भोपाल। राजधानी के एक निजी अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आयी. जहां अस्पताल के डॉक्टर्स ने पैदा हुए जुड़वा नवजात बच्चों को मृत बताकर परिजनों को सौंपा जबकि उनमें से एक बच्चा जिंदा था. मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है.
पीड़ित प्रह्लाद रघुवंशी ने बताया कि विदिशा से उनकी पत्नी को डिलेवरी के लिए शाहपुरा स्थित लाइफ लाइन हॉस्पिटल में लाया गया था. जहां प्रहलाद सिंह के जुड़वा बच्चे हुए, जिसमे से एक मृत पैदा हुआ, तो दूसरा जिंदा लेकिन दूसरे बच्चे को भी अस्पताल प्रशासन ने मृत बता दिया और 5 घंटे तक उसे अस्पताल में रहने दिया, फिर 5 घण्टे बाद उसे दफनाने के लिए कह दिया गया.
अस्पताल में नवजात का डेथ सर्टिफिकेट तक जारी कर दिया गया. जब परिवार बच्चों को दफनाने ले जा रहा था तो एक बच्चे ने हाथ पांव हिलाए, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने आनन फानन में परिवार से सर्टिफिकेट भी छीन लिया और मामले पर लीपापोती करने लगे. वहीं मामले में परिजनों के हंगामा मचाने पर पुलिस ने भी मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है वहीं अस्पताल प्रशासन ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.