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'आइटम' पर दिग्विजय सिंह का बयान, मुझे नहीं पता किस संदर्भ में बोले कमलनाथ - कमलनाथ का विवादित बयान

कमलनाथ की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद बीजेपी द्वारा किए जा रहे मौन प्रदर्शन और सिंधिया की सभा में किसान की मौत को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. पढ़िए पूरी खबर...

Rajya Sabha MP Digvijay Singh
दिग्विजय सिंह
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Published : Oct 19, 2020, 3:07 PM IST

Updated : Oct 19, 2020, 3:48 PM IST

भोपाल। मंत्री इमरती देवी पर पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर सियासी बवाल खड़ा हो गया है. सोमवार को बीजेपी जहां कमलनाथ के बयान के के विरोध में मौन व्रत कर रही है, तो वहीं कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया की असंवेदनशीलता पर सवाल उठा रही है. रविवार को कमलनाथ ने जहां इमरती देवी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी तो वहीं खंडवा में ज्योतिरादित्य सिंधिया की सभा में एक किसान की मौत हो गई थी. किसान को श्रद्धांजलि तो दी गई, लेकिन सभा चलती रही.

दिग्विजय सिंह ने साधा निशाना

इन दोनों मामले में टिप्पणी करते हुए राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बीजेपी की संगत का असर होने की बात कहते हुए असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा बताया. तो वहीं इमरती देवी पर टिप्पणी को लेकर मौन व्रत कर रही बीजेपी से पूछा है कि यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ हुई दरिंदगी के समय भी बीजेपी मौन थी, वह किस परिपेक्ष्य में था.

सिंधिया पर हुआ संगत का असर- दिग्विजय सिंह

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है 'कि मैं इतना ही कहूंगा कि ये असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है. हमें सिंधिया से उम्मीद नहीं थी. राजनीति अपनी जगह है, लेकिन मानवता अपनी जगह है. जब मालूम पड़ गया कि उनकी सभा में आए जीवन सिंह का देहांत हो गया है तो उसी वक्त सभा को ख्त्म करना था और उसके परिवार को सांत्वना देने सिंधिया को घर जाना चाहिए था, लगता है कि संगत का असर हुआ है.'

जानें मामला- महाराज की सभा में किसान की मौत, सिंधिया ने दी श्रद्धांजलि

इमरती देवी पर कमलनाथ की टिप्पणी और उसके विरोध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और बीजेपी के धरने पर चर्चा करते हुए सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि आश्चर्य की बात है. मैं नहीं जानता कि कमलनाथ ने किस संदर्भ में यह बात कही, लेकिन आज (सोमवार) को जो नौटंकी बीजेपी कर रही है, उसकी क्या जरूरत थी, मैं नहीं जानता, लेकिन ग्वालियर से 250 किलोमीटर यूपी में हाथरस एक जगह है, जहां एक दलित युवती का न सिर्फ बलात्कार हुआ, बल्कि बीजेपी सरकार की पुलिस ने दलित परिवार को उसका शव अंतिम संस्कार के लिए नहीं दिया. तब उनका मौन किस परिप्रेक्ष्य में था. उस समय एक भी शब्द बीजेपी के किसी नेता का नहीं निकला.

ये भी पढ़ें- डबरा में पूर्व सीएम कमलनाथ की फिसली जुबान, मंत्री इमरती देवी पर की अभद्र टिप्पणी

बीजेपी बलात्कारियों का समर्थन क्यों कर रही है?

सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसी क्रिकेटर की उंगली फ्रैक्चर हो जाती है तो पीएम मोदी ट्वीट करते हैं, लेकिन उस दलित युवती के साथ बलात्कार हुआ, एफआईआर नहीं हुई. उसको झूठा साबित करने फॉरेंसिक रिपोर्ट एक सप्ताह के बाद के सैंपल के आधार पर दी गई. तब बीजेपी क्यों मौन थी. बीजेपी बलात्कारियों का समर्थन क्यों कर रही है. हाथरस के बीजेपी विधायक ने खुलेआम बलात्कारियों का समर्थन क्यों किया? इस पर शिवराज, मध्य प्रदेश बीजेपी और सिंधिया क्यों चुप रहे ? यह नाटक-नौटंकी छोड़ो.

'घबराकर मामा घुटने टेक रहे हैं'

दिग्विजय सिंह ने कहा कि जनता सब बात जान चुकी है और घबराई हुई बीजेपी को समझ में आने लगा है कि पूरे प्रदेश की जनता समझ चुकी है. कमलनाथ के समर्थन में सहानुभूति और लहर है. मैंने 1977 का चुनाव लड़ा था, उस समय जनता पार्टी की लहर थी. कांग्रेस के लोगों को गांव में घुसने नहीं देते थे. आज वही माहौल कांग्रेस और कमलनाथ के पक्ष में है. उससे घबराकर मामा ( शिवराज सिंह) घुटने टेक रहे हैं. कहीं उम्मीदवार लेट और लोट रहे हैं. यहां तक कि एक मंत्रीजी ने पहले मुख्यमंत्री को दंडवत किया, लेकिन दोबारा उन्हें दंडवत कराया गया, ताकि उनकी फोटो खींच सकें. यह नाटक नौंटकी बंद करें.

