भोपाल। अपने निजी काम से भोपाल आए फिल्म अभिनेता रजा मुराद ने भी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने तो अब पाकिस्तान से आए मशहूर गायक अदनान सामी की नागरिकता पर भी केंद्र सरकार से प्रश्न किया कि उन्हें आखिर किस आधार पर नागरिकता दी गई है. प्रदर्शनों को लेकर उन्होंने कहा कि ये प्रदर्शन केवल मुसलमान ही नहीं बल्कि पूरे देश के हर समुदाय के लोग कर रहे हैं, क्योंकि इस कानून में केवल एक जाति को अलग किया गया है.
रजा मुराद का कहना है कि दुनिया का सबसे बेहतर संविधान हमें भीमराव अंबेडकर ने दिया है और इस संविधान में लिखा है कि धर्म और जाति के आधार पर आप किसी से भेदभाव नहीं कर सकते हैं. इस देश के हर नागरिक को बराबरी का अधिकार हासिल है उन्होंने कहा कि 'मैं नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ नहीं हूं लेकिन मैं केवल इस बात के खिलाफ हूं कि आप सिर्फ एक जाति के आधार पर एक समुदाय से आने वाले लोगों को अलग कर रहे हैं. केंद्र सरकार कह रही है कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान से जो भी हिंदू, पारसी, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन आएंगे हम उन्हें नागरिकता देंगे लेकिन हम किसी मुसलमान को नागरिकता नहीं देंगे.'
रजा मुराद ने कहा कि 'मेरा केवल इतना ही कहना है कि जो व्यक्ति इस बात को डिजर्व करता है कि वह भारत का नागरिक बन सकता है. आप केवल उसे ही नागरिकता दीजिए' उन्होंने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि आपके द्वारा 'पाकिस्तानी गायक अदनान सामी को नागरिकता क्यों दी गई थी. वह तो मुसलमान भी हैं और पाकिस्तान से भी आए थे और यदि सरकार समझती है कि वह डिजर्व करते थे कि उन्हें यहां की नागरिकता दी जाए तो यदि अदनान उस नागरिकता के हकदार थे तो फिर और भी लोग हो सकते हैं.'
उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर एक कौम को पूरी तरह से अलग करना ठीक नहीं है. 'आप बार-बार कह रहे हैं कि हम इन्हें नागरिकता नहीं देंगे. हम कहते हैं कि आप कानून लाइए हम स्वागत करते हैं. लेकिन उस कानून के तहत आप ये भी कहिए कि जो भी डिजर्व करता होगा, उसे हम भारत की नागरिकता जरूर देंगे.' उन्होंने कहा कि 'जेएनयू हो या जामिया यूनिवर्सिटी हो या फिर जहां-जहां पर भी इस कानून के विरोध में प्रोटेस्ट हो रहे हैं, केवल मुसलमान ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि अन्य समुदाय के लोग भी इस कानून का विरोध कर रहे हैं और वे इस प्रोटेस्ट में शामिल हो रहे हैं. अब तो इस कानून का वकीलों के द्वारा भी विरोध किया जा रहा है. वकील तो खुद कानून के जानकार होते हैं उन्हें एक-एक कानून की समझ होती है. लेकिन अब वे भी इस कानून का विरोध कर रहे हैं.' उन्होंने कहा कि 'अब वकीलों में जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं वह सभी मुसलमान तो नहीं है तो इससे यह बात तो स्पष्ट होती है कि केवल मुसलमान इस कानून का विरोध नहीं बल्कि अन्य लोग भी विरोध में खड़े हुए हैं.'