भोपाल। मेडिकल कॉलेजों में प्रशासक के रूप में राज्य स्तर के अधिकारी की नियुक्ति का विरोध शुरू हो गया है. मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (medical teacher association bhopal) ने इसको लेकर पत्र लिखा है. वहीं बीजेपी प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने भी ट्वीट कर अपनी राय दी है. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में प्रशासकीय अधिकारी जो एडीएम स्तर का होगा कि नियुक्ति प्रोफेसर के ऊपर होगी.
क्यों विरोध कर रहे हैं डाक्टर ?
सरकार ने फैसला लिया है कि डिप्टी कलेक्टर स्तर का अधिकारी हर मेडिकल कॉलेज (appointment of adm level officer in mp hospitals) में प्रशासक के रूप में बैठेगा. इसी को लेकर डॉक्टर विरोध कर रहे हैं.
डॉक्टरों ने अपने पत्र में क्या लिखा ?
प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर एसोसिएशन मध्य प्रदेश ने चिकित्सा शिक्षा विभाग में प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को पत्र लिखा है. पत्र में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (medical teacher association wrote letter to mp government) ने नियुक्ति से होने वाली परेशानियों के बारे में अवगत कराया है. पत्र में कहा गया है कि इस प्रकार की नियुक्तियों से चिकित्सा महाविद्यालय 50 साल पीछे चले जायेंगे. एसोसिएशन ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा व और अस्पतालों को बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है.
शैक्षणिक स्तर बताया खतरे में
अस्पतालों को बेहतर बनाने के लिए प्रशासकीय अधिकारीयों की नियुक्ति नहीं, वरन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन और हॉस्पिटल मैनेजमेंट के कोर्स (डिप्लोमा, डिग्री, ट्रेनिंग) किए हुए चिकित्सक या चिकित्सा शिक्षकों की आवश्यकता है. महाविद्यालय में प्रशासकीय अधिकारियों की नियुक्ति से चिकित्सीय सेवा, शैक्षणिक स्तर गिरने की पूरी संभावना है.
डॉक्टरों ने ये रखी मांग
पत्र में कहा गया है कि शैक्षणिक महाविद्यालय में इस प्रकार की नियुक्तियों से आपसी कलह और भ्रष्टाचार की भी संभावनाएं (corruption in mp medical sector) भी बढ़ती हैं. इस प्रकार से पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कर पुलिस विभाग को मजबूत किया गया है. उसी तरह से चिकित्सा शिक्षा विभाग में भी सभी उच्च पदों पर विषय विशेषज्ञों चिकित्सकों को लाकर चिकित्सा शिक्षा विभाग को भी मजबूत और बेहतर बनाएं.