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अज्ञात किसानों के नाम पर दर्ज केस वापस लेगी एमपी सरकार, सीएम लेंगे आखिरी फैसला - Case filed against farmers

आरक्षण और किसान आंदोलन के समय दर्ज अज्ञात मुकदमों को मध्यप्रदेश सरकार वापस लेने की तैयारी कर रही है. गृहमंत्री बाला बच्चन और जनसंपर्क एंव विधि मंत्री पीसी शर्मा की मौजूदगी में प्रकरणों को वापस लेने का फैसला लिया गया है. मामवे पर 11 दिसंबर को फिर बैठक आयोजित की जाएगी.

Case Return Meeting
केस वापसी को लेकर बैठक
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Published : Dec 7, 2019, 1:51 PM IST

Updated : Dec 7, 2019, 3:28 PM IST

भोपाल | आरक्षण और किसान आंदोलन के दौरान लगभग 45 हजार अज्ञात किसानों को आरोपी बनाकर प्रशासन ने केस दर्ज किए थे. प्रकरणों की वापसी के संबंध में गृहमंत्री बाला बच्चन और जनसंपर्क एवं विधि मंत्री पीसी शर्मा की मौजूदगी में विचार-विमर्श बैठक आयोजित की गई. बैठक में किसान आंदोलन के समय अज्ञात किसानों के नाम पर दर्ज किए गए प्रकरणों को वापस लेने का निर्णय लिया गया.

केस वापसी को लेकर बैठक

हालांकि गंभीर अपराधों के मामलों में परीक्षण करने के बाद ही फैसला लिया जाएगा. कुछ किसानों के ऊपर धारा 307 सहित अन्य धाराओं में भी मामले दर्ज किए गए थे. कई मामलों में सुनवाई अंतिम दौर में पहुंच गई है. अगर केस वापसी पर जल्द फैसला नहीं लिया गया तो इस प्रक्रिया का लाभ मुकदमा दर्ज किसान नहीं ले पाएंगे. पीसी शर्मा ने कहा कि प्रक्रिया के तहत केस वापसी आवेदन करना जरूरी होता है जिसके बाद समिति विचार कर इन्हें आगे बढ़ाने की प्रक्रिया करती है.

लेकिन कुछ लोगों ने आवेदन नहीं दिए हैं. बैठक के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि प्रशासन ने बदले की भावना से कार्रवाई करते हुए किसानों के ऊपर झूठे मामले बनाए हैं. गृहमंत्री और विधि मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि सभी किसानों के प्रकरण वापस लिए जाएंगे. इस संबंध में मुख्यमंत्री के साथ जल्द चर्चा की जाएगी. अगली बैठक 11 दिसंबर को रखी गई है.

भोपाल | आरक्षण और किसान आंदोलन के दौरान लगभग 45 हजार अज्ञात किसानों को आरोपी बनाकर प्रशासन ने केस दर्ज किए थे. प्रकरणों की वापसी के संबंध में गृहमंत्री बाला बच्चन और जनसंपर्क एवं विधि मंत्री पीसी शर्मा की मौजूदगी में विचार-विमर्श बैठक आयोजित की गई. बैठक में किसान आंदोलन के समय अज्ञात किसानों के नाम पर दर्ज किए गए प्रकरणों को वापस लेने का निर्णय लिया गया.

केस वापसी को लेकर बैठक

हालांकि गंभीर अपराधों के मामलों में परीक्षण करने के बाद ही फैसला लिया जाएगा. कुछ किसानों के ऊपर धारा 307 सहित अन्य धाराओं में भी मामले दर्ज किए गए थे. कई मामलों में सुनवाई अंतिम दौर में पहुंच गई है. अगर केस वापसी पर जल्द फैसला नहीं लिया गया तो इस प्रक्रिया का लाभ मुकदमा दर्ज किसान नहीं ले पाएंगे. पीसी शर्मा ने कहा कि प्रक्रिया के तहत केस वापसी आवेदन करना जरूरी होता है जिसके बाद समिति विचार कर इन्हें आगे बढ़ाने की प्रक्रिया करती है.

