भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए मतदान 3 नवंबर को हो चुके हैं, जिनके नतीजे आने में अब सिर्फ कुछ ही घंटे बाकी रह गए हैं. मतदान होने के बाद मतगणना के लिए तैयारी पूरी हो चुकी है. इस बार मतगणना की प्रक्रिया में बदलाव किए गए हैं. कोरोना काल के मद्देनजर इस बार व्यवस्थाओं में बदलाव किया गया है. जानें क्या किए गए हैं व्यवस्थाओं में बदलाव-
![preparation for vote counting](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9485339_11.jpg)
14 टेबलों पर होगी मतगणना
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस बार भी 14 टेबलों पर ही मतगणना होगी. एक टेबल पर एक बार में सिर्फ एक मतदान केंद्र की गणना होगी.
लाइव होगी काउंटिंग
इस बार वोटों की काउंटिंग के लिए मशीन के पास मत गणना एजेंट नहीं बैठेंगे. इसके अलावा मतगणना हॉल में भी प्रत्याशियों के एजेंट्स को प्रवेश नहीं मिलेगा. इस बार वेब कास्टिंग और वीडियोग्राफी CCTV के जरिए सिर्फ स्क्रीन पर मतगणना लाइव देखी जाएगी. साथ ही हर एक मतगणना टेबल की माइक्रो वीडियोग्राफी होगी.
एक राउंड करीब 30 मिनट का
मतगणना के दौरान एक राउंड करीब 30 मिनट में पूरा होता है. ये राउंड विधानसभा क्षेत्र के टोटल मतदान केंद्रों के हिसाब से तय होते हैं. मतदान केंद्रों की संख्या और टेबलों के आधार पर राउंड तय होते हैं. इसके अलावा एक EVM मशीन करीब एक से डेढ़ मिनट का समय मत की गणना में लगाती है.
देर से आएंगे नतीजे
चुनाव आयोग ने जो इस बार व्यवस्थाओं में फेरबदल किए हैं. उसके चलते इस बार चुनाव के रिजल्ट थोड़ी देर से आएंगे. इस दौरान पहले बैलेट पेपर के जरिए किए गए मतों की नतीजें आऐंगे और फिर EVM मशीन के.
मतगणना में लगेगा ज्यादा समय
कोरोना संक्रमण के कारण इस बार बूथों की संख्या बढ़ा दी गई है. ऐसे में जाहिर सी बात है कि बूथों की संख्या बढ़ने के कारण एक क्षेत्र के लिए हो रही मतगणना में ज्यादा समय लगेगा.
![preparation for vote counting](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9485339_mobile.png)
मोबाइल रहेगा प्रतिबंधित
मतगणना केंद्र के अंदर किसी भी तरह का इलेक्ट्रिॉनिक उपकरण नहीं ले जाया जा सकेगा. एजेंट या प्रत्याशी केवल कागज, पेन ही अंदर ले जा पाएंगे. मोबाइल प्रतिबंधित रहेगा. पूरा मतगणना केंद्र CCTV की निगरानी में रहेंगे. यहां तक कि जिस कक्ष से EVM मशीनें गणना कक्ष तक लाई जाएंगी. वहां भी कैमरे लगाए गए हैं. इस प्रक्रिया को प्रत्याशियों के प्रतिनिधि देख सकेंगे.
शांतिपूर्ण होगी काउंटिंग
इस बार काउंटिंग टेबल के सामने 12 कुर्सियां लगाई जाएंगी और प्रत्याशियों या उनके प्रतिनिधियों को वहीं अपडेट मिलेगी. मतगणना पूरी तरह शांतिपूर्ण हो, इसके लिए मतगणना केंद्र के सामने वाले रास्ते को 'नो व्हीकल जोन' बनाया गया है.
प्रवेश से पहले होगी थर्मल स्क्रीनिंग
मतगणना केंद्र के बाहर रास्ते में आवाजाही को भी बंद कर दिया गया है. यहां लोग सिर्फ पैदल ही निकल पाएंगे. इसके अलावा मतगणना में शामिल कर्मचारियों को 6.30 बजे पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं. मतगणना केंद्र में जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को बिना आई कार्ड के प्रवेश नहीं मिलेगा. वहां पहुंचने वाले सभी लोगों की गेट पर पहले पूरी जांच की जाएगी और थर्मल स्क्रीनिंग भी होगी.
कहां कितने राउंड में होगी मतगणना
- जौरा- 26 राउंड
- सुमावली- 26 राउंड
- मुरैना- 27 राउंड
- दिमनी- 23 राउंड
- अंबाह- 23 राउंड
- मेहगांव- 27 राउंड
- गोहद- 24 राउंड
- ग्वालियर- 30 राउंड
- ग्वालियर पूर्व- 32 राउंड
- डबरा- 24 राउंड
- भांडेर- 19 राउंड
- करेरा- 26 राउंड
- पोहरी- 23 राउंड
- बमोरी- 22 राउंड
- अशोकनगर- 22 राउंड
- मुंगावली- 21 राउंड
- सुरखी- 22 राउंड
- मलहरा- 28 राउंड
- अनूपपुर- 18 राउंड
- सांची- 27 राउंड
- ब्यावरा- 25 राउंड
- आगर- 22 राउंड
- हाटपिपल्या- 21राउंंड
- मांधाता- 21 राउंड
- नेपानगर- 22 राउंड
- बदनावर- 22 राउंड
- सांवेर- 28 राउंड
- सुवासरा- 28 राउंड
इन सभी सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, जिनमें से 16 सीट ग्वालियर चंबल-अंचल से हैं.
वर्तमान में प्रदेश की सीटों का गणित
मध्य प्रदेश में सत्ता के अंक गणित की बात की जाए, तो प्रदेश में कुल विधायकों की संख्या 230 है, जिसमें हाल ही में एक विधायक के इस्तीफे के बाद 229 रह गई है. वर्तमान में विधायकों की संख्या के हिसाब से सरकार को बहुमत हासिल करने के लिए 115 विधायकों की जरूरत होगी. मौजूदा समय मे बीजेपी के पास 107 विधायक हैं और बहुमत के लिए बीजेपी को 8 विधायकों की जरूरत है. वहीं कांग्रेस के पास विधायकों की संख्या सिर्फ 87 रह गई है. उपचुनाव वाली सभी 28 सीटें जीतने के बाद ही कांग्रेस के हाथ सत्ता की कुर्सी लग पाएगी.