राइट टू एजुकेशन के तहत पढ़ाई करने वाले बच्चों की फीस सरकार ने दो साल से नहीं भरी है. निजी स्कूलों पर इसी वजह से आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा. इन स्कूलों पर करीब 75 करोड़ रुपयों का भुगतान लंबित है.
निजी स्कूलों पर बोझ बनता RTE!
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Published : Apr 4, 2021, 1:39 PM IST
भोपाल। 'पढ़ेगा भारत तभी तो बढ़ेगा भारत' इस स्लोगन के तहत सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार है .लेकिन जब शिक्षा देने वाला मंदिर ही आर्थिक बोझ से जूझ रहा हो तो क्या यह संस्थान बच्चों को शिक्षा दे पाएंगे. मध्यप्रदेश में राइट टू एजुकेशन के तहत पढ़ाई करने वाले बच्चों की पिछले 2 साल से सरकार ने फीस नहीं भरी है. जिसके चलते निजी स्कूलों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है. पिछले 2 साल से करीब 200 करोड़ रुपए का अनुदान सरकार की तरफ से इन स्कूलों को नहीं मिला है.
भारत सरकार द्वारा राइट टू एजुकेशन (RTE) के तहत प्राइवेट स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है. जिसमें इन बच्चों की फीस सरकार भर्ती है. सरकारी नियम के अनुसार अधिकतम 4 हजार 800 रुपए प्रति छात्र के हिसाब से इन स्कूलों को अनुदान दिया जाता है. मध्यप्रदेश में साल 2018- 19 की बात करें तो करीब 1 लाख 63 हजार 4 सौ 79 बच्चों ने एडमिशन लिया था. तो वहीं साल 2019- 20 में 1 लाख 57 हजार 6 सौ 21 बच्चों ने स्कूलों में एडमिशन लिया था. इस हिसाब से 2018-19 से 78 करोड़ 46 लाख 99 हजार 200 रुपए सरकार ने नहीं दिए. साल 2019-20 में करीब 1 लाख 57 हजार 621 बच्चों ने निजी स्कूलों में प्रवेश लिया था. करीब 75 करोड़ 65 लाख 80 हजार 800 रुपए का भुगतान लंबित है. 2018-19 और 2019-20 में एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
अगर मालवा
2586
2406
अलीराजपुर
572
620
अनूपपुर
1290
1234
अशोकनगर
1499
1663
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
बालाघाट
3254
3691
बड़वानी
6776
5245
बैतूल
2641
2714
भिंड
1830
1729
भोपाल
10783
9897
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
बुरहानपुर
1779
1913
छतरपुर
4173
3800
छिंदवाड़ा
4079
4391
दमोह
2110
2316
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
दतिया
1059
1375
देवास
5205
5171
धार
3545
4434
डिंडोरी
554
795
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
गुना
3401
3229
ग्वालियर
3840
3848
हरदा
1220
1199
होशंगाबाद
3953
3620
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
इंदौर
8633
3620
जबलपुर
4063
3682
झाबुआ
1205
1179
कटनी
1440
1571
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
खंडवा
3352
2613
खरगोन
4356
4273
मंडला
1765
1793
मंदसौर
3695
3500
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
मुरैना
2435
2676
नरसिंहपुर
2072
2406
नीमच
1608
1559
पन्ना
2471
2260
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
रायसेन
3692
3298
राजगढ़
4161
3659
रतलाम
2654
2875
रीवा
5221
4564
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
सागर
4293
4636
सतना
6648
5716
सीहोर
4427
4725
सिवनी
2913
2913
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
शहडोल
1650
1766
श्योपुर
710
755
शिवपुरी
2050
1882
सीधी
4736
2723
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
सिंगरौली
3319
2897
टीकमगढ़
1269
1501
उज्जैन
5263
6252
उमरिया
1001
1425
विदिशा
2949
3562
अलग -अलग अलग जिलों के अनुसार साल 2018-19 में कुल 1 लाख 63 हजार 479 बच्चों ने आरटीई के तहत एडमिशन लिया था. साल 2019-20 में 1 लाख 57 हजार 621 बच्चों ने शिक्षा अधिकार कानून के तहत प्रदेश के अलग-अलग स्कूलों में प्रवेश लिया था.
सरकार को भरनी होती है फीस
शिक्षा का अधिकार कानून के तहत हर स्कूल में क्षमता के अनुसार 25% सीटों पर नि:शुल्क बच्चों को एडमिशन देना होता है. जिनकी फीस सरकार भर्ती है. हर बच्चे के हिसाब से 4 हजार 800 फीस का भुगतान किया जाता है. हालांकि पिछले 2 साल से सरकार की तरफ से दिया जाने वाला यह अनुदान इन स्कूलों को नहीं मिला है यही कारण है कि वर्तमान में इन स्कूलों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. ऐसे में अब कई स्कूल आरटीई के तहत प्रवेश देने से भी मना करने लगे हैं.
