भोपाल। हनी ट्रैप से जुड़े मानव तस्करी मामले में CID की जांच सवालों के घेरे में है. हाल ही में CID ने कोर्ट में चार्जशीट पेश की है. लेकिन इस चार्जशीट में उन नेताओं,अफसरों और कारोबारियों को आरोपी नहीं बनाया गया है जिन पर यौन शोषण के आरोप हैं. इतना ही नहीं ब्लैकमेलर्स गैंग की सदस्य का नाम भी आरोप पत्र से गायब है.जबकि उसका नाम FIR में शामिल था.
CID ने हाल ही में भोपाल जिला अदालत में चालान पेश किया है. चालान में अफसरों, नेताओं और कारोबारियों की करतूत को तो उजागर किया गया है, लेकिन यौन शोषण मामले में इन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है. साथ ही चालान में उन सीनियर आईएएस अफसरों के नाम भी उजागर नहीं किए गए हैं, जिनसे ब्लैकमेलर्स गैंग ने एक करोड़ रुपए की रकम ली थी. इसके अलावा दो नाम ऐसे भी हैं, जिन पर शराब पीकर जबरन यौन शोषण करने के आरोप हैं,लेकिन उन अफसरों से पूछताछ तक नहीं की गई.
इसके अलावा ब्लैकमेलर्स गैंग की मास्टरमाइंड महिला को आरोपी तो बनाया गया है, लेकिन आरोप तय नहीं किए गए हैं. ऐसे में सीआईडी की जांच पर कई सवाल उठ रहे हैं. चालान में तो सीआईडी ने अफसर,नेताओं और कारोबारियों की करतूतों का खुलासा किया है, लेकिन इन सभी को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया. ना ही इन्हें तलब कर सीआईडी ने इनसे कोई पूछताछ की है.