भोपाल। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव अभियान का 12 जून को आगाज करने जा रही हैं. प्रियंका गांधी जबलपुर प्रवास के दौरान कार्यक्रम की शुरूआत मां नर्मदा के पूजन से करेंगी. वह जबलपुर में करीब 3 घंटे रुकेंगी और इस दौरान बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगी. इधर, उधर कांग्रेस ने तय किया है कि प्रियंका गांधी से कार्यक्रम में फिलहाल वचन पत्र जारी नहीं कराया जाएगा. इसके स्थान पर कांग्रेस प्रियंका गांधी से दो बड़ी घोषणाएं कराने जा रही है, लेकिन ये घोषणाएं क्या होंगी, कांग्रेस इसको लेकर बेहद गोपनीयता बरत रही है.
यह है प्रियंका गांधी का शेड्यूल : अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी 12 जून को जबलपुर पहुंचेगी. कांग्रेस इस दौरान बड़े कार्यक्रम करने जा रही है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने प्रियंका गांधी के दौरे की जानकारी दी.
कांग्रेस ने टाला वचन पत्र जारी करने का निर्णय : कांग्रेस ने फिलहाल प्रियंका गांधी से वचन पत्र जारी कराने का अपना कार्यक्रम बदल दिया है. पहले चुनाव अभियान की शुरूआत में प्रियंका गांधी से वचन पत्र जारी कराने को लेकर विचार चल रहा था. प्रियंका गांधी अपनी सभा में युवाओं से जुड़ी दो बड़ी घोषणाएं करेंगी. हालांकि ये घोषणाएं क्या होंगी, इसको लेकर कांग्रेस अभी खुलासा नहीं करना चाहती. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सभी नेताओं को इसको लेकर बात न करने के सख्त निर्देश दिए हैं. कांग्रेस के सीनियर लीडर सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि प्रियंका गांधी 12 जून को मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव अभियान का शंखनाद करने जा रही हैं. फिलहाल चुनाव अभियान जून में शुरू हो रहा है और चुनाव नवंबर में हैं. इस तरह चुनाव में बहुत गैप है. इसके बाद के दौरे में जब हमारे राष्ट्रीय नेता आएंगे तब वचन पत्र का विमोचन कराएंगे.
इंदिरा गांधी का नया वर्जन प्रियंका गांधी : पहले हिमाचल प्रदेश और फिर कर्नाटक में कांग्रेस को जीत दिलाने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का मध्यप्रदेश का दौरा बहुत अहम है. कांग्रेस की रणनीति प्रियंका गांधी को इंदिरा गांधी के नए वर्जन के रूप में पेश करने की है. कांग्रेस को उम्मीद है कि प्रियंका गांधी मतदाताओं को लुभाने में कामयाब होंगी. हिमाचल व कर्नाटक में कांग्रेस की जीत में प्रियंका गांधी का अहम रोल माना जा रहा है. जिस प्रकार से प्रियंका गांधी ने कर्नाटक चुनाव में पीएम मोदी पर हमले किए, उससे कांग्रेस नेताओं को लगता है कि राहुल गांधी के बाद पार्टी में ऐसा दूसरा नेता लोकप्रिय होने लगा है जो आक्रामक तरीके से मोदी सरकार पर हमला करता है. इससे मतदाताओं में विश्वास जगता है.
मतदाताओं में प्रियंका गांधी के प्रति दीवानगी : बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी ज्यादा सक्रिय नहीं रही थीं. इसके बाद भी राहुल गांधी के दम पर कांग्रेस सरकार बनाने में सफल रही थी. इस बार राहुल गांघी के साथ प्रियंका गांधी भी चुनाव अभियान में जुटेंगी तो परिणाम एकतरफा कांग्रेस के हक में आ सकते हैं. इस बार कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को राहुल गांधी से भी आगे करने की रणनीति बनाई है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि प्रियंका गांधी के सक्रिय रहने से बड़ी संख्या में महिलाएं कांग्रेस को वोट देंगी. पार्टी को ऐसा लगता है कि प्रियंका गांधी के जरिए युवाओं को भी ज्यादा आकर्षित किया जा सकता है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि प्रियंका गांधी का रहन-सहन और पहनावा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की याद दिलाता है. इसके साथ ही प्रियंका गांधी मतदाताओं से सीधे कनेक्ट होती हैं.
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एमपी में महाकौशल ही क्यों चुना : सियासत के जानकार कहते हैं कि राज्य के आदिवासी और जनजाति वर्ग में कांग्रेस की पैठ है. उसे और मजबूत बनाने में प्रियंका गांधी मददगार हो सकती हैं. लिहाजा, कांग्रेस की कोशिश होगी कि वह इस वर्ग में अपनी पैठ बनाए रखें. इस मामले में प्रियंका गांधी से अच्छा चेहरा उनके लिए कोई और दूसरा हो नहीं सकता. विधासनभा चुनाव से 5 माह पहले प्रियंका गांधी का महाकौशल दौरा आदिवासी वोट बैंक साधने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है. क्योंकि महाकौशल अंचल और उससे लगा इलाका आदिवासी बाहुल्य इलाका है. महाकौशल क्षेत्र में बीते विधानसभा चुनाव और नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को जो बढ़त मिली है. उससे कांग्रेस उत्साहित नजर आ रही है. मतदाताओं में कांग्रेस के प्रति बढ़ते रुझान की वजह से ही कांग्रेस इस इलाके को ज्यादा महत्व दे रही है.