भोपाल। 'पढ़ेगा भारत तभी तो बढ़ेगा भारत' इस स्लोगन के तहत सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार है .लेकिन जब शिक्षा देने वाला मंदिर ही आर्थिक बोझ से जूझ रहा हो तो क्या यह संस्थान बच्चों को शिक्षा दे पाएंगे. मध्यप्रदेश में राइट टू एजुकेशन के तहत पढ़ाई करने वाले बच्चों की पिछले 2 साल से सरकार ने फीस नहीं भरी है. जिसके चलते निजी स्कूलों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा है. पिछले 2 साल से करीब 200 करोड़ रुपए का अनुदान सरकार की तरफ से इन स्कूलों को नहीं मिला है.
भारत सरकार द्वारा राइट टू एजुकेशन (RTE) के तहत प्राइवेट स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है. जिसमें इन बच्चों की फीस सरकार भर्ती है. सरकारी नियम के अनुसार अधिकतम 4 हजार 800 रुपए प्रति छात्र के हिसाब से इन स्कूलों को अनुदान दिया जाता है. मध्यप्रदेश में साल 2018- 19 की बात करें तो करीब 1 लाख 63 हजार 4 सौ 79 बच्चों ने एडमिशन लिया था. तो वहीं साल 2019- 20 में 1 लाख 57 हजार 6 सौ 21 बच्चों ने स्कूलों में एडमिशन लिया था. इस हिसाब से 2018-19 से 78 करोड़ 46 लाख 99 हजार 200 रुपए सरकार ने नहीं दिए. साल 2019-20 में करीब 1 लाख 57 हजार 621 बच्चों ने निजी स्कूलों में प्रवेश लिया था. करीब 75 करोड़ 65 लाख 80 हजार 800 रुपए का भुगतान लंबित है. 2018-19 और 2019-20 में एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
अगर मालवा
2586
2406
अलीराजपुर
572
620
अनूपपुर
1290
1234
अशोकनगर
1499
1663
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
बालाघाट
3254
3691
बड़वानी
6776
5245
बैतूल
2641
2714
भिंड
1830
1729
भोपाल
10783
9897
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
बुरहानपुर
1779
1913
छतरपुर
4173
3800
छिंदवाड़ा
4079
4391
दमोह
2110
2316
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
दतिया
1059
1375
देवास
5205
5171
धार
3545
4434
डिंडोरी
554
795
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
गुना
3401
3229
ग्वालियर
3840
3848
हरदा
1220
1199
होशंगाबाद
3953
3620
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
इंदौर
8633
3620
जबलपुर
4063
3682
झाबुआ
1205
1179
कटनी
1440
1571
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
खंडवा
3352
2613
खरगोन
4356
4273
मंडला
1765
1793
मंदसौर
3695
3500
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
मुरैना
2435
2676
नरसिंहपुर
2072
2406
नीमच
1608
1559
पन्ना
2471
2260
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
रायसेन
3692
3298
राजगढ़
4161
3659
रतलाम
2654
2875
रीवा
5221
4564
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
सागर
4293
4636
सतना
6648
5716
सीहोर
4427
4725
सिवनी
2913
2913
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
शहडोल
1650
1766
श्योपुर
710
755
शिवपुरी
2050
1882
सीधी
4736
2723
जिला
एडमिशन साल (2018-19)
एडमिशन साल (2019-20)
सिंगरौली
3319
2897
टीकमगढ़
1269
1501
उज्जैन
5263
6252
उमरिया
1001
1425
विदिशा
2949
3562
अलग -अलग अलग जिलों के अनुसार साल 2018-19 में कुल 1 लाख 63 हजार 479 बच्चों ने आरटीई के तहत एडमिशन लिया था. साल 2019-20 में 1 लाख 57 हजार 621 बच्चों ने शिक्षा अधिकार कानून के तहत प्रदेश के अलग-अलग स्कूलों में प्रवेश लिया था.
सरकार को भरनी होती है फीस
शिक्षा का अधिकार कानून के तहत हर स्कूल में क्षमता के अनुसार 25% सीटों पर नि:शुल्क बच्चों को एडमिशन देना होता है. जिनकी फीस सरकार भर्ती है. हर बच्चे के हिसाब से 4 हजार 800 फीस का भुगतान किया जाता है. हालांकि पिछले 2 साल से सरकार की तरफ से दिया जाने वाला यह अनुदान इन स्कूलों को नहीं मिला है यही कारण है कि वर्तमान में इन स्कूलों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. ऐसे में अब कई स्कूल आरटीई के तहत प्रवेश देने से भी मना करने लगे हैं.