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MP में रेमडेसिविर इंजेक्शन का टोटा, सूरत के BJP कार्यालय में मिल रहा मुफ्त!

मध्य प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी से लोग परेशान हैं. कालाबाजारी तक की खबरें आ रही हैं. सरकार सप्लाई को लेकर पस्त है. वहीं गुजरात के सूरत में बीजेपी दफ्तर में लोगों को ये इंजेक्शन नि:शुल्क दिया जा रहा है. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि आखिर कोरोना के इलाज में रामबाण माने जा रहे इंजेक्शन को लेकर बीजेपी शासित दो पड़ोसी राज्यों में ये कैसी स्थिति बनी हुई है.

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Published : Apr 11, 2021, 5:07 PM IST

Updated : Apr 11, 2021, 7:21 PM IST

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सांकेचिक चित्र

सूरत/भोपाल। एक ओर देशभर में वैक्सीन उत्सन मन रहा है. वहीं एमपी में लोग एक अलग ही जंग लड़ रहे हैं. ये है कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत और उसे हासिल करने के लिए हर मुमकिन कोशिश. लेकिन हर राज्य में हालात रेमडेसिविर को लेकर ऐसे नहीं हैं. गुजरात के सूरत में बीजेपी दफ्तर में लोगों को नि:शुल्क इंजेक्शन दिया जा रहा है वो भी फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व के बेसिस पर. शनिवार से भाजपा कार्यालय लोगों को नि:शुल्क इंजेक्शन बांटा जा रहा है. इसलिए इस इंजेक्शन को लेने के लिए सुबह से ही लोगों की लंबी कतार देखी जा रही है. जहां पिछले एक सप्ताह में सूरत में कोरोना मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है, वहीं कोरोना मामलों के कारण कई लोगों की मौत भी हुई है. सूरत में अस्पताल में इंजेक्शन्स की कमी है, वहीं सूरत में भाजपा कार्यालय से जरूरतमंद लोगों को मुफ्त इंजेक्शन पार्टी दे रही है. आज भी जरूरतमंद लोगों को करीब 400 इंजेक्शन दिए गए.

Injection line
इंजेक्शन के लिए लाइन

अब क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी तय करेगा कि लॉकडाउन कहां लगना है और कहां नहीं

'इंजेक्शन बांटने पर बवाल'

इस संबंध में, विधायक हर्ष संघवी ने कहा कि जो इंजेक्शन अस्पताल, मेडिकल स्टोर में होने चाहिए, उसका वितरण भाजपा कार्यालय में हो रहा है. जब लोगों को एक इंजेक्शन नहीं मिल रहा है, तो इस सवाल पर राजनीति गर्म हो गई है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल को लगभग 5,000 इंजेक्शन कहां से मिले? उन्होंने ये इंजेक्शन कहां से खरीदे हैं. इस मामले में मजुरा के विधायक हर्ष संघवी ने कहा कि सीआर पाटिल ने बिहार, उत्तर प्रदेश और असम से इंजेक्शन खरीदे हैं.

नि:शुल्क इंजेक्शन पर सवाल

बिना आधार कार्ड के इंजेक्शन

खाद्य और औषधि विभाग के नियमों के अनुसार, ये इंजेक्शन डॉक्टर के पर्चे के बिना और लोगों के आधार कार्ड के बिना नहीं दिया जा सकता है. फिर बड़ा सवाल यह है कि राजनीतिक नेता को इतनी बड़ी संख्या में इंजेक्शन कैसे मिले. अगर सीआर पाटिल को कुछ ही घंटों में 5,000 इंजेक्शन आसानी से मिल सकते हैं, तो अस्पतालों को क्यों नहीं? लोगों को लाइन में क्यों खड़ा होना पड़ता है.

Injection line
इंजेक्शन के लिए लाइन

मध्य प्रदेश में भी है क्राइसिस

यही नहीं गुजरात के पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में भी रेमडेसिविर की भारी कमी है. इंदौर और भोपाल समेत राज्य के कई छोटे बड़े शहरों में इंजेक्शन की कमी की पूर्ति नहीं हो पा रही. राज्य सरकार भी हर संभव कोशिश में लगी है कि इंजेक्शन की सप्लाई प्रभावित ना हो.

सूरत/भोपाल। एक ओर देशभर में वैक्सीन उत्सन मन रहा है. वहीं एमपी में लोग एक अलग ही जंग लड़ रहे हैं. ये है कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत और उसे हासिल करने के लिए हर मुमकिन कोशिश. लेकिन हर राज्य में हालात रेमडेसिविर को लेकर ऐसे नहीं हैं. गुजरात के सूरत में बीजेपी दफ्तर में लोगों को नि:शुल्क इंजेक्शन दिया जा रहा है वो भी फर्स्ट कम फर्स्ट सर्व के बेसिस पर. शनिवार से भाजपा कार्यालय लोगों को नि:शुल्क इंजेक्शन बांटा जा रहा है. इसलिए इस इंजेक्शन को लेने के लिए सुबह से ही लोगों की लंबी कतार देखी जा रही है. जहां पिछले एक सप्ताह में सूरत में कोरोना मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है, वहीं कोरोना मामलों के कारण कई लोगों की मौत भी हुई है. सूरत में अस्पताल में इंजेक्शन्स की कमी है, वहीं सूरत में भाजपा कार्यालय से जरूरतमंद लोगों को मुफ्त इंजेक्शन पार्टी दे रही है. आज भी जरूरतमंद लोगों को करीब 400 इंजेक्शन दिए गए.

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इंजेक्शन के लिए लाइन

अब क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी तय करेगा कि लॉकडाउन कहां लगना है और कहां नहीं

'इंजेक्शन बांटने पर बवाल'

इस संबंध में, विधायक हर्ष संघवी ने कहा कि जो इंजेक्शन अस्पताल, मेडिकल स्टोर में होने चाहिए, उसका वितरण भाजपा कार्यालय में हो रहा है. जब लोगों को एक इंजेक्शन नहीं मिल रहा है, तो इस सवाल पर राजनीति गर्म हो गई है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल को लगभग 5,000 इंजेक्शन कहां से मिले? उन्होंने ये इंजेक्शन कहां से खरीदे हैं. इस मामले में मजुरा के विधायक हर्ष संघवी ने कहा कि सीआर पाटिल ने बिहार, उत्तर प्रदेश और असम से इंजेक्शन खरीदे हैं.

नि:शुल्क इंजेक्शन पर सवाल

बिना आधार कार्ड के इंजेक्शन

खाद्य और औषधि विभाग के नियमों के अनुसार, ये इंजेक्शन डॉक्टर के पर्चे के बिना और लोगों के आधार कार्ड के बिना नहीं दिया जा सकता है. फिर बड़ा सवाल यह है कि राजनीतिक नेता को इतनी बड़ी संख्या में इंजेक्शन कैसे मिले. अगर सीआर पाटिल को कुछ ही घंटों में 5,000 इंजेक्शन आसानी से मिल सकते हैं, तो अस्पतालों को क्यों नहीं? लोगों को लाइन में क्यों खड़ा होना पड़ता है.

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इंजेक्शन के लिए लाइन

मध्य प्रदेश में भी है क्राइसिस

यही नहीं गुजरात के पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में भी रेमडेसिविर की भारी कमी है. इंदौर और भोपाल समेत राज्य के कई छोटे बड़े शहरों में इंजेक्शन की कमी की पूर्ति नहीं हो पा रही. राज्य सरकार भी हर संभव कोशिश में लगी है कि इंजेक्शन की सप्लाई प्रभावित ना हो.

Last Updated : Apr 11, 2021, 7:21 PM IST
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