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इन कोरोना योद्धाओं पर है हमें गर्व, पर ऐसे में कैसे देंगे ये परीक्षाएं ? - Problem of examination in front of junior doctors

इस समय हमारे कोरोना योद्धा जूनियर डॉक्टर्स एक अनदेखे दुश्मन से जंग लड़ रहे हैं. अपनी पढ़ाई और प्रैक्टिस छोड़कर लोगों की सेवा में लगे हैं पर अब इन जूनियर डॉक्टर्स के सामने भी एक बड़ी समस्या है क्योंकि अगले महीने यानी जुलाई में पोस्ट ग्रेजुशन की परीक्षाएं हैं.

Problem of examination in front of junior doctors
जूनियर डॉक्टरों के आगे परीक्षा की समस्या
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Published : Jun 20, 2020, 11:59 AM IST

Updated : Jun 20, 2020, 1:55 PM IST

भोपाल। सरहद पर जिस तरह जवान मुस्तैदी से दुश्मन को करारा जवाब दे रहे हैं, उसी तरह इस समय डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ भी अस्पतालों में कोरोना के खिलाफ जंग लड़ा रहे हैं. अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन-रात काम में जुटे हैं. ताकि हमें कोरोना छू ना सके और स्वस्थ समाज बना रहे.

इस समय हमारे कोरोना योद्धा जूनियर डॉक्टर्स एक अनदेखे दुश्मन से जंग लड़ रहे हैं. अपनी पढ़ाई और प्रैक्टिस छोड़कर लोगों की सेवा में लगे हैं पर अब इन जूनियर डॉक्टर्स के सामने भी एक बड़ी समस्या आ गई है क्योंकि अगले महीने यानी जुलाई में पोस्ट ग्रेजुशन की परीक्षाएं हैं पर इन योद्धाओं को गर्व है कि वो ऐसे समय में शासन के साथ मिलकर इस युद्ध को लड़ रहे हैं.

जूनियर डॉक्टरों के आगे है परीक्षा की टेंशन

गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर का कहना है कि अपने फर्ज के साथ थोड़ी चिंता भी है कि अगर कोई इस बीच संक्रमित हो गया तो उसकी परीक्षा का क्या होगा. लेकिन इन सब के बावजूद आत्मबल गिरा नहीं है.

Junior doctor on duty
ड्यूटी पर जूनियर डॉक्टर

वहीं आने वाली परीक्षाओं के लिए जूनियर डॉक्टर्स को कॉलेज प्रबंधन और टीचर्स की ओर से क्या मदद मिल सकती है इस बारे में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ राकेश मालवीय का कहना है कि ऐसे समय में कॉलेज प्रबंधन और मेडिकल टीचर्स की ओर से उन्हें पूरा सहयोग दिया जाएगा.

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के करीब 400 जूनियर डॉक्टर्स की ड्यूटी कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए लगाई जा रही है. ऐसे में अपने फर्ज के आगे परीक्षा के लिए समय निकालना बेहद मुश्किल भरा है वो भी तब जब 8 से 10 घंटे की ड्यूटी होती है. सवाल उन जूनियर डॉक्टरों की जिंदगी का भी है जो कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और परीक्षा नहीं दे सकते.

भोपाल। सरहद पर जिस तरह जवान मुस्तैदी से दुश्मन को करारा जवाब दे रहे हैं, उसी तरह इस समय डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ भी अस्पतालों में कोरोना के खिलाफ जंग लड़ा रहे हैं. अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन-रात काम में जुटे हैं. ताकि हमें कोरोना छू ना सके और स्वस्थ समाज बना रहे.

इस समय हमारे कोरोना योद्धा जूनियर डॉक्टर्स एक अनदेखे दुश्मन से जंग लड़ रहे हैं. अपनी पढ़ाई और प्रैक्टिस छोड़कर लोगों की सेवा में लगे हैं पर अब इन जूनियर डॉक्टर्स के सामने भी एक बड़ी समस्या आ गई है क्योंकि अगले महीने यानी जुलाई में पोस्ट ग्रेजुशन की परीक्षाएं हैं पर इन योद्धाओं को गर्व है कि वो ऐसे समय में शासन के साथ मिलकर इस युद्ध को लड़ रहे हैं.

जूनियर डॉक्टरों के आगे है परीक्षा की टेंशन

गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर का कहना है कि अपने फर्ज के साथ थोड़ी चिंता भी है कि अगर कोई इस बीच संक्रमित हो गया तो उसकी परीक्षा का क्या होगा. लेकिन इन सब के बावजूद आत्मबल गिरा नहीं है.

Junior doctor on duty
ड्यूटी पर जूनियर डॉक्टर

वहीं आने वाली परीक्षाओं के लिए जूनियर डॉक्टर्स को कॉलेज प्रबंधन और टीचर्स की ओर से क्या मदद मिल सकती है इस बारे में मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ राकेश मालवीय का कहना है कि ऐसे समय में कॉलेज प्रबंधन और मेडिकल टीचर्स की ओर से उन्हें पूरा सहयोग दिया जाएगा.

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के करीब 400 जूनियर डॉक्टर्स की ड्यूटी कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए लगाई जा रही है. ऐसे में अपने फर्ज के आगे परीक्षा के लिए समय निकालना बेहद मुश्किल भरा है वो भी तब जब 8 से 10 घंटे की ड्यूटी होती है. सवाल उन जूनियर डॉक्टरों की जिंदगी का भी है जो कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और परीक्षा नहीं दे सकते.

Last Updated : Jun 20, 2020, 1:55 PM IST
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