भोपाल। राज्य कर्मचारियों को भविष्य निधि में मिलने वाले ब्याज की दर घटा दी गई है. अब कर्मचारियों के पीएफ फंड में 7.9 प्रतिशत की बजाय 7.1 प्रतिशत ब्याज मिलेगा. वहीं सरकार ने इसके पहले जारी आदेश में राज्य कर्मचारियों को मिलने वाले 5 प्रतिशत डीए को भी निरस्त कर दिया था. इससे कर्मचारियों पर दोहरी मार पड़ी है. कर्मचारियों की मांग है कि, जीपीएफ के ब्याज की दर सलाना की जाए, जिससे मंहगाई की मार उनकी जमा पूंजी पर न पड़े.
दरअसल, साल 2015 -16 तक कर्मचारियों की जमा पूंजी पर सलाना ब्याज दर मिलती थी, लेकिन इसे बाजार दर से लिंक करने के कारण दरें त्रिमासिक निर्धारित कर दी गई. कर्मचारियों का कहना है कि, पहले सलाना मिलने वाली ब्याज पर महंगाई का कोई असर नहीं पड़ता था, जीपीएफ को तिमाही करने और बाजार से लिंक करने से बाजार के उतार-चढ़ाव या महंगाई के कारण ब्याज दर कम होती रहती है.
बता दें कि, साल 2013- 16 तक जीपीएफ की ब्याज दर 8.7 प्रतिशत वार्षिक थी. वहीं सितंबर 2016 तक ब्याज दर 8.1 प्रतिशत पहुंच गई थी. इसके बाद मार्च 2017 तक 8 प्रतिशत रही. वहीं जून 2018 तक 7.8 प्रतिशत, तो जुलाई 2018 से जून 2019 तक 8 प्रतिशत ब्याज दर रही है. इसके बाद मार्च 2020 तक 7.9 प्रतिशत की ब्याज दर रही है ,लेकिन अप्रैल 2020 से यह ब्याज दर 7.1 प्रतिशत हो गई है.