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सतर्कताः monsoon आने से पहले बाढ़ से निपटने की हो रही तैयारी

प्रदेश में वर्ष 2020 में आई बाढ़ के बाद मप्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (MP State Disaster Management Authority) सतर्क हो गया है. इस बार प्राधिकरण ने monsoon आने से पहले ही बाढ़ से बचाव की तैयारी करना शुरू कर दिया है. प्राधिकरण का कहना है कि प्रदेश में 11 नदी बेसिन और 36 जिलों में बाढ़ आने की आशंका होती है. हमने इन जिलों और बेसिन को चिन्हित कर लिया है. और आपदा प्रबंधन के दौरान एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

Preparedness to deal with floods
बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी
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Published : Jun 1, 2021, 9:27 PM IST

Updated : Jun 1, 2021, 11:01 PM IST

भोपाल। monsoon आने के बाद एक ओर तो किसानों के चहरे पर खुशी तो आ जाती है, लेकिन कई बार अति वर्षा के कारण बाढ़ जैसी समस्या का सामना भी करना पड़ता है. पिछले साल 2020 में हुई बारिश के दौरान आई बाढ़ से सबक लेते हुए मानसून की दस्तक से पहले ही मध्य प्रदेश में इससे निपटने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके लिए मप्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (MP State Disaster Management Authority) ने योजना बनाई है. जिसके तहत जिला से लेकर गांवों तक आपदा प्रबंधन समितियां बनाई जा रही है. जिला स्तर पर मीटिंग के बाद बाढ़ संभावित स्थलों का मुआयना भी शुरु हो गया है. मप्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि इस बार बाढ़ जैसी आपदा से बचने के लिए लगभग पूरी तैयारियां कर ली है. प्रदेश में 11 नदी बेसिन है और 36 जिले ऐसे है जिनमें बाढ़ की आशंका होती है. इन सभी जिलों के लिए हम तैयारियां कर रहे है.

बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी
  • इस तरह कर रहे है तैयारी

प्रदेश के सभी जिलों में जिला कलेक्टकर की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बनाए गए हैं. मानसून से पहले बाढ़ से बचाव के लिए जरूरी तैयारी किए जाने को लेकर राज्य प्राधिकरण के सहयोग से जिलों का जिला आपदा प्रबंधन योजना तैयार की गई है. योजना में बाढ़ संभावित क्षेत्रों को चिन्हित करने, जिले का बाढ़ जोखिम मानचित्र, प्रभावित गांवों का नाम, पहुंच विहीन गांवों का नाम, प्रभावित होने वाले पुल और पुलियाओं का विवरण तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही योजना में जिला, विकासखंड और स्थानीय स्तर पर इंसिडेंट रिस्पांस टीम और आपदा प्रबंधन समिति का गठन करने को भी कहा गया है.

flood affected area
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र

monsoon update: MP के कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश, जानें कब तक आएगा मानसून

  • चल रही 15 दिन की ट्रेनिंग

आपदा प्रबंधन के दौरान एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होम गार्ड्स, जिला प्रशासन, स्थानीय निकाय, राजस्व और कृषि विभाग सहित अन्य संस्थाओं से कर्मचारी मिलकर काम करते हैं. बाढ़ से निपटने को लेकर राजधानी भोपाल में 15 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स आयोजित किया गया है, जिसमें होम गार्ड्स के जवानों को बाढ़ आने के दौरान बचाव को लेकर नाव चलाने और लाइफ जैकेट के उपयोग जैसी जरूरी ट्रेनिंग दी जा रही है.

River Basin
नदी का जलाशय

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  • पिछले साल बुलाए गए थे सेना के पांच हेलीकाप्टर

पिछले साल बाढ़ में मध्य प्रदेश में सबसे खराब स्थिति होशंगाबाद जिले की थी. जहां लगातार भारी बारिश और तवा, बारना, बरगी बांध से पानी छोड़े जाने से नर्मदा नदी में बाढ़ के हालात बने थे. प्रदेश में बाढ़ से निपटने के लिए सेना के पांच हेलीकॉप्टर बुलाए गए थे. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों सीहोर, होशंगाबाद और नर्मदा किनारे गांवों का हवाई दौरा भी किया था. पिछले साल छिंदवाडा जिले में 5 व्यक्तियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित बचाया गया था. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने लगातार बचाव कार्यों में काम किया.