लेकिन कुछ लोगों ने आवेदन नहीं दिए हैं. बैठक के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि प्रशासन ने बदले की भावना से कार्रवाई करते हुए किसानों के ऊपर झूठे मामले बनाए हैं. गृहमंत्री और विधि मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि सभी किसानों के प्रकरण वापस लिए जाएंगे. इस संबंध में मुख्यमंत्री के साथ जल्द चर्चा की जाएगी. अगली बैठक 11 दिसंबर को रखी गई है.

Intro:आंदोलन के दौरान अज्ञात किसानों के ऊपर दर्ज प्रकरण वापस लेने की तैयारी

भोपाल | आरक्षण और किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए प्रकरणों की वापसी के संबंध में मंत्रालय में गृहमंत्री बाला बच्चन और जनसंपर्क एवं विधि मंत्री पीसी शर्मा की मौजूदगी में विचार-विमर्श बैठक आयोजित की गई . इस बैठक के दौरान किसान आंदोलन के वक्त अज्ञात किसानों के नाम पर दर्ज किए गए प्रकरणों को वापस लेने का निर्णय लिया गया है . बैठक के दौरान बताया गया है कि करीब 40 से 45 हजार अज्ञात किसानों को आरोपी बनाया गया था जिनको वापस लेने की कवायद की जानी चाहिए . बैठक के दौरान पूर्व विधायक पारस सकलेचा ,किसान नेता सहित ,गृह विभाग, अभियोजन और विधि विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे .


Body:बैठक के दौरान बताया गया कि गंभीर अपराधों के मामलों में अलग-अलग परीक्षण करने के बाद निर्णय लिया जाएगा . बैठक में मौजूद पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने बताया कि करीब 40 से 45 हजार अज्ञात किसानों के ऊपर प्रकरण दर्ज किए गए हैं . वहीं कुछ किसानों के ऊपर धारा 307 सहित अन्य धाराओं में भी मामले दर्ज किए गए थे . कुछ मामलों में सुनवाई अंतिम दौर में पहुंच गई है , यदि प्रकरण वापसी पर जल्द निर्णय नहीं होता है तो फिर इस प्रक्रिया का फायदा नहीं हो पाएगा . करीब 20 मामले गंभीर अपराधों को लेकर भी दर्ज हुए हैं .



बता दें कि सरकार ने नेता कार्यकर्ता किसान अनुसूचित जाति -जनजाति के लोगों के खिलाफ दर्ज झूठे मामलों को वापस लेने का फैसला किया है. इसके तहत कुछ मंत्रियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज प्रकरण वापस लिए जा चुके हैं . प्रकरण वापसी के लिए जिला स्तर पर समिति भी बनाई गई है जो आवेदन करने पर गुण दोष के आधार पर शासन को सिफारिश भेजती है .



बैठक के दौरान विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि कई मामलों में अभी तक केस वापसी के लिए आवेदन ही नहीं किए गए हैं . प्रक्रिया के तहत आवेदन करना जरूरी है इसके बाद समिति विचार करके इन्हें आगे बढ़ाने की प्रक्रिया करती है इस दौरान अनुसूचित जाति -जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में बदलाव के विरोध में हुए आंदोलन के वक्त दर्ज प्रकरण भी वापस लिए जाएंगे .


Conclusion:बैठक के दौरान किसान नेताओं ने अपनी बात रखते हुए कहा है कि प्रशासन ने बदले की भावना से कार्यवाही करते हुए किसानों के ऊपर झूठे मामले बनाए हैं . पंचनामा तीन- तीन माह बाद बनाए गए और फरियादी कुछ बोल ही नहीं रहे और प्रकरण बना दिए गए . बैठक में गृहमंत्री और विधि मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि सभी किसानों के प्रकरण वापस लिए जाएंगे . अज्ञात किसानों के नाम पर दर्ज प्रकरणों को सबसे पहले वापस लिया जाएगा गंभीर . मामलों का परीक्षण करने के बाद ही निर्णय होगा. इस संबंध में जल्द मुख्यमंत्री के साथ भी चर्चा की जाएगी आगामी बैठक 11 दिसंबर को रखी गई है .
Last Updated : Dec 7, 2019, 3:28 PM IST
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