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उद्योगपतियों को नहीं भाया मध्यप्रदेश, 15 लाख करोड़ निवेश के दावे की निकली हवा, जानें कितना आया निवेश - indore investers summit

मध्यप्रदेश में निवेश की रफ्तार घटी है. यह हम नहीं कर रहे बल्कि सरकार खुद कह रही है. मध्यप्रदेश सरकार ने माना है कि हाल ही में इंदौर में हुई इन्वेस्टर्स समिट के जरिए सरकार को सिर्फ 78 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं जबकि दावा 15 लाख करोड़ के निवेश मिलने का था.

investment decreased
उद्योगपतियों को नहीं भाया मध्यप्रदेश
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Published : Mar 15, 2023, 5:57 PM IST

Updated : Mar 15, 2023, 6:12 PM IST

भोपाल। शिवराज सरकार के दावों के बावजूद निवेशक राज्य से मुंह मोड़ने लगे हैं. वजह चाहे जो भी हो लेकिन निवेशकों की घटती संख्या चुनावी बेला में सरकार को भारी पड़ सकती है. मिसाल के तौर पर लें तो जनवरी में इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर दावा किया गया था कि मध्यप्रदेश में 15 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए हैं. जबकि हकीकत ये है कि सरकार को सिर्फ 78 हजार करोड़ के प्रपोजल मिले हैं. इनके जरिए 77 हजार लोगों को ही रोजगार मिलने का अनुमान है. इससे साफ हो गया है कि शिवराज सरकार इन्वेस्टमेंट के मोर्चे पर पिछड़ रही है.

2014 और 2016 इन्वेस्टर्स समिट के एक भी MOU पर हस्ताक्षर नहीं: मध्यप्रदेश में निवेश को लेकर यह बड़ा खुलासा विधानसभा में विधायक हीरालाल अलावा के सवालों से हुआ है. जिनके जवाब में मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से यह जानकारी विधानसभा में दी गई है. चौंकाने वाला पहलू ये भी है कि तमाम बड़े दावों के साथ 2014 और 2016 में इन्वेस्टर्स समिट हुई लेकिन जब इनमें किए गए समझौता ज्ञापनों (Memorandum of understanding) की जानकारी मांगी गई तो पता लगा कि इन सालों में एक भी MOU पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं. सरकार ने जानकारी देते हुए कहा है कि इंदौर में 2023 में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सिर्फ 40 MOU पर साइन हुए हैं.

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उद्योगपतियों को नहीं भाया मध्यप्रदेश

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अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर में 2 लाख 79 हज़ार 723 करोड़ रुपए का निवेश: सरकार का कहना है कि इंदौर इन्वेस्टर्स समिट में मध्यप्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में लगभग 6 लाख 9 हजार 458 करोड़ का निवेश आया है. इससे 11 लाख 82 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर में 2 लाख 79 हज़ार 723 करोड़ रुपए का निवेश आया है, जिससे 4 लाख 55 हजार 123 लोगों को रोजगार मिलेगा. फूड प्रोसेसिंग, एग्री प्रोसेसिंग के क्षेत्र में 1 लाख 5 हजार 169 करोड़ रुपए का निवेश आया है, जिससे 2 लाख 20 हजार 125 लोगों को काम मिलेगा. वहीं, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में 78 हज़ार 778 करोड़ रुपए का निवेश आया है, इससे 2,12,371 लोगों को रोजगार मिलेगा.

फार्मा एंड हेल्थकेयर सेक्टर में करीब 17,891 करोड़ का निवेश: विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक, रसायन एवं पेट्रोलियम के क्षेत्र में 75789 करोड़ रुपए का निवेश आया है, जिससे 71,725 लोगों को रोजगार मिलेगा. सर्विस सेक्टर में 72,353 करोड़ के निवेश से 1,66,700 लोगों को काम हासिल होगा. ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक व्हिकल के क्षेत्र में 42,224 करोड़ के निवेश से 69,862 लोगों को रोजगार मिलेगा. फार्मा एंड हेल्थकेयर सेक्टर में करीब 17,891 करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ है, जिससे 1,45,654 लोगों को रोजगार मिलेंगे. लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग में लगभग 17,516 करोड़ का निवेश आया है, जिससे 58 हजार 376 लोगों को रोजगार मिलेगा. टेक्सटाइल एंड रेडिमेड गारमेंट क्षेत्र में 15,914 करोड़ का निवेश मिला है, जिससे 1 लाख 15 हजार 556 को रोजगार हासिल होगा. अन्य क्षेत्रों में 1 लाख 25 हजार 825 करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ है, जिससे 1 लाख 24 हजार 158 से अधिक रोजगार प्राप्त होंगे.
लॉकडाउन में 30 कंपनियां बंद, 14 हजार की नौकरियां गईं: पिछले 12 साल में मध्यप्रदेश की 30 से ज्यादा कंपनियों में ताला डल चुका है. इस वजह से 14 हजार लोगों की नौकरियां चली गईं हैं. यह जानकारी विधानसभा में विधायक जीतू पटवारी के सवाल के लिखित जवाब में कहा गया है कि लॉकडाउन में कई उद्योगो में ताला लगा. हालांकि, उद्योग मंत्री ने यह भी बताया कि साल 2022 -23 में 43 उद्योगों को 332 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई है.