भोपाल। monsoon आने के बाद एक ओर तो किसानों के चहरे पर खुशी तो आ जाती है, लेकिन कई बार अति वर्षा के कारण बाढ़ जैसी समस्या का सामना भी करना पड़ता है. पिछले साल 2020 में हुई बारिश के दौरान आई बाढ़ से सबक लेते हुए मानसून की दस्तक से पहले ही मध्य प्रदेश में इससे निपटने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसके लिए मप्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (MP State Disaster Management Authority) ने योजना बनाई है. जिसके तहत जिला से लेकर गांवों तक आपदा प्रबंधन समितियां बनाई जा रही है. जिला स्तर पर मीटिंग के बाद बाढ़ संभावित स्थलों का मुआयना भी शुरु हो गया है. मप्र राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि इस बार बाढ़ जैसी आपदा से बचने के लिए लगभग पूरी तैयारियां कर ली है. प्रदेश में 11 नदी बेसिन है और 36 जिले ऐसे है जिनमें बाढ़ की आशंका होती है. इन सभी जिलों के लिए हम तैयारियां कर रहे है.

बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी
  • इस तरह कर रहे है तैयारी

प्रदेश के सभी जिलों में जिला कलेक्टकर की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बनाए गए हैं. मानसून से पहले बाढ़ से बचाव के लिए जरूरी तैयारी किए जाने को लेकर राज्य प्राधिकरण के सहयोग से जिलों का जिला आपदा प्रबंधन योजना तैयार की गई है. योजना में बाढ़ संभावित क्षेत्रों को चिन्हित करने, जिले का बाढ़ जोखिम मानचित्र, प्रभावित गांवों का नाम, पहुंच विहीन गांवों का नाम, प्रभावित होने वाले पुल और पुलियाओं का विवरण तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही योजना में जिला, विकासखंड और स्थानीय स्तर पर इंसिडेंट रिस्पांस टीम और आपदा प्रबंधन समिति का गठन करने को भी कहा गया है.

flood affected area
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र

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  • चल रही 15 दिन की ट्रेनिंग

आपदा प्रबंधन के दौरान एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होम गार्ड्स, जिला प्रशासन, स्थानीय निकाय, राजस्व और कृषि विभाग सहित अन्य संस्थाओं से कर्मचारी मिलकर काम करते हैं. बाढ़ से निपटने को लेकर राजधानी भोपाल में 15 दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स आयोजित किया गया है, जिसमें होम गार्ड्स के जवानों को बाढ़ आने के दौरान बचाव को लेकर नाव चलाने और लाइफ जैकेट के उपयोग जैसी जरूरी ट्रेनिंग दी जा रही है.

River Basin
नदी का जलाशय

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  • पिछले साल बुलाए गए थे सेना के पांच हेलीकाप्टर

पिछले साल बाढ़ में मध्य प्रदेश में सबसे खराब स्थिति होशंगाबाद जिले की थी. जहां लगातार भारी बारिश और तवा, बारना, बरगी बांध से पानी छोड़े जाने से नर्मदा नदी में बाढ़ के हालात बने थे. प्रदेश में बाढ़ से निपटने के लिए सेना के पांच हेलीकॉप्टर बुलाए गए थे. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों सीहोर, होशंगाबाद और नर्मदा किनारे गांवों का हवाई दौरा भी किया था. पिछले साल छिंदवाडा जिले में 5 व्यक्तियों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित बचाया गया था. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने लगातार बचाव कार्यों में काम किया.

Last Updated : Jun 1, 2021, 11:01 PM IST
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