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निजी अस्पताल की बड़ी लापरवाही,जिंदा बच्चे को किया मृत घोषित - negligence of hospital

भोपाल के निजी अस्पताल में जन्म लिये दो जुड़वा बच्चों में दोनों बच्चों को मृत घोषित कर डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया, जबकि उसमें एक बच्चा जिंदा था. वहीं परिजनों के हंगामा मचाने पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.

निजी अस्पताल
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Published : Jul 20, 2019, 11:50 PM IST

भोपाल। राजधानी के एक निजी अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आयी. जहां अस्पताल के डॉक्टर्स ने पैदा हुए जुड़वा नवजात बच्चों को मृत बताकर परिजनों को सौंपा जबकि उनमें से एक बच्चा जिंदा था. मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.

निजी अस्पताल की बड़ी लापरवाही

पीड़ित प्रह्लाद रघुवंशी ने बताया कि विदिशा से उनकी पत्नी को डिलेवरी के लिए शाहपुरा स्थित लाइफ लाइन हॉस्पिटल में लाया गया था. जहां प्रहलाद सिंह के जुड़वा बच्चे हुए, जिसमे से एक मृत पैदा हुआ, तो दूसरा जिंदा लेकिन दूसरे बच्चे को भी अस्पताल प्रशासन ने मृत बता दिया और 5 घंटे तक उसे अस्पताल में रहने दिया, फिर 5 घण्टे बाद उसे दफनाने के लिए कह दिया गया.

अस्पताल में नवजात का डेथ सर्टिफिकेट तक जारी कर दिया गया. जब परिवार बच्चों को दफनाने ले जा रहा था तो एक बच्चे ने हाथ पांव हिलाए, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने आनन फानन में परिवार से सर्टिफिकेट भी छीन लिया और मामले पर लीपापोती करने लगे. वहीं मामले में परिजनों के हंगामा मचाने पर पुलिस ने भी मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है वहीं अस्पताल प्रशासन ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

भोपाल। राजधानी के एक निजी अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आयी. जहां अस्पताल के डॉक्टर्स ने पैदा हुए जुड़वा नवजात बच्चों को मृत बताकर परिजनों को सौंपा जबकि उनमें से एक बच्चा जिंदा था. मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.

निजी अस्पताल की बड़ी लापरवाही

पीड़ित प्रह्लाद रघुवंशी ने बताया कि विदिशा से उनकी पत्नी को डिलेवरी के लिए शाहपुरा स्थित लाइफ लाइन हॉस्पिटल में लाया गया था. जहां प्रहलाद सिंह के जुड़वा बच्चे हुए, जिसमे से एक मृत पैदा हुआ, तो दूसरा जिंदा लेकिन दूसरे बच्चे को भी अस्पताल प्रशासन ने मृत बता दिया और 5 घंटे तक उसे अस्पताल में रहने दिया, फिर 5 घण्टे बाद उसे दफनाने के लिए कह दिया गया.

अस्पताल में नवजात का डेथ सर्टिफिकेट तक जारी कर दिया गया. जब परिवार बच्चों को दफनाने ले जा रहा था तो एक बच्चे ने हाथ पांव हिलाए, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने आनन फानन में परिवार से सर्टिफिकेट भी छीन लिया और मामले पर लीपापोती करने लगे. वहीं मामले में परिजनों के हंगामा मचाने पर पुलिस ने भी मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है वहीं अस्पताल प्रशासन ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

Intro:भोपाल- राजधानी भोपाल के एक निजी अस्पताल की बहुत बड़ी लापरवाही आज सामने आयी,जहां अस्पताल के डॉक्टर्स ने पैदा हुए जुड़वा नवजात बच्चों को मृत बताकर परिजनों को सौंपा जबकि उनमें से एक बच्चा जिंदा था।Body:इस बारे में जानकारी देते हुए पीड़ित प्रह्लाद रघुवंशी ने बताया कि विदिशा से उनकी पत्नी को उनके राजकुमार रघुवंशी डिलेवरी के लिए शहर के शाहपुरा स्थित लाइफ लाइन हॉस्पिटल में
में लेकर आये थे,, जहाँ प्रहलाद सिंह के जुड़वा बच्चे हुए, जिसमे से एक मृत पैदा हुआ तो दूसरा जिंदा लेकिन दूसरे बच्चे को भी अस्पताल प्रशासन ने मृत बता दिया और 5 घंटे तक उसे अस्पताल में रहने दिया फिर 5 घण्टे बाद उसे दफनाने के लिए कह दिया गया यहां तक उनका डेथ सर्फिफिकेट तक जारी कर दिया,, जब परिवार बच्चों को दफनाने ले जा रहा था तो एक बच्चे ने हाथ पांव हिलाए जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने आनन फानन में परिवार से सर्टिफिकेट भी छीन लिया और मामले पर लीपापोती करने लगे,,,Conclusion:इस पूरी घटना को लेकर परिवार के लोगों ने अस्पताल में हंगामा मचाया तो पुलिस ने भी मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है वहीं अस्पताल प्रशासन ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
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