भोपाल। क्रिसमस के त्योहार के लिए राजधानी भोपाल के सभी चर्चों में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. ये त्योहार हटकर मनाया जाए, इसके लिए बरखेड़ा भेल स्थित सेंट जोसेफ चर्च को सजाने और अन्य तैयारियों के लिए युवाओं को जिम्मेदारी दी गयी है.
चर्च में तैयारी कर रहे युवा जयंत ने बताया कि हर बार बुजुर्गों को तैयारियों की जिम्मेदारी दी जाती है, पर इस बार उन्हें दी गयी है. अपनी जिम्मेदारी को खास बनाने के लिए प्रभु यीशु के जन्म की झांकी तैयार कर रहे हैं. पूरी झांकी लकड़ी, घास-फूस और मिट्टी से बनाई जा रही है. इसके जरिए प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने का संदेश भी लोगों को दे सकेंगे.क्रिसमस की तैयारियां पूरी, जागरूकता के लिए बनाई गई विशेष झांकी - Christmas news
क्रिसमस की तैयारियां जोरों पर है. सेंट जोसेफ चर्च में इस बार तैयारी का जिम्मा यहां के युवाओं को सौंपा गया है.
क्रिसमस की तैयारियां
भोपाल। क्रिसमस के त्योहार के लिए राजधानी भोपाल के सभी चर्चों में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. ये त्योहार हटकर मनाया जाए, इसके लिए बरखेड़ा भेल स्थित सेंट जोसेफ चर्च को सजाने और अन्य तैयारियों के लिए युवाओं को जिम्मेदारी दी गयी है.
चर्च में तैयारी कर रहे युवा जयंत ने बताया कि हर बार बुजुर्गों को तैयारियों की जिम्मेदारी दी जाती है, पर इस बार उन्हें दी गयी है. अपनी जिम्मेदारी को खास बनाने के लिए प्रभु यीशु के जन्म की झांकी तैयार कर रहे हैं. पूरी झांकी लकड़ी, घास-फूस और मिट्टी से बनाई जा रही है. इसके जरिए प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने का संदेश भी लोगों को दे सकेंगे.
श्रेया ने बताया कि झांकी में थोड़ा बदलाव करके इसमें एक नयापन जोड़ रहे हैं, जन्म की झांकी को बिल्डिंग की झांकी के बीच रखा जाएगा. जिसमें ये दिखाने की कोशिश है कि पहले के समय में लोग कैसे रहते थे और अब कैसे रहते हैं. युवाओं का कहना है कि प्रभु यीशु तब भी सबकी मदद करते थे और अब भी सबकी मदद करते हैं.
श्रेया ने बताया कि झांकी में थोड़ा बदलाव करके इसमें एक नयापन जोड़ रहे हैं, जन्म की झांकी को बिल्डिंग की झांकी के बीच रखा जाएगा. जिसमें ये दिखाने की कोशिश है कि पहले के समय में लोग कैसे रहते थे और अब कैसे रहते हैं. युवाओं का कहना है कि प्रभु यीशु तब भी सबकी मदद करते थे और अब भी सबकी मदद करते हैं.
Intro:भोपाल- 25 दिसम्बर को मनाएं जाने वाले क्रिसमस के त्यौहार के लिए राजधानी भोपाल के सभी चर्चों में तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है।
भोपाल के बरखेड़ा भेल स्थित सेंट जोसेफ चर्च में इस बार यहां के युवाओं को तैयारियों की जिम्मेदारी दी गयी है ताकि वह कुछ नया कर सकें।
Body:अपनी तैयारियों के बारे में जयंत ने बताया कि हर बार चर्च के बुजुर्गों को तैयारियों की जिम्मेदारी दी जाती है पर इस बार हमें दी गयी है।
अपनी जिम्मेदारी को खास बनाने के लिए हम जो प्रभु यीशु मसीह के जन्म की झांकी तैयार कर रहे है उसमें हम प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं कर रहे है। पूरी झांकी लकड़ी,घास-फूस और मिट्टी सड़ बनाई जा रही है,ताकि हम प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने का संदेश लोगों को दे सकें।
Conclusion:वहीं श्रेया ने बताया कि झांकी में थोड़ा बदलाव करके हम इसे एक नयापन जोड़ रहे है। जन्म की झांकी को बिल्डिंग की झांकी के बीच रखा जाएगा और यह दिखाने की हमारी कोशिश है कि पहले के समय में लोग कैसे रहते थे औऱ अब कैसे रहते है पर प्रभु यीशु मसीह तब भी सबकी मदद करते थे और अब भी सबकी मदद करते है।
बता दें कि कल शाम से प्रभु यीशु मसीह के जन्म के कार्यक्रम हर चर्च में शुरू होंगे और 25 दिसम्बर की सुबह प्रार्थना होंगी और सारा दिन लोग उनके जन्म की खुशियां मनाएंगे।
भोपाल के बरखेड़ा भेल स्थित सेंट जोसेफ चर्च में इस बार यहां के युवाओं को तैयारियों की जिम्मेदारी दी गयी है ताकि वह कुछ नया कर सकें।
Body:अपनी तैयारियों के बारे में जयंत ने बताया कि हर बार चर्च के बुजुर्गों को तैयारियों की जिम्मेदारी दी जाती है पर इस बार हमें दी गयी है।
अपनी जिम्मेदारी को खास बनाने के लिए हम जो प्रभु यीशु मसीह के जन्म की झांकी तैयार कर रहे है उसमें हम प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं कर रहे है। पूरी झांकी लकड़ी,घास-फूस और मिट्टी सड़ बनाई जा रही है,ताकि हम प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने का संदेश लोगों को दे सकें।
Conclusion:वहीं श्रेया ने बताया कि झांकी में थोड़ा बदलाव करके हम इसे एक नयापन जोड़ रहे है। जन्म की झांकी को बिल्डिंग की झांकी के बीच रखा जाएगा और यह दिखाने की हमारी कोशिश है कि पहले के समय में लोग कैसे रहते थे औऱ अब कैसे रहते है पर प्रभु यीशु मसीह तब भी सबकी मदद करते थे और अब भी सबकी मदद करते है।
बता दें कि कल शाम से प्रभु यीशु मसीह के जन्म के कार्यक्रम हर चर्च में शुरू होंगे और 25 दिसम्बर की सुबह प्रार्थना होंगी और सारा दिन लोग उनके जन्म की खुशियां मनाएंगे।