भोपाल| राष्ट्रीय जांच अधिकारी मंच ने मध्यप्रदेश में 2017 में हुई सहायक प्राध्यापकों की भर्ती परीक्षा में भारी अनियमितताएं पाए जाने की बात कही है. मंच के अध्यक्ष देवेंद्र प्रताप सिंह का आरोप है कि बीजेपी के शासनकाल में इन भर्तियों में काफी अनियमितताएं पाई गई हैं. जो लोग इसके पात्र नहीं थे उन्हें भी इसका लाभ दिया गया जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.
शिक्षा विभाग द्वारा अधिकारियों और ग्रंथपालों की भर्ती में विभिन्न स्तर पर अनगिनत अनियमितताएं की गई. राष्ट्रीय जांच अधिकारी मंच के अध्यक्ष देवेंद्र प्रताप सिंह ने आरोप लगाया है कि भर्ती प्रक्रिया में परीक्षा के पूर्व और इसके बाद लगभग 25 संशोधन चयन सूची बनने के बाद भी नियम विरुद्ध काम किया गया है. देवेंद्र प्रताप का ये भी कहना है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा नियंत्रित और अनियमित भर्तियों की जांच का निर्णय पारित किया गया था और कांग्रेस सरकार ने वचन पत्र में इन अनियमितताओं की जांच करने की बात भी कही थी, लेकिन सरकार बनने के बाद भी अभी तक कांग्रेस ने इस पूरे मामले की जांच के लिए कोई कदम नहीं उठाया है.
राष्ट्रीय जांच अधिकारी मंच ने चेतावनी दी है कि सरकार ने उनकी मांगों के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई और इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच नहीं कराई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.