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संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने थाली बजाकर किया सरकार का विरोध - संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल

प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल के दूसरे दिन खाली और डफली बजाकर विरोध किया. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने अगर उनकी मांगे नहीं मानी तो हड़ताल लगातार जारी रहेगी.

contract health workers
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी
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Published : May 29, 2021, 6:55 AM IST

भोपाल। प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल के दूसरे दिन खाली और डफली बजाकर विरोध किया. राजधानी के जेपी अस्पताल परिसर के साथ ही प्रदेश भर में हर जिला मुख्यालय पर इन्होंने थाली और डफली बजाकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. इनका कहना है कि नींद में सो रही सरकार को जगाने के लिए और भी जो कदम उठाने पड़े वह करेंगे. वहीं आयुष संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने भी इनकी हड़ताल को समर्थन देते हुए मंगलवार से अपनी हड़ताल शुरू कर दी है.इस हड़ताल के चलते प्रदेश में चल रहे वैक्सीनेशन का काम प्रभावित हुआ है.

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल

2 सूत्री मांगों को लेकर जारी है हड़ताल
बता दें कि अपनी 2 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश के 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी बीते सोमवार से हड़ताल पर चले गए हैं. मंगलवार को इन्होंने सभी मुख्यालयों पर थाली और शंख बजाकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. भोपाल के जेपी अस्पताल परिसर में थाली ढपली शंख बजाकर उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया. इनका कहना है कि सरकार बार-बार बात करने की बात कहती है, लेकिन उच्च अधिकारी हर बार कोई ना कोई बहाना करके बात को टाल देते हैं. आज उन्होंने ढपली और थाली बजाकर नींद में सो रही सरकार का ध्यान खींचा है. इनके अनुसार मांग नहीं मानी गई तो यह विरोध प्रदर्शन लगातार आगे भी जारी रहेगा.


स्वास्थ्य कर्मचारियों के सपोर्ट में आयुष के संविदा चिकित्सक

वहीं, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के सपोर्ट में आयुष के संविदा चिकित्सक भी आ गए हैं. प्रदेश भर में कोरोना काल में लगे आयुष विभाग के साढे 4 हजार से अधिक चिकित्सक कर्मचारी भी मंगलवार से हड़ताल पर चले गए हैं. इनका कहना है कि इनका संविलियन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में किया जाना चाहिए. अगर इनकी मांग नहीं मानी गई तो हड़ताल निरंतर जारी रहेगी.


प्रदेश में कोरोना 'LOCK': 47 जिलों में संक्रमण दर 5% से कम, भोपाल के 29 वॉर्ड में एक भी केस नहीं

टीकाकरण अभियान पर पड़ा असर
इन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल के चलते प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई हैं. एक और कोरोना का टीकाकरण का अभियान चल रहा है, तो वहीं सामान्य स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी असर पड़ा है. सरकार ने इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए मुख्यालयों पर परमानेंट स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया है. ग्रामीण अंचलों में कई जगह या तो स्वास्थ्य केंद्र पर ताले लगे हैं या वहां संविदा कर्मचारी बाहर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में अगर सरकार जल्द निर्णय नहीं लेगी तो स्वास्थ्य सुविधाएं पूर्ण रूप से और अव्यवस्थित हो जाएंगी.

भोपाल। प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल के दूसरे दिन खाली और डफली बजाकर विरोध किया. राजधानी के जेपी अस्पताल परिसर के साथ ही प्रदेश भर में हर जिला मुख्यालय पर इन्होंने थाली और डफली बजाकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. इनका कहना है कि नींद में सो रही सरकार को जगाने के लिए और भी जो कदम उठाने पड़े वह करेंगे. वहीं आयुष संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने भी इनकी हड़ताल को समर्थन देते हुए मंगलवार से अपनी हड़ताल शुरू कर दी है.इस हड़ताल के चलते प्रदेश में चल रहे वैक्सीनेशन का काम प्रभावित हुआ है.

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल

2 सूत्री मांगों को लेकर जारी है हड़ताल
बता दें कि अपनी 2 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश के 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी बीते सोमवार से हड़ताल पर चले गए हैं. मंगलवार को इन्होंने सभी मुख्यालयों पर थाली और शंख बजाकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. भोपाल के जेपी अस्पताल परिसर में थाली ढपली शंख बजाकर उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया. इनका कहना है कि सरकार बार-बार बात करने की बात कहती है, लेकिन उच्च अधिकारी हर बार कोई ना कोई बहाना करके बात को टाल देते हैं. आज उन्होंने ढपली और थाली बजाकर नींद में सो रही सरकार का ध्यान खींचा है. इनके अनुसार मांग नहीं मानी गई तो यह विरोध प्रदर्शन लगातार आगे भी जारी रहेगा.


स्वास्थ्य कर्मचारियों के सपोर्ट में आयुष के संविदा चिकित्सक

वहीं, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के सपोर्ट में आयुष के संविदा चिकित्सक भी आ गए हैं. प्रदेश भर में कोरोना काल में लगे आयुष विभाग के साढे 4 हजार से अधिक चिकित्सक कर्मचारी भी मंगलवार से हड़ताल पर चले गए हैं. इनका कहना है कि इनका संविलियन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में किया जाना चाहिए. अगर इनकी मांग नहीं मानी गई तो हड़ताल निरंतर जारी रहेगी.


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टीकाकरण अभियान पर पड़ा असर
इन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल के चलते प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई हैं. एक और कोरोना का टीकाकरण का अभियान चल रहा है, तो वहीं सामान्य स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी असर पड़ा है. सरकार ने इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए मुख्यालयों पर परमानेंट स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया है. ग्रामीण अंचलों में कई जगह या तो स्वास्थ्य केंद्र पर ताले लगे हैं या वहां संविदा कर्मचारी बाहर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में अगर सरकार जल्द निर्णय नहीं लेगी तो स्वास्थ्य सुविधाएं पूर्ण रूप से और अव्यवस्थित हो जाएंगी.

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