भोपाल। मध्यप्रदेश के विधि विधायी मंत्री पीसी शर्मा ने एमपी लोक सेवा आयोग की सहायक प्राध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए स्पेशल टास्क फोर्स को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था, लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि आठवें ही दिन मंत्री पीसी शर्मा ने भर्ती प्रक्रिया को विधि सम्मत बताते हुए अपना पत्र निरस्त करने के लिए दोबारा एसटीएफ को पत्र लिखा हैं. हालांकि, एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें पत्र मिला है और विभाग से जानकारी मांगी गई है.
इस वजह से कानून मंत्री ने एक हफ्ते में ही ले लिया यू टर्न, पत्र निरस्त करने के लिए लिखा पत्र
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया मामले में विधि विधायी मंत्री पीसी शर्मा एक हफ्ते के अंदर ही अपने रुख से पलट गये और पत्र लिखकर अपने ही पत्र को निरस्त करने की मांग कर डाली.
भोपाल। मध्यप्रदेश के विधि विधायी मंत्री पीसी शर्मा ने एमपी लोक सेवा आयोग की सहायक प्राध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए स्पेशल टास्क फोर्स को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था, लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि आठवें ही दिन मंत्री पीसी शर्मा ने भर्ती प्रक्रिया को विधि सम्मत बताते हुए अपना पत्र निरस्त करने के लिए दोबारा एसटीएफ को पत्र लिखा हैं. हालांकि, एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें पत्र मिला है और विभाग से जानकारी मांगी गई है.
Body:लोक सेवा आयोग की सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया पर 8 दिन पहले मध्य प्रदेश के मंत्री पीसी शर्मा ने सवाल खड़े करते हुए एसडीएफ को इस मामले में कार्रवाई करने के लिए एक पत्र लिखा था लेकिन 8 दिन बाद ही पीसी शर्मा ने इस भर्ती प्रक्रिया को विधि सम्मत बताते हुए अपने ही पत्र को निरस्त करने के लिए एसटीएफ को दोबारा पत्र लिखा है पत्र में पीसी शर्मा ने लिखा है कि पीएससी से चयनित सहायक प्राध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और यूजीसी के नियमों के अनुसार हुई है इसमें किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई है उन्होंने यह भी कहा कि पीएसी ने उच्च शिक्षा विभाग और हाई कोर्ट के निर्देशों अनुसार चयन सूची जारी कर दी है इसलिए पूर्व में 16 अगस्त को लिखा गया पत्र निरस्त किया जाता है।
Conclusion:बता दें कि मंत्री पीसी शर्मा ने 9 जून 2019 को शाहजनी पार्क में चयनित उम्मीदवारों के प्रदेश व्यापी सत्याग्रह में पीएससी प्रक्रिया को सही बताते हुए भर्ती आश्वासन दिया था कि प्राध्यापकों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। हालांकि एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि एसटीएफ ने इस मामले में विभाग से जानकारी मांगी है और जांच निरस्त करने संबंधी उन्हें कोई आदेश नहीं मिले हैं।
बाइट- पुरुषोत्तम शर्मा, स्पेशल डीजी, एसटीएफ।