ़ा दिया है.
शराब व्यापारी इसे देने से इनकार कर रहे हैं. इसी को लेकर व्यापारी कोर्ट गए. सरकार के आदेश और मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान के बाद भी कई जगह शराब दुकानें नहीं खुली हैं, उसकी वजह यही विवाद है.