भोपाल। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के परिवारजनों की अक्सर यह शिकायत आती है कि उन्हें संक्रमित मरीज की ठीक से जानकारी नहीं मिल पा रही है. इसके साथ ही कई ऐसी बातें हैं जिन्हें अब तक गुप्त रखा जाता रहा है लेकिन अब कोरोना मरीजों के उपचार के लिए चिन्हांकित निजी कोविड-19 अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में भर्ती मरीजों के उपचार की व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की कवायद की जा रही है. उपचार व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए निजी मेडिकल कॉलेजों के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर कई बातों पर चर्चा कर नए निर्देश दिए हैं.
इसके तहत अब निजी अस्पतालों से मरीजों को डिस्चार्ज करते वक्त इलाज का बिल भी दिया जाएगा, साथ ही बिल में मरीजों के इलाज पर हुए खर्च का ब्यौरा भी होगा. जो मरीज आयुष्मान योजना के हितग्राही हैं उनका इलाज निजी अस्पतालों में निशुल्क रहेगा, वहीं गैर आयुष्मान मरीजों के लिए यह व्यवस्था स्वैच्छिक होगी. गैर आयुष्मान मरीज चाहे तो अपने इलाज का बिल अस्पताल में भर सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि इससे व्यवस्था पारदर्शी होगी और मरीजों को यह पता चल सकेगा कि उनके इलाज पर सरकार ने कितना पैसा खर्च किया है.
मिली जानकारी के मुताबिक निजी अस्पतालों को आयुष्मान योजना से भुगतान किया जाएगा, इसके लिए सामान्य मरीज पर प्रतिदिन 1400, आईसीयू के लिए 4500 और वेंटिलेटर के साथ में 5300 रुपए अस्पताल को उपचार के एवज में दिए जाएगे. वहीं गैर आयुष्मान मरीजों से अपील की जाएगी की वह अपनी इच्छा के मुताबिक भुगतान करें, इसके लिए उनसे एक घोषणापत्र भी भरवाया जाएगा जिसमें वह इलाज की राशि का अपनी स्वेच्छा से पूरा या आंशिक भुगतान कर सकेंगे.
विभाग इन मरीजों द्वारा भुगतान की गई राशि की कटौती कर बाकी भुगतान अस्पताल को करेगा. बता दें कि संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च पर निजी अस्पतालों में उपचार मुहैया करा रही है. इसके बावजूद भी निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से पैसे लिए जाने और बिल में गड़बड़ी की बातें कई बार सामने आई हैं. जिसे ध्यान में रखते हुए अभी प्रयास किया जा रहा है.