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कोविड-19 ब्लॉक में न लगाई जाए प्रसुति विभाग के डॉक्टरों की ड्यूटी, प्रमुख सचिव ने जारी किए आदेश - प्रमुख सचिव

गर्भवती महिलाओं में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा रखी है. इसी कड़ी में प्रमुख सचिव ने आदेश जारी करते हुए कहा कि है कि प्रसुति विभाग के किसी भी डॉक्टर की ड्यूटी कोविड 19 ब्लॉक में न लगाई जाए.

Do not find maternity department doctors' duties divided into 19 blocks in bhopal
प्रमुख सचिव ने लिखा पत्र
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Published : May 30, 2020, 6:26 PM IST

भोपाल। गर्भवती महिलाओं पर लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आदेश जारी किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि मेटरनिटी विंग जिसमें लेबर रूम, मेटरनिटी वार्ड, एएनसी क्लीनिक, मेटरनिटी ओटी एयर, पीपीओटी शामिल है. इन सभी में पदस्थ स्किल्स नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर्स की ड्यूटी अन्य कार्यों और वार्ड में न लगाई जाए. खास तौर पर कोविड 19 के ब्लॉक में न लगाई जाए.
कोरोना वायरस के संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा उन व्यक्तियों को है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है या फिर जिन्हें जो पहले से किसी न किसी बीमारी से पीड़ित है. इनमें सबसे ज्यादा सावधानी बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को रखने की हिदायत दी जा रही है. भोपाल में पिछले दिनों 2 मामले ऐसे सामने आए हैं, जहां गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण हुआ है. जिनमें से एक महिला और उसके बच्चे की मौत हुई है.
बता दें कि भोपाल के हमीदिया, सुल्तानिया और एम्स अस्पताल में 2 दर्जन से भी ज्यादा डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ कोरोना वायरस के संक्रमित मिल चुके हैं. वही एक डॉक्टर के कोरोना संक्रमित होने से नवजात बच्चे को भी कोरोना संक्रमण हो गया था.

भोपाल। गर्भवती महिलाओं पर लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आदेश जारी किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि मेटरनिटी विंग जिसमें लेबर रूम, मेटरनिटी वार्ड, एएनसी क्लीनिक, मेटरनिटी ओटी एयर, पीपीओटी शामिल है. इन सभी में पदस्थ स्किल्स नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर्स की ड्यूटी अन्य कार्यों और वार्ड में न लगाई जाए. खास तौर पर कोविड 19 के ब्लॉक में न लगाई जाए.
कोरोना वायरस के संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा उन व्यक्तियों को है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है या फिर जिन्हें जो पहले से किसी न किसी बीमारी से पीड़ित है. इनमें सबसे ज्यादा सावधानी बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को रखने की हिदायत दी जा रही है. भोपाल में पिछले दिनों 2 मामले ऐसे सामने आए हैं, जहां गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण हुआ है. जिनमें से एक महिला और उसके बच्चे की मौत हुई है.
बता दें कि भोपाल के हमीदिया, सुल्तानिया और एम्स अस्पताल में 2 दर्जन से भी ज्यादा डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ कोरोना वायरस के संक्रमित मिल चुके हैं. वही एक डॉक्टर के कोरोना संक्रमित होने से नवजात बच्चे को भी कोरोना संक्रमण हो गया था.

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