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MP में दिखने लगे कृषि कानून के दुष्प्रभाव: राकेश टिकैत - rakesh tikait

तीनों कृषि कानूनों को लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन 80 दिनों से जारी है. ऐसे में मध्य प्रदेश में किसानों की फसल खरीदने के बाद व्यापारी के भागने का मुद्दा ट्विटर के जरिए उठाते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने ETV भारत से बातचीत की.

rakesh tikait
राकेश टिकैत
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Published : Feb 14, 2021, 9:12 PM IST

नई दिल्ली/भोपाल। कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) की गारंटी की मांग को लेकर करीब 80 दिनों से किसान गाजीपुर बॉर्डर सहित दिल्ली के तमाम बॉर्डरों पर बैठे हुए हैं. इस बीच मध्य प्रदेश में किसानों की फसल खरीदने के बाद व्यापारी के भागने का मुद्दा ट्विटर के जरिए किसान नेता राकेश टिकैत ने उठाया है. इस पूरे मामले को जानने के लिए ETV भारत ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से की बातचीत की.

राकेश टिकैत

'अभी भी अपनी बात पर कायम'

ETV भारत से बातचीत में राकेश टिकैत ने बताया कि वह अब भी अपनी मांगों पर कायम है. मध्य प्रदेश में कृषि कानूनों का दुष्प्रभाव दिखना शुरू हो गया है. किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि उनको आंदोलन करते हुए करीब 80 दिन हो चुके हैं. ऐसे में वह अब भी अपनी बात पर कायम हैं. जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी. किसान आंदोलन जारी रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 14 फरवरी को पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल मार्च का कार्यक्रम भी रखा है.

गाजियाबाद: कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना बोले, 'किसानों को किया जा रहा भ्रमित'

शाम को शहीदों को दी जाएगी श्रद्धांजलि

राकेश टिकैत ने अपने ट्वीट के बारे में बताया कि उनको पता लगा कि मध्य प्रदेश में एक निजी व्यापारी किसानों के 200 करोड़ का धान खरीद कर भाग गया है. अब ऐसे में कृषि कानूनों का दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है.

स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने किया था ट्वीट

नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ देश में किसान आंदोलन जारी है. जगह-जगह अपने तरीके से नए बिल का विरोध दर्ज कराया जा रहा है. इसमें MSP और APMC मंडी ऐसे दो पॉइंट हैं, जिन पर किसानों के ज़ेहन में शंकाएं हैं. अब मंडी और इससे होने वाली आय को लेकर ही कुछ आंकड़े सामने आए हैं, जो किसानों की चिंता बढ़ाने वाले हैं. स्वराज इंडिया के मुखिया योगेंद्र यादव ने भी ट्वीट किया है. ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है,

Yogendra Yadav tweet
योगेंद्र यादव ट्वीट

पीएम जानना चाहते हैं कि नए कानूनों का मौजूदा एपीएमसी पर क्या प्रभाव पड़ा है? मध्य प्रदेश में इकट्ठा की गई मंडी फीस इसका एक उदाहरण हैः

जनवरी 2020: ₹ 88 करोड़

जनवरी 2021: ₹ 29 करोड़

क्या यह प्रतिकूल प्रभाव के रूप में गिना जाएगा, मोदीजी

नई दिल्ली/भोपाल। कृषि कानूनों की वापसी और न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) की गारंटी की मांग को लेकर करीब 80 दिनों से किसान गाजीपुर बॉर्डर सहित दिल्ली के तमाम बॉर्डरों पर बैठे हुए हैं. इस बीच मध्य प्रदेश में किसानों की फसल खरीदने के बाद व्यापारी के भागने का मुद्दा ट्विटर के जरिए किसान नेता राकेश टिकैत ने उठाया है. इस पूरे मामले को जानने के लिए ETV भारत ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से की बातचीत की.

राकेश टिकैत

'अभी भी अपनी बात पर कायम'

ETV भारत से बातचीत में राकेश टिकैत ने बताया कि वह अब भी अपनी मांगों पर कायम है. मध्य प्रदेश में कृषि कानूनों का दुष्प्रभाव दिखना शुरू हो गया है. किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि उनको आंदोलन करते हुए करीब 80 दिन हो चुके हैं. ऐसे में वह अब भी अपनी बात पर कायम हैं. जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी. किसान आंदोलन जारी रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 14 फरवरी को पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल मार्च का कार्यक्रम भी रखा है.

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राकेश टिकैत ने अपने ट्वीट के बारे में बताया कि उनको पता लगा कि मध्य प्रदेश में एक निजी व्यापारी किसानों के 200 करोड़ का धान खरीद कर भाग गया है. अब ऐसे में कृषि कानूनों का दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है.

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नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ देश में किसान आंदोलन जारी है. जगह-जगह अपने तरीके से नए बिल का विरोध दर्ज कराया जा रहा है. इसमें MSP और APMC मंडी ऐसे दो पॉइंट हैं, जिन पर किसानों के ज़ेहन में शंकाएं हैं. अब मंडी और इससे होने वाली आय को लेकर ही कुछ आंकड़े सामने आए हैं, जो किसानों की चिंता बढ़ाने वाले हैं. स्वराज इंडिया के मुखिया योगेंद्र यादव ने भी ट्वीट किया है. ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है,

Yogendra Yadav tweet
योगेंद्र यादव ट्वीट

पीएम जानना चाहते हैं कि नए कानूनों का मौजूदा एपीएमसी पर क्या प्रभाव पड़ा है? मध्य प्रदेश में इकट्ठा की गई मंडी फीस इसका एक उदाहरण हैः

जनवरी 2020: ₹ 88 करोड़

जनवरी 2021: ₹ 29 करोड़

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