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हनी ट्रैप मामला:CID जांच पर उठ रहे सवाल, रसूखदार अफसरों और नेताओं को नहीं बनाया आरोपी

भोपाल कोर्ट में सीआईडी ने हनी ट्रैप से जुड़े मानव तस्करी मामले में चार्ज शीट पेश की है. जिसमें रसूखदारों पर FIR दर्ज होने के बावजूद उनके नाम आरोप पत्र से गायब हैं.जिसके चलते इस CID की पूरी जांच पर सवाल उठ रहे हैं.

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CID की जांच पर उठ रहे सवाल
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Published : Dec 31, 2019, 7:04 PM IST

भोपाल। हनी ट्रैप से जुड़े मानव तस्करी मामले में CID की जांच सवालों के घेरे में है. हाल ही में CID ने कोर्ट में चार्जशीट पेश की है. लेकिन इस चार्जशीट में उन नेताओं,अफसरों और कारोबारियों को आरोपी नहीं बनाया गया है जिन पर यौन शोषण के आरोप हैं. इतना ही नहीं ब्लैकमेलर्स गैंग की सदस्य का नाम भी आरोप पत्र से गायब है.जबकि उसका नाम FIR में शामिल था.

CID की जांच पर उठ रहे सवाल

CID ने हाल ही में भोपाल जिला अदालत में चालान पेश किया है. चालान में अफसरों, नेताओं और कारोबारियों की करतूत को तो उजागर किया गया है, लेकिन यौन शोषण मामले में इन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है. साथ ही चालान में उन सीनियर आईएएस अफसरों के नाम भी उजागर नहीं किए गए हैं, जिनसे ब्लैकमेलर्स गैंग ने एक करोड़ रुपए की रकम ली थी. इसके अलावा दो नाम ऐसे भी हैं, जिन पर शराब पीकर जबरन यौन शोषण करने के आरोप हैं,लेकिन उन अफसरों से पूछताछ तक नहीं की गई.

इसके अलावा ब्लैकमेलर्स गैंग की मास्टरमाइंड महिला को आरोपी तो बनाया गया है, लेकिन आरोप तय नहीं किए गए हैं. ऐसे में सीआईडी की जांच पर कई सवाल उठ रहे हैं. चालान में तो सीआईडी ने अफसर,नेताओं और कारोबारियों की करतूतों का खुलासा किया है, लेकिन इन सभी को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया. ना ही इन्हें तलब कर सीआईडी ने इनसे कोई पूछताछ की है.

भोपाल। हनी ट्रैप से जुड़े मानव तस्करी मामले में CID की जांच सवालों के घेरे में है. हाल ही में CID ने कोर्ट में चार्जशीट पेश की है. लेकिन इस चार्जशीट में उन नेताओं,अफसरों और कारोबारियों को आरोपी नहीं बनाया गया है जिन पर यौन शोषण के आरोप हैं. इतना ही नहीं ब्लैकमेलर्स गैंग की सदस्य का नाम भी आरोप पत्र से गायब है.जबकि उसका नाम FIR में शामिल था.

CID की जांच पर उठ रहे सवाल

CID ने हाल ही में भोपाल जिला अदालत में चालान पेश किया है. चालान में अफसरों, नेताओं और कारोबारियों की करतूत को तो उजागर किया गया है, लेकिन यौन शोषण मामले में इन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है. साथ ही चालान में उन सीनियर आईएएस अफसरों के नाम भी उजागर नहीं किए गए हैं, जिनसे ब्लैकमेलर्स गैंग ने एक करोड़ रुपए की रकम ली थी. इसके अलावा दो नाम ऐसे भी हैं, जिन पर शराब पीकर जबरन यौन शोषण करने के आरोप हैं,लेकिन उन अफसरों से पूछताछ तक नहीं की गई.

इसके अलावा ब्लैकमेलर्स गैंग की मास्टरमाइंड महिला को आरोपी तो बनाया गया है, लेकिन आरोप तय नहीं किए गए हैं. ऐसे में सीआईडी की जांच पर कई सवाल उठ रहे हैं. चालान में तो सीआईडी ने अफसर,नेताओं और कारोबारियों की करतूतों का खुलासा किया है, लेकिन इन सभी को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया. ना ही इन्हें तलब कर सीआईडी ने इनसे कोई पूछताछ की है.

Intro:भोपाल- हनी ट्रैप से जुड़े मानव तस्करी मामले में सीआईडी की जांच पर सवाल खड़े होने लगे हैं। हाल ही में सीआईडी ने इस मामले को लेकर चार्ज शीट कोर्ट में पेश की है लेकिन इस चार्जशीट में उन नेताओं अफसरों और कारोबारियों को आरोपी नहीं बनाया गया है जिन्होंने यौन शोषण किया है। इतना ही नहीं ब्लैकमेलर्स गैंग की सदस्य बरखा सोनी का नाम भी आरोप पत्र से गायब है जबकि एफ आई आर में बरखा सोनी भटनागर का नाम शामिल था।


Body:मानव तस्करी मामले की जांच कर रही सीआईडी ने हाल ही में भोपाल जिला अदालत में चालान पेश किया है चालान में अफसरों नेताओं और कारोबारियों की करतूत को तो उजागर किया गया है लेकिन यौन शोषण मामले में इन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है साथ ही चालान में उस सीनियर आईएएस अधिकारी के नाम को भी उजागर नहीं किया गया है जिनसे ब्लैकमेलर्स गैंग ने एक करोड़ की उगाही की थी। वही खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के ओएसडी हरीश खरे और खनिज मंत्री प्रदीप जयसवाल केंद्रीय सचिव अरुण निगम ने शराब पीकर पीड़िता से जबरन यौन शोषण किया था। जबरन शारीरिक संबंध बनाना बलात्कार की श्रेणी में आता है। लेकिन सीआईडी ने इन दोनों को आरोपी बनाना तो दूर उनसे पूछताछ तक नहीं की गई।


Conclusion:इसके अलावा ब्लैकमेलर्स गैंग की मास्टरमाइंड श्वेता स्वप्निल जैन को आरोपी तो बनाया गया है लेकिन आरोप तय नहीं किए गए हैं। ऐसे में सीआईडी की जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं की चालान में तो सीआईडी ने अफसर नेताओं और कारोबारियों की करतूतों का खुलासा किया है लेकिन इन सभी को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। ना ही इन्हें तलब कर सीआईडी ने इनसे कोई पूछताछ की है।

पीटीसी- सिद्धार्थ सोनवाने।
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