भोपाल। मंत्री इमरती देवी पर पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर सियासी बवाल खड़ा हो गया है. सोमवार को बीजेपी जहां कमलनाथ के बयान के के विरोध में मौन व्रत कर रही है, तो वहीं कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया की असंवेदनशीलता पर सवाल उठा रही है. रविवार को कमलनाथ ने जहां इमरती देवी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी तो वहीं खंडवा में ज्योतिरादित्य सिंधिया की सभा में एक किसान की मौत हो गई थी. किसान को श्रद्धांजलि तो दी गई, लेकिन सभा चलती रही.

दिग्विजय सिंह ने साधा निशाना

इन दोनों मामले में टिप्पणी करते हुए राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बीजेपी की संगत का असर होने की बात कहते हुए असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा बताया. तो वहीं इमरती देवी पर टिप्पणी को लेकर मौन व्रत कर रही बीजेपी से पूछा है कि यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ हुई दरिंदगी के समय भी बीजेपी मौन थी, वह किस परिपेक्ष्य में था.

सिंधिया पर हुआ संगत का असर- दिग्विजय सिंह

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है 'कि मैं इतना ही कहूंगा कि ये असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है. हमें सिंधिया से उम्मीद नहीं थी. राजनीति अपनी जगह है, लेकिन मानवता अपनी जगह है. जब मालूम पड़ गया कि उनकी सभा में आए जीवन सिंह का देहांत हो गया है तो उसी वक्त सभा को ख्त्म करना था और उसके परिवार को सांत्वना देने सिंधिया को घर जाना चाहिए था, लगता है कि संगत का असर हुआ है.'

जानें मामला- महाराज की सभा में किसान की मौत, सिंधिया ने दी श्रद्धांजलि

इमरती देवी पर कमलनाथ की टिप्पणी और उसके विरोध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और बीजेपी के धरने पर चर्चा करते हुए सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि आश्चर्य की बात है. मैं नहीं जानता कि कमलनाथ ने किस संदर्भ में यह बात कही, लेकिन आज (सोमवार) को जो नौटंकी बीजेपी कर रही है, उसकी क्या जरूरत थी, मैं नहीं जानता, लेकिन ग्वालियर से 250 किलोमीटर यूपी में हाथरस एक जगह है, जहां एक दलित युवती का न सिर्फ बलात्कार हुआ, बल्कि बीजेपी सरकार की पुलिस ने दलित परिवार को उसका शव अंतिम संस्कार के लिए नहीं दिया. तब उनका मौन किस परिप्रेक्ष्य में था. उस समय एक भी शब्द बीजेपी के किसी नेता का नहीं निकला.

ये भी पढ़ें- डबरा में पूर्व सीएम कमलनाथ की फिसली जुबान, मंत्री इमरती देवी पर की अभद्र टिप्पणी

बीजेपी बलात्कारियों का समर्थन क्यों कर रही है?

सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसी क्रिकेटर की उंगली फ्रैक्चर हो जाती है तो पीएम मोदी ट्वीट करते हैं, लेकिन उस दलित युवती के साथ बलात्कार हुआ, एफआईआर नहीं हुई. उसको झूठा साबित करने फॉरेंसिक रिपोर्ट एक सप्ताह के बाद के सैंपल के आधार पर दी गई. तब बीजेपी क्यों मौन थी. बीजेपी बलात्कारियों का समर्थन क्यों कर रही है. हाथरस के बीजेपी विधायक ने खुलेआम बलात्कारियों का समर्थन क्यों किया? इस पर शिवराज, मध्य प्रदेश बीजेपी और सिंधिया क्यों चुप रहे ? यह नाटक-नौटंकी छोड़ो.

'घबराकर मामा घुटने टेक रहे हैं'

दिग्विजय सिंह ने कहा कि जनता सब बात जान चुकी है और घबराई हुई बीजेपी को समझ में आने लगा है कि पूरे प्रदेश की जनता समझ चुकी है. कमलनाथ के समर्थन में सहानुभूति और लहर है. मैंने 1977 का चुनाव लड़ा था, उस समय जनता पार्टी की लहर थी. कांग्रेस के लोगों को गांव में घुसने नहीं देते थे. आज वही माहौल कांग्रेस और कमलनाथ के पक्ष में है. उससे घबराकर मामा ( शिवराज सिंह) घुटने टेक रहे हैं. कहीं उम्मीदवार लेट और लोट रहे हैं. यहां तक कि एक मंत्रीजी ने पहले मुख्यमंत्री को दंडवत किया, लेकिन दोबारा उन्हें दंडवत कराया गया, ताकि उनकी फोटो खींच सकें. यह नाटक नौंटकी बंद करें.

Last Updated : Oct 19, 2020, 3:48 PM IST
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