भोपाल। शिवराज सरकार के दावों के बावजूद निवेशक राज्य से मुंह मोड़ने लगे हैं. वजह चाहे जो भी हो लेकिन निवेशकों की घटती संख्या चुनावी बेला में सरकार को भारी पड़ सकती है. मिसाल के तौर पर लें तो जनवरी में इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर दावा किया गया था कि मध्यप्रदेश में 15 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए हैं. जबकि हकीकत ये है कि सरकार को सिर्फ 78 हजार करोड़ के प्रपोजल मिले हैं. इनके जरिए 77 हजार लोगों को ही रोजगार मिलने का अनुमान है. इससे साफ हो गया है कि शिवराज सरकार इन्वेस्टमेंट के मोर्चे पर पिछड़ रही है.

2014 और 2016 इन्वेस्टर्स समिट के एक भी MOU पर हस्ताक्षर नहीं: मध्यप्रदेश में निवेश को लेकर यह बड़ा खुलासा विधानसभा में विधायक हीरालाल अलावा के सवालों से हुआ है. जिनके जवाब में मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से यह जानकारी विधानसभा में दी गई है. चौंकाने वाला पहलू ये भी है कि तमाम बड़े दावों के साथ 2014 और 2016 में इन्वेस्टर्स समिट हुई लेकिन जब इनमें किए गए समझौता ज्ञापनों (Memorandum of understanding) की जानकारी मांगी गई तो पता लगा कि इन सालों में एक भी MOU पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं. सरकार ने जानकारी देते हुए कहा है कि इंदौर में 2023 में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सिर्फ 40 MOU पर साइन हुए हैं.

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उद्योगपतियों को नहीं भाया मध्यप्रदेश

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अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर में 2 लाख 79 हज़ार 723 करोड़ रुपए का निवेश: सरकार का कहना है कि इंदौर इन्वेस्टर्स समिट में मध्यप्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में लगभग 6 लाख 9 हजार 458 करोड़ का निवेश आया है. इससे 11 लाख 82 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर में 2 लाख 79 हज़ार 723 करोड़ रुपए का निवेश आया है, जिससे 4 लाख 55 हजार 123 लोगों को रोजगार मिलेगा. फूड प्रोसेसिंग, एग्री प्रोसेसिंग के क्षेत्र में 1 लाख 5 हजार 169 करोड़ रुपए का निवेश आया है, जिससे 2 लाख 20 हजार 125 लोगों को काम मिलेगा. वहीं, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में 78 हज़ार 778 करोड़ रुपए का निवेश आया है, इससे 2,12,371 लोगों को रोजगार मिलेगा.

फार्मा एंड हेल्थकेयर सेक्टर में करीब 17,891 करोड़ का निवेश: विधानसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक, रसायन एवं पेट्रोलियम के क्षेत्र में 75789 करोड़ रुपए का निवेश आया है, जिससे 71,725 लोगों को रोजगार मिलेगा. सर्विस सेक्टर में 72,353 करोड़ के निवेश से 1,66,700 लोगों को काम हासिल होगा. ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक व्हिकल के क्षेत्र में 42,224 करोड़ के निवेश से 69,862 लोगों को रोजगार मिलेगा. फार्मा एंड हेल्थकेयर सेक्टर में करीब 17,891 करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ है, जिससे 1,45,654 लोगों को रोजगार मिलेंगे. लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग में लगभग 17,516 करोड़ का निवेश आया है, जिससे 58 हजार 376 लोगों को रोजगार मिलेगा. टेक्सटाइल एंड रेडिमेड गारमेंट क्षेत्र में 15,914 करोड़ का निवेश मिला है, जिससे 1 लाख 15 हजार 556 को रोजगार हासिल होगा. अन्य क्षेत्रों में 1 लाख 25 हजार 825 करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ है, जिससे 1 लाख 24 हजार 158 से अधिक रोजगार प्राप्त होंगे.
लॉकडाउन में 30 कंपनियां बंद, 14 हजार की नौकरियां गईं: पिछले 12 साल में मध्यप्रदेश की 30 से ज्यादा कंपनियों में ताला डल चुका है. इस वजह से 14 हजार लोगों की नौकरियां चली गईं हैं. यह जानकारी विधानसभा में विधायक जीतू पटवारी के सवाल के लिखित जवाब में कहा गया है कि लॉकडाउन में कई उद्योगो में ताला लगा. हालांकि, उद्योग मंत्री ने यह भी बताया कि साल 2022 -23 में 43 उद्योगों को 332 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई है.

Last Updated : Mar 15, 2023, 6:12 PM IST
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