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दोषसिद्ध हो चुके कर्मचारियों से पेंशन की राशि वसूलेगी सरकार, मंत्रिमंडल ने लिया फैसला - Civil service pension rules

सरकार ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों से पेंशन को वसूलने का काम करेगी, जिनके ऊपर अपराधिक मामले सिद्ध हो चुके हैं और वह पेंशन लंबे समय से पेंशन का लाभ उठा रहे हैं.

मंत्रिमंडल ने लिया फैसला
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Published : Oct 6, 2019, 10:20 AM IST

Updated : Oct 6, 2019, 11:28 AM IST

भोपाल| कमलनाथ सरकार फिजूलखर्ची रोकने के लिए कुछ सख्त कदम उठाने जा रही हैं. जिसके तहत सरकार ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों से पेंशन को वसूलने का काम करेगी, जिनके ऊपर अपराधिक मामले सिद्ध हो चुके हैं और वह पेंशन लंबे समय से पेशन का लाभ उठा रहे हैं. इसके लिए सरकार ने पूरा मसौदा तैयार कर लिया है और ऐसे अधिकारियों को नोटिस भेजना शुरु कर दिया है.

दोषसिद्ध हो चुके कर्मचारियों से पेंशन की राशि वसूलेगी सरकार

सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के अधीन मामलों के निराकरण के लिए गठित स्थाई समिति की बैठक संपन्न हुई . जिसमें भ्रष्टाचार, गबन और अन्य आर्थिक अनियमितताओं में दोष सिद्ध हो चुके सेवानिवृत्त शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों से पेंशन की राशि की वसूलने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही दोषमुक्त हो चुके कर्मचारियों की पेंशन नहीं रोकने के निर्देश दिए गए हैं.

इस दौरान समिति अपर मुख्य सचिव के.के. सिंह ने 8 प्रकरणों की समीक्षा के बाद 6 प्रकरणों में संबंधितों की आंशिक पेंशन रोके जाने का निर्णय लिया गया. वहीं प्रमुख सचिव अजीत केसरी ने भी तीन प्रकरणों में विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. की अनुमति दी गई. जल-संसाधन विभाग के तीन प्रकरणों में दोषी सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों की पेंशन से संपूर्ण शासकीय राशि वसूल किए जाने का निर्णय लिया गया साथ ही संबंधित ठेकेदारों को भी 3 साल के लिए ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिये गये .

भोपाल| कमलनाथ सरकार फिजूलखर्ची रोकने के लिए कुछ सख्त कदम उठाने जा रही हैं. जिसके तहत सरकार ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों से पेंशन को वसूलने का काम करेगी, जिनके ऊपर अपराधिक मामले सिद्ध हो चुके हैं और वह पेंशन लंबे समय से पेशन का लाभ उठा रहे हैं. इसके लिए सरकार ने पूरा मसौदा तैयार कर लिया है और ऐसे अधिकारियों को नोटिस भेजना शुरु कर दिया है.

दोषसिद्ध हो चुके कर्मचारियों से पेंशन की राशि वसूलेगी सरकार

सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के अधीन मामलों के निराकरण के लिए गठित स्थाई समिति की बैठक संपन्न हुई . जिसमें भ्रष्टाचार, गबन और अन्य आर्थिक अनियमितताओं में दोष सिद्ध हो चुके सेवानिवृत्त शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों से पेंशन की राशि की वसूलने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही दोषमुक्त हो चुके कर्मचारियों की पेंशन नहीं रोकने के निर्देश दिए गए हैं.

इस दौरान समिति अपर मुख्य सचिव के.के. सिंह ने 8 प्रकरणों की समीक्षा के बाद 6 प्रकरणों में संबंधितों की आंशिक पेंशन रोके जाने का निर्णय लिया गया. वहीं प्रमुख सचिव अजीत केसरी ने भी तीन प्रकरणों में विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. की अनुमति दी गई. जल-संसाधन विभाग के तीन प्रकरणों में दोषी सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों की पेंशन से संपूर्ण शासकीय राशि वसूल किए जाने का निर्णय लिया गया साथ ही संबंधित ठेकेदारों को भी 3 साल के लिए ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिये गये .

Intro:अधिकारी कर्मचारियों पर आपराधिक मामले सिद्ध होने पर नहीं दी जाएगी पेंशन , जिन्हें मिली उन से वसूला जाएगा पैसा

भोपाल | राज्य सरकार अब फिजूलखर्ची को रोकने के लिए कुछ सख्त कदम उठाने जा रही है जिसके तहत उन शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों को नोटिस किया जा रहा है जिनके ऊपर आपराधिक मामले से हो चुके हैं लेकिन लंबे समय से वे सरकार से पेंशन का लाभ उठा रहे हैं अब ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों से सरकार दी गई पेंशन को वसूलने का काम करेगी साथ ही इस तरह के कर्मचारियों और अधिकारियों को पेंशन नहीं दी जाएगी सरकार ने इसका पूरा मसौदा भी तैयार कर लिया है .



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सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह की अध्यक्षता में मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के अधीन मामलों के निराकरण के लिए गठित स्थाई समिति की बैठक संपन्न हुई . गोविंद सिंह ने निर्देश दिये कि भ्रष्टाचार, गबन और अन्य आर्थिक अनियमितताओं में दोष सिद्ध हो चुके सेवानिवृत्त शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों की पेंशन से नियमानुसार शासन की राशि की वसूली की जाए . उन्होंने कहा कि दोषमुक्त हुए अधिकारी-कर्मचारी की पेंशन नहीं रोकी जाए और ना ही उसमें कोई कटौती की जाए .

बैठक में जल संसाधन मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा ने दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों की पेंशन नियमानुसार रोके जाने अथवा आंशिक कटौती करने के निर्देश दिए. वित्त मंत्री तरुण भनोट तथा कृषि मंत्री सचिन यादव ने भी विभागीय प्रमुख सचिवों को नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए .

समिति संयोजक अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन के.के. सिंह ने प्रकरणों की जानकारी दी . प्रमुख सचिव गृह एस.एन. मिश्रा द्वारा प्रस्तुत 8 प्रकरणों की समीक्षा के बाद 6 प्रकरणों में संबंधितों की आंशिक पेंशन रोके जाने तथा 2 प्रकरणों में पेंशन नहीं रोके जाने का निर्णय लिया गया .Conclusion:प्रमुख सचिव अजीत केसरी द्वारा प्रस्तुत सहकारिता विभाग के सेवानिवृत्ति के बाद के तीन प्रकरणों में विभागीय जाँच की अनुमति दी गई . जल-संसाधन विभाग के तीन प्रकरणों में दोषी सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों की पेंशन से संपूर्ण शासकीय राशि वसूल किए जाने का निर्णय लिया गया. साथ ही एक प्रकरण में विभागीय जाँच की अनुमति दी गई तथा एक प्रकरण में दोषी पाए गए 20 विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की संपूर्ण पेंशन स्थाई रूप से रोके जाने का निर्णय लिया गया . संबंधित ठेकेदारों को भी 3 वर्ष के लिए ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिये गये .
Last Updated : Oct 6, 2019, 11:28 AM IST
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