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MP में 60 निजी अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल, जांच में अनियमितताएं पाए जाने पर की गई कार्रवाई

प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर को दौरान कई अस्पतालों में लापरवाही के मामले देखने को मिले. इन अस्पतालों की जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. विभाग ने कार्रवाई करते हुए प्रदेश के 60 निजी अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं.

registration cancelled of 60 private hospitals
निजी अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल
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Published : Aug 1, 2021, 1:40 PM IST

Updated : Aug 1, 2021, 1:52 PM IST

भोपाल। कोरोन के दौरान इलाज के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले निजी अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. स्वास्थ्य विभाग ने नियम विरुद्ध खुले अस्पतालों पर कार्रवाई की है, जिनमें राजधानी के 10 निजी अस्पतालों सहित प्रदेश के 60 निजी अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं.

60 निजी अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त
दरअसल, कोरोन काल के समय प्रदेश की कई अस्पतालों द्वारा मरीजों से ज्यादा पैसा वसूलने और इलाज के नाम पर कम सुविधाएं देने के आरोप लगे थे, जिसके बाद सरकार ने कई इलाजों को लेकर रेट लिस्ट भी जारी की थी. साथ ही ऐसे अस्पतालों की जानकारी प्रदेश के सीएमएचओ से मांगी थी, जिनमें अनियमितताएं की शिकायत मिली हो. इसी के आधार कुछ अस्पतालों के खिलाफ शिकायत मिल थी. प्रदेश में 692 निजी अस्पतालों की सूची देकर जांच के आदेश दिए थे. इनमें से 392 निजी अस्पतालों को जांच में कमियां पाई जाने पर कारण बताओ नोटिस थमाया गया था. भोपाल के 59 नर्सिग होम को नोटिस दिया था, उनमें से 10 के रजिस्ट्रेशन रद्द किए हैं.

इन अस्पतालों के भी रजिस्ट्रेशन कैंसिल
राजधानी में जिन अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिए थे उनमें, रामसन अस्पताल मेडिकल रिसर्च सेंटर, रामांश हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च, छाबड़ा पेलिएटिव केयर सेंटर, माया जनरल हॉस्पिटल, स्टार हेल्थ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, श्री रामरसिया अस्पताल, नेचर अस्पताल एंड ट्रॉमा सेंटर, साईं अस्पताल एंड ट्रॉमा सेंटर, विद्याश्री हॉस्पिटल, श्री श्याम हॉस्पिटल शामिल हैं.

अस्पतालों में संसाधनों की भारी कमी
दरअसल, शिकायत मिलने के बाद जब इन अस्पतालों का निरीक्षण किया गया तब इन अस्पतालों में न ऑक्सीजन पाइपलाइन मिली और न ही आइसीयू में उपकरण मिले.जितने बिस्तर आवेदन पत्र पर दिखाए गए, उतने नहीं थे. आईसीयू में मल्टी पैरा मॉनीटर और जरूरी उपकरण नहीं मिले. उनके पास न तो वेंटीलेटर थे और न ही ऑक्सीजन की व्यवस्था थी. जिन अस्पतालों के खिलाफ शिकायतें मिली थीं, उनमें से ज्यादातर कोरोना काल में ही रजिस्टर्ड हुए थे.

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कोरोनाकाल में 118 अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन हुआ
बता दें कि अकेले राजधानी भोपाल में ही कोरोना काल में 118 अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन हुआ था. शिकायत के बाद कई अस्पताल ऐसे भी मिले थे, जहां जिस डॉक्टर के नाम पर अस्पताल था. वह डॉक्टर ही नहीं था. ऐसे में विभाग में जांच कमेटियां बनाई थी, उन कमेटियों के द्वारा जो रिपोर्ट तैयार की गई, उसी आधार पर इन अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन निरस्त किए गए हैं.

इन निजी अस्पतालों पर गिरी गाज

निजी अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल
निजी अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल
निजी अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल
निजी अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल

भोपाल। कोरोन के दौरान इलाज के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले निजी अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. स्वास्थ्य विभाग ने नियम विरुद्ध खुले अस्पतालों पर कार्रवाई की है, जिनमें राजधानी के 10 निजी अस्पतालों सहित प्रदेश के 60 निजी अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं.

60 निजी अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त
दरअसल, कोरोन काल के समय प्रदेश की कई अस्पतालों द्वारा मरीजों से ज्यादा पैसा वसूलने और इलाज के नाम पर कम सुविधाएं देने के आरोप लगे थे, जिसके बाद सरकार ने कई इलाजों को लेकर रेट लिस्ट भी जारी की थी. साथ ही ऐसे अस्पतालों की जानकारी प्रदेश के सीएमएचओ से मांगी थी, जिनमें अनियमितताएं की शिकायत मिली हो. इसी के आधार कुछ अस्पतालों के खिलाफ शिकायत मिल थी. प्रदेश में 692 निजी अस्पतालों की सूची देकर जांच के आदेश दिए थे. इनमें से 392 निजी अस्पतालों को जांच में कमियां पाई जाने पर कारण बताओ नोटिस थमाया गया था. भोपाल के 59 नर्सिग होम को नोटिस दिया था, उनमें से 10 के रजिस्ट्रेशन रद्द किए हैं.

इन अस्पतालों के भी रजिस्ट्रेशन कैंसिल
राजधानी में जिन अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिए थे उनमें, रामसन अस्पताल मेडिकल रिसर्च सेंटर, रामांश हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च, छाबड़ा पेलिएटिव केयर सेंटर, माया जनरल हॉस्पिटल, स्टार हेल्थ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, श्री रामरसिया अस्पताल, नेचर अस्पताल एंड ट्रॉमा सेंटर, साईं अस्पताल एंड ट्रॉमा सेंटर, विद्याश्री हॉस्पिटल, श्री श्याम हॉस्पिटल शामिल हैं.

अस्पतालों में संसाधनों की भारी कमी
दरअसल, शिकायत मिलने के बाद जब इन अस्पतालों का निरीक्षण किया गया तब इन अस्पतालों में न ऑक्सीजन पाइपलाइन मिली और न ही आइसीयू में उपकरण मिले.जितने बिस्तर आवेदन पत्र पर दिखाए गए, उतने नहीं थे. आईसीयू में मल्टी पैरा मॉनीटर और जरूरी उपकरण नहीं मिले. उनके पास न तो वेंटीलेटर थे और न ही ऑक्सीजन की व्यवस्था थी. जिन अस्पतालों के खिलाफ शिकायतें मिली थीं, उनमें से ज्यादातर कोरोना काल में ही रजिस्टर्ड हुए थे.

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कोरोनाकाल में 118 अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन हुआ
बता दें कि अकेले राजधानी भोपाल में ही कोरोना काल में 118 अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन हुआ था. शिकायत के बाद कई अस्पताल ऐसे भी मिले थे, जहां जिस डॉक्टर के नाम पर अस्पताल था. वह डॉक्टर ही नहीं था. ऐसे में विभाग में जांच कमेटियां बनाई थी, उन कमेटियों के द्वारा जो रिपोर्ट तैयार की गई, उसी आधार पर इन अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन निरस्त किए गए हैं.

इन निजी अस्पतालों पर गिरी गाज

निजी अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल
निजी अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल
निजी अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल
निजी अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन कैंसिल
Last Updated : Aug 1, 2021, 1:52 PM IST
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